गढ़वाली गीत कैने मारी पिचकारी से नेगी ने की वापसी

लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी बीमारी की जंग जीतने के बाद एक बार फिर से गायकी से जलवा करने को तैयार है। होली का त्योहार नजदीक है और ऐसे में नेगी का पिचकारी सर्ररर, कैने मारी… वीडियो सॉन्ग सीएम आवास पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रिलीज किया। होली के अवसर पर यह गढ़वाली गीत उनके प्रशंसकों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है।

विदित हो कि बीमारी से उबरकर नेगी दा ने एक बार मंच में प्रस्तुति दी थी, मगर गढ़वाली वीडियो सॉन्ग उन्होंने पहली बार जारी किया है। समारोह में उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थता के चलते लंबे समय से लोकगायिकी से दूर थे। यह गढ़वाली वीडियो सॉन्ग उन्होंने होली के खास मौके पर बनाया है। बीमारी के बाद यह लोकगीत लोगों को समर्पित करते हुए वह काफी ऊर्जावान महसूस कर रहे हैैं। उन्होंने यह गीत गाकर समारोह में रंग जमा दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह लोकगीत होली को खास बनाएगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी का लोकगायिकी के प्रति समर्पण भाव प्रेरणास्रोत है। उनके स्वस्थ होने के बाद से प्रदेशवासी उनकी आवाज सुनने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे, जो आज पूरी हुई।

अब महापुरूषों की जयंती पर छुट्टी नहीं होगी

अब अगले सत्र से राज्य के समस्त विद्यालयों में महापुरूषों की जयंती पर अवकाश नहीं होगा। यह बात राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण के दौरान कही।
राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने दून के राजकीय इंटर कॉलेज डोभालवाला में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण कर कहा कि अगले सत्र से विद्यालयों में महापुरुषों की जयंती पर अवकाश के बदले विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि महापुरुषों की जयंती पर स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को उनकी जीवन से अवगत कराया जाए। इस दिन अवकाश रखने के बजाए राज्य के सभी स्कूल खुलेंगे और साथ ही शिक्षक सभी महापुरुषों के बलिदान का महत्व बच्चों को समझाएं।

उन्होंने बताया कि अगले सत्र में प्राथमिकता के तौर पर 220 दिन पढ़ाई का अकादमिक कैलेंडर लागू किया जाएगा। इस दौरान राजकीय इंटर कॉलेज डोभालवाला के प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने शिक्षा मंत्री से स्कूल में एक संगीत शिक्षक तैनात करने की मांग की। जिससे संगीत में रुचि रखने वाले छात्र इसमें भविष्य बना सकें।

रामू की फिल्म पर बैन लगाने की हुई मांग, पोर्न स्टार निभा रही है मुख्य किरदार

हाल ही में रामगोपाल वर्मा ने अपनी अपकमिंग मूवी गॉड सेक्स एंड ट्रुथ का ट्रेलर जारी किया। ट्रेलर काफी बोल्ड है। इस फिल्म के जरिए रामगोपाल, बॉलीवुड में पोर्न स्टार मिया माल्कोवा को लॉन्च कर रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही इस पर बहस भी छिड़ गई है। मामला राजनीतिक रूप लेता नजर आ रहा है। दक्षिण भारत में बीजेपी की एक महिला मोर्चा की लीडर ने रामगोपाल की फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी महिला मोर्चा की एक नेता करी नागलक्ष्मी ने इसे लेकर विजयवाड़ा के सूर्यापेट थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। करी ने सवाल किया है कि इस गंदी फिल्म के जरिए राम गोपाल वर्मा देश के युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं?

पोर्न स्टार मिया की हिन्दी फिल्म का ट्रेलर जारी, रामू बना रहे हैं फिल्म

करी ने दावा किया कि फिल्म भारत में विवाह की व्यवस्था पर असर डाल सकती है और युवाओं का करियर तबाह कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक करी की रामगोपाल वर्मा की फिल्म के खिलाफ करी की इस शिकायत पर राज्य के कई बीजेपी नेताओं ने भी समर्थन किया है।

अमेरिका की मशहूर पोर्न स्टार मिया माल्कोवा फिल्म में लीड रोल कर रही हैं। हाल ही में जारी हुए फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर में उनका बेहद बोल्ड लुक नजर आया है। सोशल मीडिया में इसकी खूब चर्चा हुई।

