देहरादून में स्थापित होगी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी

युवाओं खासतौर पर उन छात्र-छात्राओं के लिए के लिए खुशखबरी है जो कि विधि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। प्रदेश को क्वालिटी एजुकेशन हब बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष स्नेह है। इससे पूर्व डोईवाला में सीपैट की न केवल स्थापना की जा चुकी है बल्कि उसमें कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। किच्छा व लालढांग में दो नए माॅडल डिग्री काॅलेज व पौड़ी के पैठानी में व्यावसायिक काॅलेज के लिए तो भूमि चयन के साथ बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है। हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने रूसा के तहत इनका रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी किया था।
इस समय देश में 21 नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी हैं जिनमें क्लेट के माध्यम से प्रवेश होते हैं। इनमें स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। उत्तराखण्ड में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी, क्वालिटी व रोजगारपरक शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगा। देहरादून के रानीपोखरी में लगभग 10 एकड़ भूमि में इसकी स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि राज्य में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी की स्थापना से प्रदेश के साथ ही देश भर के प्रतिभावान छात्र-छात्राएं यहां आएंगे। इससे यूनिवर्सिटी के निकटवर्ती क्षेत्रों की आर्थिकी को भी फायदा होगा। प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड को एजुकेशन व टूरिज्म हब बनाना चाहती है। इसमें केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डबल इंजन की डबल रफ्तार देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी की गरिमा के अनुरूप पुनर्निर्माण किया गया है। चार धाम आॅल वेदर रोड़ पर तेजी से काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन पर भी समयबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में हवाई सेवाओं का काफी विस्तार हुआ है।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को दिए तीन नए महाविद्यालय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित होने वाले 70 नये माॅडल डिग्री काॅलेजों, 11 व्यवसायिक काॅलेजों, एक महिला विश्व विद्यालय तथा 60 से अधिक उद्यमिता व नवाचार से संबंधित उच्च शिक्षण संस्थाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रिमोट दबाकर शिलान्यास किया। इसमें उत्तराखण्ड के किच्छा एवं लागढ़ांग में दो नये माॅडल डिग्री काॅलेज के साथ ही पैठाणी में एक व्यवसायिक महाविद्यालय का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित होने वाले ये शिक्षण संस्थान भी नये भारत के निर्माण में रिसर्च इनोवेशन, इन्क्यूबेशन, स्र्टाट अप के लिये एक नया टेम्परामेंट विकसित करने में मददगार होंगे। उन्होंने कहा कि देशभर के स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब हो, अटल इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित करने की दिशा में भी कार्य हो रहा है। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान व जय अनुसंधान का हमारा संकल्प आज और सशक्त हो रहा है तथा इस सशक्तिकरण का गवाह आज श्रीनगर बना है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य में दो माॅडल डिग्री काॅलेजों एवं एक व्यवसायिक महाविद्यालय की स्थापना के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किच्छा, लालढ़ांग एवं पैठाणी में माॅडल व व्यवसायिक काॅलेजों की स्थापना से इन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की आधुनिक एवं तकनीकि दक्षता की पहुंच होगी तथा इससे राज्य में युवाओं के लिये बेहतर भविष्य के मार्ग खुलेंगे। पैठाणी जैसे क्षेत्र में व्यवसायिक महाविद्यालय युवाओं को तकनीकि दक्षता उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों के और अधिक तकनीकि दक्षता युक्त युवा देश की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।

पैठाणी में स्थापित होने वाले व्यवसायिक महाविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव विनोद रतूडी एवं जिलाधिकारी पौड़ी उपस्थित थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि किच्छा व लालढांग कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार से 12-12 करोड़ और पैठाणी व्यावसायिक कॉलेज के लिए 26 करोड़ की राशि मंजूर हुई है। पैठाणी कॉलेज ऐसा होगा, जिसमें सिर्फ रोजगारपरक पाठ्यक्रम ही संचालित होंगे। इन कॉलेजों के लिए भूमि चयन समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
लालढांग में स्थापित होने वाले माॅडल डिग्री काॅलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक यतीश्वरानन्द, अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति दीप्ति रावत आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर सांसद डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लालढांग के मीठी बेरी में स्थापित होने वाले इस माॅडल डिग्री काॅलेज से पूरे क्षेत्र में आदर्श व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध होगी तथा इस क्षेत्र के युवाओं की प्रतिभा को मुखर होकर उभरने का मौका मिलेगा।

