अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

कुमॉउ में नंदा देवी मेले की है अलग पहचान

कुमॉउ का प्रसिद्ध मॉं नंदा देवी मेले की आज विधिवत शुरुआत हो गई। यह मेला इस लिए भी खास है कि कुमॉउ में मां नन्दा देवी को अपनी आराध्य माना जाता है। मॉं नंदा देवी मंदिर में आज मॉं नंदा सुनंदा की मूर्तियों के लिए लाये गये कदली वृक्षों का पूजन किया गया। मौके पर चंद वंष के वंषज केसी बाबा पूर्व सांसद नैनीताल ने पूजा सम्पन्न कराई। प्रदेष के पर्यटन, सिंचाई व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी पूजा कार्यक्रम में षिरकत की। मॉं नंदा देवी मेला समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि मॉं नंदा देवी उत्तराखण्ड की अधिष्ठात्री देवी के रुप में पूज्य है। अल्मोड़ा मॉं नंदा देवी मेला ऐतिहासिक पहचान रखता है। मेले को भव्य बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

अच्छा प्रर्दशन करें तो निकायों को मिल सकती है 75 लाख की धनराशि

स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम तीन स्थान पाने वाले नगर निगम, नगर पालिका को क्रमशः 75, 50 एवं 25 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह घोषणा एक स्थानीय होटल में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन तकनीकी एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्याशाला में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड में स्वच्छता कार्यक्रम के अभियान को मजबूती देगी। यह हमारे लक्ष्यों को पूर्ण करने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के लिए मानसिंकता में बदलाव की आवश्यकता, आम व्यक्ति की जागरूकता एवं सहभागिता से यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। ठोस अपशिष्ठ एवं प्रबन्धन की दिशा में आधुनिक तकनीक और शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के माध्यम से हम बडा से बडा लक्ष्य प्राप्त कर सकते है। सरकारी स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रयासों को कर्मचारियों के वार्षिक प्रवृष्टि में अंकित किया जायेगा।
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम में नवीन तकनीकी के प्रयोग हेतु स्थानीय निकायों को अपनी आमदनी बढाने के प्रयासों पर बल देना होगा। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि मार्च 2018 तक शत-प्रतिशत शौचालय ओडीएफ, डोर-टू-डोर कलेक्शन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त शत-प्रतिशत एलईडी का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम कि कार्य संस्कृति से अन्य नगर पालिका प्रभावित होती है। इसलिए नगर निगम की जिम्मदारी स्वच्छता के सन्दर्भ में अधिक है।
सचिव शहरी विकास राधिका झा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता के कार्यक्रम को लेकर संवेदनशील है। जिलाधिकारियों को साप्ताहिक नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों, नगर निगम के साथ समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये गये है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में स्वच्छता विषय पर शपथ ली गई एवं स्वच्छता कार्यक्रम की एक मार्गदर्शिका पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता विषय के इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी के प्रयोग सम्बन्धी देशभर के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी लगायी गयी है।

पुस्तकें हमारी मित्र, कभी साथ नही छोड़ती

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नेशनल बुक ट्रस्ट तथा उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन द्वारा परेड ग्राउंड में आयोजित देहरादून पुस्तक मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। देहरादून पुस्तक मेले का शुभारंभ संयुक्त रुप से राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
उपस्थित छात्र छात्राओं तथा पाठको को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 दिवसीय पुस्तक मेला सभी छात्रों और पाठको के लिए एक अच्छा अवसर है। पुस्तकों के बिना हमारा जीवन अधूरा है। पुस्तके मात्र छपी सामग्री ही नहीं है बल्कि यह ज्ञान का स्रोत है। यदि हम पुस्तकों का महत्व समझें तो यह हमारे जीवन में सुख का आधार है। उन्होंने छात्रों से कहा कि यदि उन्हें दोस्ती करनी है तो पुस्तकों से करें। पुस्तके ऐसी मित्र है जो कभी साथ नहीं छोड़ती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी पढ़ने की आदत पर विशेष बल देते हैं। आज आईटी, ई-लाइब्रेरी, डिजिटल बुक्स के लोकप्रिय होने से तकनीकी क्षेत्र में संक्रमण काल चल रहा है। हमारे समक्ष चुनौती है कि हमें डिजिटल भी होना है तथा पुस्तकों का महत्व बनाए रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम संकल्प ले सकते हैं कि एक घंटा धार्मिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, विज्ञान, ललित कला आदि से संबंधित पुस्तकें पढ़ें। उन्होंने पंचायत स्तर पर पुस्तक मेले आयोजित करने की बात कही।