फूड चेन में काम करती थी ये लड़की, 16 की उम्र में बनी एडल्ट स्टार

इससे पहले साउथ के सुपरस्टार विजय की मर्सल को लेकर ऐसी ही स्थिति देखी गई थी। तब तमिलनाडु की बीजेपी ईकाई ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उनका आरोप था फिल्म में नोटबंदी और जीएसटी को लेकर गलत जानकारियां दी जा रही हैं। विवाद तूल पकड़ने की वजह से विजय के फिल्म की खूब पब्लिसिटी हुई और बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में मर्सल अब तक उनके करियर की बेस्ट फिल्म साबित हुई।

यहां दिन की शुरूआत होगी राष्ट्रगीत से

एक तरफ जहां पूरे देश में वंदे मातरम और राष्ट्रगान को लेकर बहस चल रही है। दूसरी ओर हरियाणा के एक गांव ने ऐसा फैसला किया है, जिससे पूरे गांव की दिन की शुरुआत राष्ट्रगान की आवाज से ही होगी। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के जाट बहुल भनकपुर गांव में अब रोज सुबह 8 बजे राष्ट्रगान बजेगा, इसके लिए गांव वालों ने 3 लाख रुपये खर्च कर करीब 20 लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे।

गांव में करीब 5000 की आबादी है। ऐसा करने वाला भनकपुर हरियाणा का पहला गांव होगा। गुरुवार को गांव के सरपंच सचिन मदोतिया ने इस बात का ऐलान किया। उनके साथ स्थानीय विधायक और अन्य नेता भी मौजूद रहे।

ऐसा बताया जा रहा है कि गांव का सरपंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनके ही घर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। उनका कहना है कि उन्हें ये आइडिया जब आया, जिस दौरान उन्होंने तेलंगाना के जम्मीकुंटा के बारे में सुना। वहां पर भी लोग अपने दिन की शुरुआत राष्ट्रगान से ही करते हैं।

भनकपुर गांव इससे पहले भी चर्चा का विषय बना रहा है। इस गांव में कुल 22 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, इसके अलावा गांव को स्वच्छता के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।

गौरतलब है कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को लेकर पिछले कुछ समय से बवाल जारी रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही सिनेमा हॉल में भी फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो गया है।

अनुकृति की शादी में नजर आयेगी पर्वतीय संस्कृति की झलक

फेमिना मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं जल्द ही परिणय सूत्र में बंधने जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने शादी को भव्य शाही अंदाज से कराने के लिये राजस्थान के उदयपुर पैलेस को चुना है। बता दें कि अनुकृति की शादी वन मंत्री हरक सिंह रावत व पौड़ी की जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत के पुत्र तुषित रावत के साथ तय हुयी है। तुषित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के एमडी भी है।

फेमिना मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं के अनुसार वह चाहती हैं कि शादी शाही अंदाज में तो हो, लेकिन उसमें पहाड़ की संस्कृति एवं परंपराओं का भी ध्यान रखा जाए। इसके लिए राजस्थान के उदयपुर पैलेस में शादी समारोह आयोजित करने की योजना है। हालांकि, शादी के सभी प्रमुख कार्यक्रम उत्तराखंड में ही होंगे। अनुकृति कहती हैं कि शादी में कुमाऊंनी और गढ़वाली परंपराओं का निर्वाह किया जाएगा। इसके अलावा 19 अप्रैल को देहरादून में रिसेप्शन रखा गया है।
अनुकृति बताती हैं कि दोनों परिवार एक-दूसरे को काफी लंबे समय से जानते हैं। दोनों का ही एक-दूसरे के घर आना जाना है। सो, मम्मी-पापा ने ही शादी तय की। जब उन्होंने मुझसे इस बारे में पूछा तो मैंने भी अपनी सहमति जता दी।

अनुकृति ने बताया कि शादी और रिसेप्शन के लिए लहंगे मुंबई में अलग-अलग डिजाइनर तैयार कर रहे हैं। लेकिन, शादी में वह कुमाऊंनी पिछौड़ा और टिहरी की नाथ जरूर पहनेंगी। बता दें कि अनुकृति की मां कुमाऊं और पापा गढ़वाल से ताल्लुक रखते हैं।