किच्छा के खुरपिया फार्म में 13 एकड़ भूमि पर बनने वाले मॉडल डिग्री कॉलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नीरज खैरवाल, उच्च शिक्षा निदेशक बी.सी.मलकानी उपस्थित थे। विधायक राजेश शुक्ला ने कहा किच्छा की तरक्की के दिन अब शुरू हो गए है। उन्होंने कार्यदाई संस्था से ऐसा भवन बनाने की अपील की जो टिके भी, उसकी गुणवत्त्ता एक मिसाल बने।

परेड में शामिल होकर एनसीसी कैडेट्स ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में गणतंत्र दिवस परेड में प्रतिभाग करने वाले एनसीसी कैडेटों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने परेड भाग लेने वाले एनसीसी केडैट्स को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेटों का गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर आयोजित होने वाली गरिमामय परेड के लिए चयनित होना गर्व एवं सम्मान की बात है। यह उनके जीवन का भी यादगार पल है। ऐसे मौके हर किसी को नही मिलते हैं। इस परेड के अनुभव उन्हें देश सेवा के लिये भी प्रेरित करते रहेंगे। एनसीसी अनुशासन का भी पर्याय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में एनसीसी अकादमी की स्थापना की जायेगी। एनसीसी अकादमी के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है, जल्द ही इसका शिलान्यास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एनसीसी अकादमी के समीप 6.5 करोड़ की लागत से एक झील का निर्माण भी किया जायेगा। इस एकेडमी की स्थापना से एनसीसी केडेटों को और बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे तथा आवश्यक सुविधाएं भी मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि एनसीसी का प्रशिक्षण उन्हें सैन्य बलों में अपनी सेवा देने में भी मददगार रहता है।
गौरतलब है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखण्ड से कुल 111 एनसीसी कैडेट्स का चयन हुआ था। जिन्होंने अपनी प्रतिभा से प्रदेश का भी नाम रोशन किया है।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा डाॅ.भूपिन्दर कौर औलख, महानिदेशक शिक्षा ज्योति यादव, निदेशक एनसीसी ब्रिगेडियर वहल, ब्रिगेडियर एस. मुखर्जी, एस.पी.सिंह, जे.एस.नेगी आदि उपस्थित थे।

“बालिका पंचायत” में मुख्यमंत्री ने छात्राओं से संवाद किया

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत किसान भवन देहरादून में आयोजित समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘‘बालिका पंचायत‘‘ में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बालिका पंचायत के माध्यम से बच्चों को सामूहिक रूप से रहने का अवसर प्राप्त हुआ है यह अपने आसपास के लोगों को और समाज को समझने का अच्छा अवसर है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस बालिका पंचायत में प्रतिभाग करने वाले सभी छात्र-छात्राओं के मध्य एक स्मृति प्रतियोगिता एवं इस दौरान अपने संस्मरण लिखने की प्रतियोगिता करवाई जाएगी, जिसके विजेता को मुख्यमंत्री द्वारा 1000 पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया जाएगा, साथ ही मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं से प्राप्त सुझावों पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के टाॅप-10 छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण पर वाघा बाॅर्डर सहित अन्य ऐसे संस्थानों का भ्रमण कराया जाए, जहाँ का भ्रमण कर हमारी युवा पीढ़ी कुछ सीख सके। भ्रमण के लिए स्थानों का चयन बहुत सोच-समझ कर किया जाए ताकि बच्चे ऐसी जगह जा सकें, जहाँ उन्हें सीखने को मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आवश्यकता क्वालिटी एजुकेशन की है। इसके साथ ही हर जिला मुख्यालय में एक ऐसी लाईब्रेरी होनी चाहिए जहां उत्तराखण्ड का साहित्य हो। इससे उन लोगों को सहायता मिलेगी, जो लोग उत्तराखण्ड के साहित्य और इतिहास को जानना-समझना चाहते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मोबाईल स्मार्ट क्लास और मोबाईल लैब का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मोबाईल स्मार्ट क्लास और मोबाईल वैन का विस्तार किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के माध्यम से अलग-अलग सुपर-100 छात्र-छात्राओं को आने वाली परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर सचिव शिक्षा डाॅ. भूपिन्दर कौर औलख सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