अगले साल के अंत तक पूरी हो जाएगी चार धाम सड़क परियोजना

केंद्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में ‘चार धाम’ सड़क संपर्क परियोजना को सरकार 2018 के अंत तक पूरा कर लेगी। 12 हजार करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े 10 प्रस्तावों को पर्यावरण मंजूरी भी मिल गई है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परियोजना पर काम तेज कर दिया है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर है। इस परियोजनाओं से जुड़े अन्य अटके प्रस्तावों को भी जल्द ही मंजूरी प्राप्त हो जाएगी। क्योंकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें जारी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह लोगों को सबसे बड़ा उपहार होगा। क्योंकि आस्था से जुड़ी चार धाम यात्रा लोगों के एजेंडे में शीर्ष पर रहती है। विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग चार धाम यात्रा के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि 900 किमी के नए अलाइनमेंट पर राजमार्गो का निर्माण किया जा रहा है और सुरंगों का निर्माण भी तेज गति से हो रहा है। यह मार्ग सभी मौसम में खुले रहेंगे।
मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में गडकरी ने आधारभूत ढांचे पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों से मंजूरियों के अभाव में लटके चार धाम यात्रा के 18 प्रस्तावों में तेजी लाने का अनुरोध किया था। चार धाम परियोजना की आधारशिला पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।

पशुपालन और पंतजलि गो मूत्र और साइलेज का कारोबार करेंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक बैठक में पतंजलि संस्था के साथ प्रस्तावित ’सहयोग’ कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर वन मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत तथा पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने विभागों को निर्देश दिये कि जिन बिन्दुओं पर सहमति बनी है उनके क्रियान्वयन हेतु सभी पक्षो पर विचार कर विस्तृत एम.ओ.यू. तैयार कर अग्रिम कार्यवाही की जाए। उन्होंने जड़ी-बूटी उत्पादन विपणन को प्रोत्साहित करने के लिये सिंगल विण्डो सिस्टम की आवश्यकता बताई। जड़ी-बूटी खेती को किसानों के लिये लाभकारी बनाना होगा। जड़ी बूटियों के लिये बीज और नर्सरी उपलब्ध कराना जरूरी है। गांवों में पर्यटन और आयुष गतिविधियों पर आधारित रोजगार के अवसर उत्पन्न करने जरूरी है। पशुपालन और औद्यानिकी को क्लस्टर्स में योजनाबद्ध तरीके से बढ़ाना होगा। उन्होंने पतंजलि द्वारा इस दिशा में सकारात्मक सहयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए बाबा रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण को धन्यवाद भी दिया।
बैठक में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शोधार्थियों हेतु पतंजलि द्वारा लैब सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। पतंजलि संस्था लैब कार्यों के लिये शीघ्र ही ’आइटमाइज्ड’ दरें उपलब्ध करायेगी, जो बाजार दरो से कम होगी। उत्तराखण्ड के किसानों से मोटे अनाज के क्रय हेतु पतंजलि को क्लस्टरवार विपणन हेतु उपलब्ध अनाज उत्पादन का विवरण उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में पतंजलि किसी एक ग्राम या क्लस्टर में कान्ट्रैक्ट फार्मिंग भी शुरू करेगी। पतंजलि को राज्य सरकार उपलब्ध जड़ी बूटियों की सूची तथा उनके बीज की उपलब्धता का विवरण देगी। पतंजलि द्वारा जडी बूटियों के लिये शीघ्र ही न्यूनतम क्रय मूल्य घोषित किया जायेगा।
पतंजलि मुनिकीरेती में वन विभाग के डाॅ.सुशीला तिवारी हर्बल गार्डेन को माॅडल हर्बल गार्डेन एवं नर्सरी में विकसित करेगा। इस हर्बल गार्डेन को पर्यटक आकर्षण का केन्द्र भी बनाया जायेगा। पशुपालन विभाग के पास गो-मूत्र उपलब्ध है जबकि पतंजलि के पास साइलेज (पशुचारा) की उपलब्धता है। दोनो परस्पर विनियम की शर्तें निर्धारित करते हुए गो-मूत्र एवं साइलेज का आदान प्रदान करेंगे। अगले तीन माह के लिये पशुपालन विभाग द्वारा 1073 मीट्रिक टन साइलेज की मांग की गई। पशुपालन विभाग द्वारा टेस्टिंग प्रक्रिया के रूप में पतंजलि को दूध आपूर्ति भी की जा रही है। शीघ्र ही 12000 लीटर दूध की आपूर्ति प्रारम्भ की जायेगी। इसके साथ ही चंपावत में नरियाल गांव में बद्री गाय संवर्द्धन योजना को भी पतंजलि द्वारा संचालित किया जायेगा। पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्ताव दिया गया कि राज्य में ऐसे 12 गांवों में जहां ए.डी.बी. द्वारा अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जा रही है वहां स्थानीय लोगों को पतंजलि के माध्यम से पंचकर्म, योग आदि में प्रशिक्षित कर पर्यटक केन्द्र विकसित किया जा सकता है। इसी प्रकार बंद पडे टूरिस्ट सेंटरों में से कुछ सेंटर पतंजलि पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ले सकता है। पतंजलि संस्था द्वारा हरिद्वार जनपद के सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर हाईजीन सुविधाएं विकसित करने हेतु सहमति दी गई। बैठक में सहकारिता, एरोमैटिक प्लांट, मधुमक्खी पालन, जड़ी बूटी पादप डाक्यूमेंटेशन आदि विषयों पर भी चर्चा हुई।