अनुकृति ने बताया कि शादी के बाद वह उत्तराखंड की बेटियों को आगे लाने के लिए काम करेंगी। राजनीतिक परिवार की बहू बनने जा रही अनुकृति से जब राजनीति में प्रवेश के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, अभी इस बारे में कुछ सोचा नहीं है। लेकिन, महिलाओं को लेकर काम करती रहेंगी। उधर, वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि गुसाईं परिवार से हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। दोनों परिवार यही चाहते थे। फिर दोनो बच्चे भी सेटल हैं तो जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने भी इसके लिए सहमति दे दी।

गंगा की स्वच्छता का जिम्मा जर्मनी से आयी टीम के हाथों


जर्मनी के प्रतिनिधिमण्डल नेे सचिवालय में डिप्टी मिशन चीफ डॉ.जेस्पर वेक के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया। मिशन चीफ के साथ फेडरल मिनिस्ट्री के साउथ एशिया डिवीजन हेड डॉ.रोलफ्राम क्लेन, जर्मन डेवलपमेंट बैंक के सीनियर पॉलिसी ऑफिसर, जीआईजेड(जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल टेक्निकल कोऑपरेशन) के कंट्री डायरेक्टर डॉ.यूरिक रिवेरे, सिल्के पालविज सहित अन्य अधिकारी थे। जीआईजेड उत्तराखण्ड में गंगा नदी की स्वच्छता, चिकित्सा, कौशल विकास में तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा।

गंगा नदी की स्वच्छता के लिए जर्मनी के मिशन चीफ के समक्ष 920 करोड़ रूपये के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। जीआईजेड को बताया गया कि हरिद्वार, ऋषिकेश, तपोवन, मसूरी, देहरादून में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नेटवर्किंग का कार्य किया जायेगा। इन शहरों में 265.47 एमएलडी सीवेज निकलता है। इनके नेटवर्किंग 574.26 किमी में की जानी है। जर्मन मिशन ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाये गये डीपीआर का मूल्यांकन जर्मन तकनीकी टीम द्वारा किया जा रहा है। जीआईजेड गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 920 करोड़ रूपये दिये जाने पर जल्द निर्णय लेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का संकल्प है कि गंगा नदी स्वच्छ व निर्मल हो। कोई भी नाला गंगा नदी में नही गिरने दिया जायेगा, इसके लिए गंगा किनारे के कस्बों में कार्य चल रहा है। जर्मनी के सहयोग से इस कार्य में और गति मिलेगी।

केदारनाथ निर्माण में मोदी का देश के उद्यमियों को निमंत्रण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम में केदारपुरी के पुनर्निर्माण से संबंधित पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल डॉ कृष्ण कान्त पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने केदार मंदिर परिसर पहुंचने के मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य, सरस्वती और मंदाकिनी नदियों के बाढ़ सुरक्षा और घाट निर्माण कार्य, तीर्थ पुरोहितों के लिए आवासीय भवनों के निर्माण कार्य तथा आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल के पुनर्निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ में प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल भव्य पुनर्निर्माण कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पुनर्निर्माण कार्य एक निश्चित समयसीमा में तीर्थ क्षेत्र की गरिमा के अनुकूल, पुरोहितों और पंडितों की व्यवस्था और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्माण कार्य के लिए देश की राज्य सरकारों को भी अपना योगदान देने के लिए कहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि औद्योगिक घराने सीएसआर के अंतर्गत पुर्ननिर्माण कार्य में योगदान देंगे। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के सभी नियमों का पालन करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि केदारपुरी में आधुनिक पुनर्निर्माण किया जाएगा, परंतु तीर्थ क्षेत्र की आत्मा और हिमालय की आध्यात्मिकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 6 महीने के अल्प समय में महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने हिमालयी राज्यों की विशिष्टता की सराहना करते हुए उत्तराखंड को 2022 तक ऑर्गेनिक स्टेट बनने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया होलिस्टिक हेल्थ केयर की ओर चल रही है। ऐसे में केमिकल फर्टिलाइजर को अस्वीकार कर ऑर्गेनिक उत्पादों की दुनिया में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की स्वच्छता अभियान की भी सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश में ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्त करने वाला चौथा राज्य बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लगभग चार करोड़ परिवार ऐसे हैं जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना लागू की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना को अपने राज्य में शीघ्र से शीघ्र पूरा करने का बीड़ा उठाएगी। उन्होंने कहा कि सभी हिमालयन राज्यों, सभी राज्यों के बीच विकास की दौड़ की एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों यह कार्य कर रहे हैं कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी पहाड़ के काम आए। बाबा केदार के जयजयकारो के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गढ़वाली भाषा में अपना भाषण आरम्भ करते हुए बाबा केदारनाथ से देश, दुनिया व राज्य के लोगो के लिए खुशहाली की कामना की।