जावड़ेकर ने राज्य सरकार को दी बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत प्रदान की है। केन्द्र सरकार ने पौड़ी गढ़वाल स्थित श्रीनगर एनआइटी मामले में राज्य के रुख पर अपनी मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एनआइटी श्रीनगर का कैंपस नहीं बदला जाएगा। श्रीनगर में आइटीआइ और रेशम बोर्ड की भूमि पर अस्थायी रूप से नया कैंपस बनाया जाएगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के बाद अब बचे हुए शिक्षकों को भी राहत देने का भरोसा दिलाया है। शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य को मिलने वाली राशि का बकाया जल्द देने की सहमति भी केंद्र सरकार ने जताई है।
एनआइटी श्रीनगर पर गठित हाईपावर कमेटी ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में ही हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की। यह सहमति बनी कि एनआइटी श्रीनगर कैंपस नहीं बदलेगा। समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि सुमाड़ी की भूमि संस्थान के निर्माण के लिए किसी भी तरह अनुपयुक्त नहीं रही है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत मौजूद थे।

शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत, नये वर्ष में लागू हो सकता है प्रदेश के स्कूलों में फीस एक्ट

वर्ष 2019 में राज्य सरकार प्रदेश में फीस एक्ट लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए निजी स्कूलों को नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यह एक्ट के लागू होते हुए प्रदेश के स्कूलों में एक समान फीस अभिभावकों से वसूल की जाएगी।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के स्तर को उठाने की दिशा में पहल करने जा रही है। राज्य में बहुत जल्द फीस एक्ट लागू होने जा रहा है। हमने इसका संकेत प्राइवेट स्कूलों को दे दिया है। पब्लिक स्कूलों को साफ तौर पर कहा गया है कि आप जितनी सुविधा बच्चों को देते हैं, उतनी ही फीस अभिभावकों से वसूल की जाए। ऐसे स्कूल जिनमें सुविधाओं का अभाव है और वे ज्यादा फीस वसूल रहे हैं, ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कई विद्यालय हैं जहां व्यवस्थित खेल के मैदान और पढ़ाई के उच्च संसाधन नहीं हैं, वे अंग्रेजी मीडियम के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूल करते हैं। अब ये रवैया नहीं चलेगा। हमारी पूरी कोशिश है कि हम राज्य में अगले सत्र से ही फीस एक्ट लागू करें।

स्पर्श गंगा ने स्थापना दिवस पर गंगा में उतारा कूड़ा नियंत्रक उपकरण

स्पर्श गंगा अभियान के 10वें स्थापना दिवस पर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर ट्रैश बूम नामक उपकरण लगाया गया है। इस उपकरण की सहायता से गंगा में बहकर आने वाली गंदगी को दूर किया जा सकेगा।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने स्पर्श गंगा अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के स्थापना दिवस पर सोमवार को त्रिवेणी घाट पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्पर्श गंगा टीम की ओर से त्रिवेणी घाट पर यह सयंत्र स्थापित किया गया। सयंत्र का शुभारंभ ऋषिकेश की महापौर अनीता ममगाईं ने किया।