परेड ग्रांउड में 28 अगस्त से विश्व स्तरीय पुस्तक मेले का आयोजन

आम नागरिको में पढाई-लिखाई की प्रवृत्ति को बढ़ाने के लिए एवं जागरूकता में वृद्धि के उद्देश्य से लगाये जाने वाले विश्व पुस्तक मेला के आयोजन को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समीक्षा की। पढेगा उत्तराखण्ड और बढेगा उत्तराखण्ड थीम को लेकर परेड ग्राउण्ड में लगाई जाने वाले विश्व पुस्तक मेला का आयोजन 28 अगस्त से 05 सितम्बर तक किया जा रहा है। पुस्तक मेला का उद्घाटन राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि एनबीटी के अधीन लगाई जाने वाले विश्व पुस्तक मेला में लगभग 200 प्रकाशको के स्टॉल लगाये जायेंगे। आशा जताई कि 2019 तक पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य हासिल करने में यह पुस्तक मेला सहयोगी होगा। 9 दिवसीय विश्व पुस्तक मेला में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से सायं 8 बजे तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। विचार गोष्ठी, बौद्धिक परिचर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विश्व विद्यालय, अर्न्तविद्यालय प्रतियोगिता के आयोजन में प्रख्यात साहित्यकार, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी को आमंत्रित किया गया है।
आम नागरिको को न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट पुस्तको पर होगी। जो छात्र अपने पहचान पत्र के साथ आयेंगे, उन्हें 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके अतिरिक्त महापुरूषों से संबंधित पुस्तकों पर 20 प्रतिशत की छूट होगी। पुस्तक मेला का उद्देश्य उत्तराखण्ड के छात्र-छात्राओं में पढ़ने की अभिरूचि को जगाना है तथा विश्व स्तरीय पुस्तकों की उपलब्धता आमजन तक पहुंचाना है।