प्रधानमंत्री ने भव्य व आधुनिक केदारपुरी पुनर्निर्माण व विकास हेतु 5 प्रमुख योजनाओं का शिलान्यास किया। इनके अंतर्गत मंदिर परिसर की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। इन कार्य में आरसीसी तथा आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। पुरोहितों हेतु थ्री इन वन आवासीय परिसरों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें पुरोहितों की रहने की व्यवस्था के अतिरिक्त निचली मंजिल पर श्रद्धालुओं व यात्रियों तथा ऊपरी मंजिल पर उनके यजमानों व मेहमानों की व्यवस्था की जाएगी। आवासीय परिसरों में चौबीस घण्टे बिजली, पानी व स्वच्छता सुविधाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। मंदिर परिसर में पोस्ट ऑफिस, टेलीफोन सुविधाओं तथा कम्युनिकेशन सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। मन्दाकिनी और सरस्वती नदियों पर रिटेनिंग वॉल व घाटों का निर्माण किया जाएगा। आदि शंकराचार्य के समाधिस्थल का पुनर्निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के अन्य राज्य सरकारों, सीएसआर के माध्यम से व्यापार जगत के उद्यमियों को निर्माण कार्य में सहयोग का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का बाबा केदार जी के आंगन में आने पर उत्तराखण्ड की ओर से हार्दिक अभिनन्दन व स्वागत है। प्रधानमंत्री द्वारा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने तथा कपाट बन्द होने से पूर्व समाधि पूजा के समय लगभग 6 माह के भीतर दो बार दर्शन करने से पूरे विश्व में सुरक्षित व सुखमय केदारनाथ यात्रा का संदेश गया है। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष दीपावली का पर्व सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिकों के साथ मनाया। सैनिकों की वीरभूमि उत्तराखण्ड के लिए यह सम्मान की बात है।

इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर गर्भगृह में सम्पूर्ण विधिविधान व मंत्रोचारण के साथ भगवान केदार का रूद्राभिषेक किया तथा मंदिर की परिक्रमा की। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ मंदिर परिसर में लगभग डेढ़ घण्टे से अधिक समय व्यतीत किया। प्रधानमंत्री के समक्ष उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किया केदारपुरी के पुनर्निर्माण पर एक 3डी प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी को राज्यपाल डॉ. कृष्णकान्त पाल तथा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अंगवस्त्र तथा केदारनाथ मंदिर की अनुकृति भेंट की।

हिन्दुत्व की रक्षा में स्वामी दयानंद का अहम योगदान

स्वामी दयानंद आश्रम, ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ.कृष्ण कांत पाल व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने स्वामी जी की पुण्य स्मृति में नमन करते हुए कहा कि पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी ज्ञान, दर्शन व आध्यात्मिकता की अद्भुत मिसाल थे। अध्यात्म के साथ ही मानव जाति की सेवा में भी उनका अविस्मरणीय योगदान रहा है। स्वामीजी ने ज्ञानदर्शन व सेवा भाव का जो रास्ता हमें दिखाया है, उस पर चलकर ही मानव कल्याण सम्भव है। मेरा परम सौभाग्य है कि सितम्बर 2015 में प्रधानमंत्री के साथ आश्रम में आने पर मुझे स्वामीजी का आर्शीवाद मिला था। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने पूज्य स्वामी जी द्वारा समयसमय पर विभिन्न अवसरों पर दिए गए व्याख्यानों व व्यक्त किए गए विचारों के संकलन पर आधारित ग्रन्थ का विमोचन भी किया। राज्यपाल ने इसे पुनित कार्य बताते हुए कहा कि ये ग्रन्थ समाज का दिशा निर्देश करने के साथ ही मानव उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। अन्य समकालीन सभ्यताओं में से बहुत सी सभ्यताएं पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं। यह भारतीय सभ्यता ही है जो कि 5 हजार वर्षों से अपना मौलिक स्वरूप बनाए हुए है। धर्म, अध्यात्म व मूल्य आधारित व्यवस्था ही वे ताकतें हैं जिनके कारण भारतीय सभ्यता सदियों से कभी न रूकने वाली धारा की तरह लगातार प्रवाहित हो रही है। राज्यपाल ने कहा कि हमारे ऋषिमुनियों व विद्वानों के हजारों वर्षों के गहन चिंतन से रचित वेद, उपनिषद, महाकाव्य, पुराण आदि महान मार्गदर्शी रचनाएं, मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। हमारा दायित्व है कि हम अपने अध्यात्म, ज्ञान व दर्शन की विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संजो कर रखें। विश्व शांति, विश्व कल्याण और विश्वबंधुत्व की भारतीय दर्शन की अवधारणा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पूरी दुनिया के लिए और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है। वेदांतों में वर्णित ज्ञान से सम्पूर्ण मानवता का कल्याण सम्भव है। स्वामी दयानंद सरस्वती जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत, भारतीयता एवं हिन्दुत्व की रक्षा में स्वामी जी का योगदान भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में स्वीकार्य है। जब भारत एवं भारत की संस्कृति की बात होती है तो उनका स्मरण स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी परम्परा आदि शंकराचार्य से प्रारंभ हुई, जिसे अग्रदूत के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य स्वामी जी ने किया। आज उनके लाखों भक्त इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत की संस्कृति में प्रहार हो रहे हैं। स्वामी जी के अनुयायी निश्चित रूप से ऐसा नहीं होने देंगे। मैं इस अवसर पर स्वामी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके द्वारा दिया गया ज्ञान हम सब का आगे भी मार्गदर्शन करता रहेगा।