स्पर्श गंगा अभियान के गढ़वाल संयोजक एसएस भंडारी ने बताया कि सोमवार को स्पर्श गंगा अभियान का स्थापना दिवस है। इस अवसर पर गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए योजना तैयार की गई है। इसके तहत ट्रेश बूम सयंत्र स्थापित किया गया है। सयंत्र का निर्माण पश्चिम बंगाल की एक कंपनी ने किया है। उन्होंने कहा कि गंगा में बह कर आने वाला कचरा इसमें एकत्र हो जाएगा।

कंपनी के साइट इंजीनियर शुभम नेगी ने बताया कि ट्रेश बूम उपकरण पांच मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से आने वाले जल के दबाव को सहन कर सकता है। नदी में बहने वाली गंदगी जैसे कपड़े, फूल, पत्थर, पूजन सामग्री कीचड़, लकड़ी इस संयंत्र में फंस जाएगी। उसके बाद इस सामग्री को आसानी से हटाया जा सकेगा।

सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर की दो लाख की ठगी, पुलिस ने धर दबोचा

देहरादून के एक व्यक्ति को सरकारी टेंडर के जरिए ठेका दिलाने की बात कहने वाले फर्जी पीसीएस अधिकारी को दून पुलिस ने धर दबोचा है। फर्जी अधिकारी के पास कई सरकारी विभागों की मोहरे भी मिली है। पुलिस ने जानकारी के अनुसार पकड़ा गया युवक पीसीएस के इंटरव्यू में फेल हो जाने के बाद से फर्जी पीसीएस अधिकारी बनकर घूम रहा था।

एसपी सिटी पीके राय ने बताया कि मंगलवार को दून में प्रापर्टी डीलिंग और रेस्टोरेंट चलाने वाले ओमवीर सिंह ढाका निवासी ग्राम भवानीपुर, पोस्ट चंदोक, बिजनौर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनसे एक शख्स मिला। उसने अपना नाम सुधांशु पांडेय बताया और कहा कि वह सचिवालय में पीसीएस अधिकारी है और इन दिनों श्रम विभाग में कार्यरत है। कहा कि वह उसे श्रम विभाग में ठेकेदारी का लाइसेंस दिला देगा। इसके लिए उसने रुपये की मांग की।

ओमवीर ने बताया कि यह बात जब उसने अपने दोस्तों को बताई तो वह भी लाइसेंस लेने के लिए तैयार हो गए और सुधांशु को लगभग सवा दो लाख रुपये दे दिए। इसके बाद उसने सरकारी मोहर लगे कुछ दस्तावेज उन्हें दिखाए, लेकिन जब उसकी पड़ताल की गई तो वह फर्जी पाए गए।

एसपी सिटी ने बताया कि दस्तावेजों में सरकारी भाषा की नकल गई थी, लेकिन कई ऐसी बातें सामने आई, जिससे सुधांशु के फर्जी अधिकारी होने का शक पुख्ता हो गया। बुधवार को उसे आइटी पार्क के पास बुलाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुधांशु के पास से कई सरकारी मोहरें और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। उसके खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

अंग्रेजी बोलने में है अव्वल
सुधांशु पांडेय (32) पुत्र मुन्नू प्रसाद निवासी 126 किदवईनगर, थाना महराजगंज, कानपुर नगर दून में ग्राम चालंग थाना राजपुर में पिछले कई साल से रह रहा है। एसओ राजपुर अरविंद सिंह ने बताया कि सुधांशु फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। यही वजह थी कि जिससे भी वह बात करता, वह उसके झांसे में आ जाता। सुधांशु ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से एमएससी की परीक्षा 87 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। उसने 2006 में एसएससी मेन की परीक्षा पास की थी, लेकिन साक्षात्कार में फेल हो गया। वर्ष 2014 में उसने पीसीएस मेन क्वालीफाई किया, लेकिन यहां भी साक्षात्कार में उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुभारती मेडिकल कॉलेज हुआ सील

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब उत्तराखंड सरकार सुभारती मेडिकल कॉलेज को चलायेगी। गुरूवार को प्रशासन और पुलिस ने कॉलेज को सील कर दिया।