एम्स ऋषिकेश में मरीजों के साथ आने वालों के लिये 500बेड की आवासीय व्यवस्था

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने डोईवाला में एक स्थानीय वेडिग प्वाइंट में शहीद मेजर दुर्गामल्ल के 74वें बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देहरादून से ऋषिकेश के लिए जाने वाली तथा हरिद्वार से ऋषिकेश को आने वाली सभी रोडवेज बसे एम्स ऋषिकेश से होते हुए जाएगी, इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश में मरीजो के साथ आने वाले तीमारदारों के रहने हेतु 500 बेड की आवासीय व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवालाखता रोड शहीद मेजर दुर्गामल्ल के नाम से जानी जायेगी। डोईवाला डिग्री कॉलेज में शहीद मेजर दुर्गामल्ल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि अब कोई भी जनसमस्या सम्बन्धित विभागीय मंत्रियो द्वारा एक निर्धारित दिन उनके कार्यालय में सुनी जाएगी। मंत्रियो द्वारा अपने विभागों से सम्बन्धित जन समस्या की सुनवाई तथा निपटान त्वरित तथा प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य भर के सभी डिग्री कॉलेज छात्रछात्राओं से अपील की है कि प्रधानमंत्री की स्वास्थ्य बीमा योजना के अर्न्तगत डिग्री कॉलेज के छात्रों को 2 लाख तक की बीमा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी छात्रछात्राएं प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का आवेदन पत्र भरे तथा योजना का लाभ उठाए। शहीद मेजर दुर्गामल्ल को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए हुए त्रिवेन्द्र ने कहा कि शहीद किसी जाति विशेष या समुदाय विशेष के नहीं होते बल्कि उनका बलिदान और त्याग सम्पूर्ण समाज या देश के लिए होता है। यह मात्र गोर्ख्याली समुदाय का ही कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह हर देशभक्त का कार्यक्रम है। हमारे शहीद देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमारे राज्य से अनेक ऐसे वीर है जिन्हें परमवीर चक्र, शौर्य चक्र जैसे तमाम सर्वोच्च पुरस्कार मिल चुके है। हम उन तमाम ज्ञातअज्ञात वीरों को नमन करते है। उन्होंने कहा कि जिस देश में वीरो की पूजा बन्द हो जाती है वह देश समाप्त हो जाता है। यदि देश को जीवित तथा मजबूत रखना है तो हमें अपने वीरों को याद रखना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने हाल ही में कारगिल में शहीद हुए बंजारावाला निवासी लांस नायक जीत बहादुर थापा की पत्नी श्रीमती रानी थापा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। गोर्ख्याली समाज द्वारा संसद भवन में शहीद दुर्गा मल्ल की प्रतिमा की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नगर पालिका परिसर डोईवाला में शहीद मेजर दुर्गामल्ल की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल तथा शहीद मेजर दुर्गामल्ल के भतीजे राजेन्द्र मल्ल व काफी मात्रा में लोग मौजूद थे।

टीवी सीरियल के जरिये भारत को विश्वगुरू बनाने की कोशिश

योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में ओम शांति ओम टीवी सीरियल का 28 अगस्त से भारत सहित पूरे विश्व में प्रसारण होने जा रहा है। भारतीय धर्म-अध्यात्म, सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और संगीत पर आधारित इस सीरियल का प्रसारण स्टार ग्रुप के नए शुरू होने वाले टीवी सीरियल स्टार भारत पर 28 अगस्त से होगा। सीरियल को योगगुरु बाबा रामदेव के भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने और संकल्प को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके माध्यम से भारतीय परंपरा, सभ्यता, संस्कृति, संगीत और धर्म-अध्यात्म की वास्तविकता और शक्ति से पूरे विश्व को परिचित कराया जाएगा।
योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में इससे पहले आस्था टीवी चौनल पर इसी तरह का एक सीरियल भारत रत्न का प्रसारण हो चुका है। ओम शांति ओम को इसी का परिष्कृत रूप माना जा रहा है। सीरियल के 28 अगस्त से टीवी चौनल पर प्रसारित होने की पुष्टि करते हुए पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया कि सीरियल से प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और प्रसिद्ध सिने अभिनेता रणवीर सिंह भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि सीरियल को लेकर और उसके संदर्भ में विस्तृत जानकारी देने को दिल्ली में योगगुरु बाबा रामदेव की एक पत्रकार वार्ता जल्द ही आयोजित की जाएगी।