फोटो खींच व्हाट्सएप पर भेंजे, मिलेगा इनाम

सावधान, अब अगर नदी में कूड़ा डाला तो खैर नहीं और साथ ही जो व्यक्ति नदी में कूड़ा डालने वालों पर नजर रखेगा व उसकी फोटो खींचकर देगा। उसे पुरूस्कृत भी किया जायेगा। जी हां रुद्रप्रयाग प्रशासन ने नदी में कूड़ा डालने से रोकने के लिए अब नया फार्मूला निकाला है। कूड़ा डालने वाले व्यक्ति की फोटो लाने वाले व्यक्ति को प्रशासन इनाम भी देगा। ताकि लोगों की जागरुकता से नदियो को निर्मल बनाया जा सके।
कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में नमामि गंगे समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित की गई। इसमें नदी को निर्मल एवं अविरल बनाए रखने के लिए व्यापक स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय लिया। साथ ही कहा कि जो लोग नदी नालों में गंदगी डालेंगे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि नमामि गंगे के अंतर्गत नदी एवं नालों तथा सामाजिक प्रतिष्ठानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। साथ ही नदी, नालों और सामाजिक प्रतिष्ठानों पर कूड़ा फेंकने वालों की फोटो खींचकर उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप पर भेजने वाले को 500 रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कूड़ा फेकने वाले की फोटो साफ होनी चाहिए, जिससे कूड़ा फेंकने वाले का पता चल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि फोटो भेजने वाले का नाम, पता व स्थान का नाम भी उल्लेख करना होगा। कहा कि सामाजिक प्रतिष्ठानों (घाट) में दीवार लेखन, वाल पेटिंग के माध्यम से जन जागरुकता लाई जाएगी। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत अगस्त्यमुनि में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

अब फर्जी बाबाओं का सामूहिक बहिष्कार होगा, ये बाबा हैं लिस्ट में..

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत को दुष्कर्म मामलों में 20 साल जेल की सजा होने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 11 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी सूची तैयार की है। इस सूची में आसाराम, राधे मां व निर्मल बाबा के भी नाम हैं। बताया जा रहा है कि यह सूची 10 सितंबर को इलाहाबाद के मठ बाघंबरी गद्दी में बुलाई गई बैठक में सार्वजनिक की जाएगी। बैठक में उनके सामूहिक बहिष्कार का भी फैसला किया जाएगा। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है। हम फर्जी धर्मगुरओं की सूची बनाकर उसे केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चारों पीठ के शंकराचार्य व 13 अखाड़ा के पीठाधीश्वरों को भेजकर सामूहिक बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि सूची में शामिल शमिल फर्जी बाबाओं को कुंभ, अर्द्वकुंभ और अन्य धार्मिक मेलों में सरकारी सुविधा न मिले, यह पहल भी होगी।
सूची में ये हैं फर्जी बाबा
आसाराम बापू, नारायण साई, इच्छाधारी भीमानंद, राधे मां, बाबा ओमानंद, निर्मल बाबा, रामपाल, गुरमीत राम रहीम, बाबा ओम नमरू शिवाय, स्वामी अच्युतानंद तीर्थ और योगी सत्यम।