विदित हो कि दो साल पूर्व मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने सुभारती मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर तमाम खामियां पाई थी। इस पर एमसीआई ने कॉलेज की मान्यता का आवेदन स्वीकार नहीं किया था। 30 अगस्त 2017 को कॉलेज प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एमबीबीएस में दाखिले कराने की अर्जी दायर की। इस पर कोर्ट ने एक सितंबर 2017 में दाखिले के आदेश जारी किये थे।

मगर, इसके बाद मनीष वर्मा नाम के व्यक्ति ने खुद को सपंत्ति का मालिक बताकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। वहीं, कॉलेज के छात्रों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यह सभी छात्र कॉलेज की मान्यता को लेकर आशंकित थे। छात्रों ने स्वयं को अन्य कॉलेज में भेजने की याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और मेडिकल कांउसिल आफ इंडिया का पक्ष जाना।

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि उक्त संपत्ति श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज की है ही नहीं। कॉलेज संचालकों ने कोर्ट में गलत तथ्यों को पेश किया। इसके बाद न्यायधीश रोहिंटन फली नरीमन व एमआर साह की पीठ ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को आदेश दिए कि कॉलेज को तत्काल सील किया जाये। साथ ही एमसीआई के नियमों के अनुरूप एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाए। फैकल्टी व अन्य आवश्यक संसाधन की पूर्ति भी राज्य सरकार के स्तर पर की जाएगी।

आरोपों की पुष्टि होने पर विजिलेंस ने किया आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलपति को गिरफ्तार

विजिलेंस की टीम ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डा. मृत्युंजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस की टीम ने यह कार्यवाही डा. मिश्रा पर भ्रष्टाचार और जालजासी की पुष्टि होने के बाद की है। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की तीन टीमें मिश्रा के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 से 2017 तक तैनाती के दौरान से ही डा.मृत्युंजय मिश्रा का विवादों से नाता रहा है। कुल सचिव रहते हुए मिश्रा पर नियम विरुद्ध नियुक्तियां और लाखों रुपये की खरीदारी करने के गंभीर आरोप लगे। मिश्रा पर लगे इन आरोपों की शासन ने विजिलेंस से खुली जांच कराने के आदेश दिए। विजिलेंस निदेशक एडीजी राम सिंह मीना ने बताया कि जांच में विवि के धन का दुरुपयोग की पुष्टि हुई। मिश्रा ने विवि के 32 लाख 15 हजार अपने बैंक खातों में ट्रांसफर किए। इसके अलावा विवि को सामान की आपूर्तिकर्ता फर्म के साथ साठ-गांठ कर स्वयं और अपने परिजनों के खातों में नकद व बैंक ट्रांजेक्शन के जरिये 68 लाख दो हजार ट्रांसफर कराने की पुष्टि हुई है।

विजिलेंस ने इसी आधार पर 17 नवंबर को मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने बताया कि विजिलेंस की टीम लगातार मिश्रा पर नजर बनाए हुई थी। सोमवार को मौका पाते ही ईसी रोड से मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। मिश्रा से पूछताछ जारी है। विजिलेंस की तीन टीमों ने देर रात तक मिश्रा के घर, आयुर्वेद विवि और अमेजन ऑटोमेशन फर्म के दफ्तर में छापेमारी करती रही।

इनके खिलाफ भी मुकदमा होना तय
एसपी विजिलेंस प्रमोद कुमार ने बताया कि खुली जांच में जो गड़बड़ी मिली है, उसमें कई लोगों की संलिप्तता है। मुख्य आरोपित मृत्युंजय मिश्रा के अलावा उनकी पत्नी श्वेता मिश्रा, अमेजन ऑटोमेशन फर्म की संचालिका शिल्पा त्यागी, क्रिएटिव इलेट्रॉनिक्स फर्म की नूतन रावत और ड्राइवर अवतार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। विजिलेंस इनकी भूमिका की जांच कर रही है।