ऋषिकेश के अत्रि चेतन की पेंटिग देखने को उमड़ रहा अमृतसर

‘अननोन्स‘ कला ग्रुप के तत्तवावधान में अमृतसर के इण्डियन एकेडमी ऑफ फाईन आर्ट्स के कला दीर्घा में ‘अननोन्स-2‘ के नाम से पाँच दिवसीय कला प्रदर्षनी का शुभारम्भ किया गया। प्रदर्षनी का उद्घाटन राजिद्र मोहन सिंह चिन्ना (अध्यक्ष, इण्डियन एकेडमी ऑफ फाईन आर्ट्स, अमृतसर, पंजाब) ने किया।
कला प्रदर्षनी में ‘अननोन्स‘ कला ग्रुप के 13 सदस्यों ने कला के विभिन्न विधाओं पेन्टिंग, प्रिंट मेकिंग, मूर्तिकला, इनस्टालेषन तथा फोटोग्राफी के रूप में अपनी कला का प्रदर्षन कर दर्षकों की प्रषंसा बटोरी। ये सभी 13 कलाकार भारत के उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेष, दिल्ली, उड़ीसा, राजस्थान, पष्चिम बंगाल राज्य से सम्बन्ध रखते हैं तथा इनकी कला की उच्च प्रोफेषनल षिक्षा हिन्दुस्तान के महत्वपूर्ण कला महाविद्यालयों से हुई है। कला प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे ऋषिकेष (उत्तराखण्ड) के कलाकार अत्रि चेतन ने माध्यमिक तक का षिक्षा ग्रहण करने के बाद उड़ीसा के बालासोर कॉलेज ऑफ आर्ट एण्ड क्राफ्ट से कला की उच्च षिक्षा की शुरुआत की। बालासोर में रहते हुए ‘अननोन‘ कला ग्रुप की नींव रखते हुए प्रथम बार उड़ीसा की राजधानी भूनेष्वर में कला प्रदर्षनी का एक बृहद आयोजन किया। वर्तमान समय में अत्रि पष्चिम बंगाल के शान्ति निकेतन में ग्रैफिक आर्ट में एमएफए की षिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके द्वारा आयोजित यह दूसरी प्रदर्षनी है जो ‘अननोन्स-2‘ के नाम से पंजाब में आयोजित की गई है।
प्रदर्षनी देखने के बाद चिन्ना ने प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए कहा कि ये सारे 13 कलाकार, कला के विद्यार्थी हैं परन्तु काम और आयोजन दोनों ही किसी प्रोफेषनल की भाँति किया गया है। आने वाले दिनों में इन यंग आर्टिस्ट की कला अपना एक अलग मुकाम बनाएंगी। उन्होंने अत्रि चेतन के प्रयासों की प्रशंसा भी की।

अत्रि चेतन

आपकों बता दें कि अत्रि मूलरूप में प्रिट मेकिंग के चित्रकार हैं परन्तु वाटर कलर विधा तथा फोटोग्राफी में भी उनको महारथ हासिल हैं। इनके वाटर कलर तथा ग्रैफिक चित्र दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु, उड़ीसा, पष्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड, हरियाणा तथा कर्नाटक के अतिरिक्त विदेषों में रूस, इटली, हंगरी, कनाडा, हांगकांग में प्रदर्षित हो चुके हैं। पहली बार अत्रि ने अमृतसर में अपनी फोटोग्राफी को प्रदर्षित किया है। ये बताना अति आवष्यक है कि इस चित्रकार ने पुरानी साईकिलों को ही अपना मूल विषय भी चुना। यदा-कदा सामाजिक जीवन को भी अपनी तूलिका तथा प्रिट मेकिंग के द्वारा जीवंत किया है। अत्रि चेतन ने बताया कि प्रदर्षनी दर्षकों के अवलोकन के लिए 24 अगस्त 2017 तक चलेगी।