मुख्य सचिव ने दिए, कम संसाधनों से अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
मुख्य सचिव ने कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग, डेयरी विभाग, सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई, भरसार उद्यान विश्वविद्यालय आदि विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनके विभागों के अधीन मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अंतर्गत जो भी कार्य किये जा रहे हैं अथवा किये जाने हैं उनकी उचित गुणवत्ता बरकरार रखते हुए उन्हें तेजी से पूरा करें। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बनाये जाने वाले प्रोजेक्ट में व्यावहारिकता का ध्यान रखा जाए तथा प्रोजेक्ट इस तरह से बनाये जाएं जो धरातल पर वास्तव में इंप्लीमेंट भी हो जाए तथा सभी परियोजनाओं का आउटकम भी अनिवार्य रूप से प्राप्त होना चाहिए। निर्देशित किया कि योजना के अंतर्गत किये जाने वाले विभिन्न कार्यों में कम संसाधनों से अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के नजरिये से कार्य करें, साथ ही किसानों, काश्तकारों तथा कृषि व इससे जुड़े हुए सहायक उद्योगों में संलग्न लोगों का अधिकाधिक कल्याण सुनिश्चित हो।
इस दौरान सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में पूर्व में स्वीकृत की गयी 16 परियोजनाओं की प्रगति का विवरण मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त इस दौरान पशुपालन विभाग तथा सगंध पौध केन्द्र से संबंधित दो परियोजनाओं की लागत में संशोधन किया गया साथ ही 4 विभागों की उद्यान विभाग, कृषि विभाग व भरसार उद्यान विश्वविद्यालय पौड़ी की 1-1 परियोजना तथा मत्स्य विभाग की 2 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर बैठक में सचिव कृषि मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक उद्यान एच.एस. बवेजा, निदेशक पशुपालन डॉ. प्रेम कुमार, निदेशक सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई डॉ. नृपेन्द्र चौहान, भरसार उद्यान विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अनमोल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

श्रमिकों की सुविधाओं का ध्यान रही केन्द्र सरकार-भूपेन्द्र यादव

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस रामेश्वर तेली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इण्डस्ट्रियल एरिया सिडकुल हरिद्वार स्थित 300 बिस्तरों (50 सुपर स्पेशलिटी बिस्तर सहित) के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल (ई0एस0आई0सी0 अस्पताल) की साईट का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह ई0एस0आई0सी0 अस्पताल पहले 100 बेड का था, जिसे अब 300 बेड़ का किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर तक इसकी टेंडर आदि की समस्त औपचारिकताए पूर्णं कर ली जाएंगी तथा इसका निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने रुद्रपुर स्थित ई0एस0आई0सी0 अस्पताल का जिक्र करते हुए केन्द्र सरकार से इस अस्पताल को उत्तराखण्ड सरकार को संचालित करने की अनुमति देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून, काशीपुर अस्पताल के लिए जमीन की व्यवस्था जल्द ही कर ली जाएगी। इसके अलावा कोटद्वार, सितारगंज तथा चम्पावत में भी ई0एस0आई0सी0 अस्पताल खोलने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने वन कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत सारी ऐसी योजनाएं हैं, जिनके कारण कई योजनाओं के संचालित करने की अनुमति नहीं मिल पाती है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे अधिकांश अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लग गये हैं।
वैक्सीनेशन के संबंध में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। इस महीने हमें 20 लाख वैक्सीन मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिसम्बर तक सभी को वैक्सीन की पहली डोज जरूर लग जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने विषम परिस्थितियों में अच्छा कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों के द्वारा अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवायी गयी है, वह अपने नजदीक के केन्द्रों पर जाकर वैक्सीन अवश्य लगवा लें।
रामेश्वर तेली, श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री भारत सरकार ने 300 बेड़ के बनने वाले ई0एस0आई0सी0 अस्पताल के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी तथा उन्होंने कहा कि हमने कोविड-19 रिलीफ फण्ड की शुरूआत की है, उन्होंने कहा कि हमने अब उज्ज्वला योजना फेज 2 की शुरूआत की है।
डॉ. हरक सिंह रावत, श्रम मंत्री उत्तराखण्ड सरकार ने कहा कि आज हम सबके लिए खुशी का अवसर है। उन्होंने कहा कि हम काफी समय से इस ई0एस0आई0सी0 अस्पताल के लिए प्रयासरत थे, लेकिन वह धरातल पर आज उतर पाया है। मैं तमाम उद्योगों के कर्मचारियों को बधाई देता हूं।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक ने कहा कि सिडकुल काफी बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, इस अस्पताल की मांग काफी समय से हो रही थी, आज यह मांग पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके तैयार हो जाने से हमारे कामगार भाइयों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध होंगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक रानीपुर आदेश चौहान ने कहा कि इस अस्पताल के लिए हम 2012 से प्रयासरत थे, काफी प्रयास के बाद आज यह शुभ अवसर आया है।
विधायक ज्वालापुर सुरेश राठौर ने कहा कि हमारी सरकार गरीब, मजदूर तथा कमजोर वर्ग के हित में लगातार कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भारत सरकार भूपेन्द्र यादव ने कहा कि हमने हरिद्वार के 100 बेड के ई0एस0आई0सी0 अस्पताल को 300 बेड़ के अस्पताल में परिवर्तित कर दिया है तथा इसके लिए धनराशि स्वीकृत की गयी है। उन्होंने कहा कि सारी औपचारिकतायें पूरी करते हुये जल्दी ही इसका भूमिपूजन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटद्वार व खटीमा में भी ई0एस0आई0सी0 अस्पताल खोलने की कार्यवाही करेंगे। उन्होंने रुद्रपुर के ई0एस0आई0सी0 अस्पताल का संचालन उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जाने के मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं वन मंत्री के अनुरोध पर ई0एस0आई0सी0 अस्पताल रुद्रपुर को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा संचालित किये जाने की सहमति प्रदान की।
केन्द्रीय मंत्री यादव ने कहा कि हमने विगत 26 अगस्त को आम श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल लांच किया है, जिसमें अभी तक 20 लाख से अधिक असंगठित मजदूरों ने पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा हम हर वर्ग तक सरकार की प्रत्येक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमने व्यापारियों के लिए पेंशन योजना लागू की थी, जिसका काफी बड़ी संख्या में व्यापारी वर्ग लाभ उठा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अभी तक इस योजना का लाभ नहीं उठाया है, वह भी इसका लाभ उठायें।
इस अवसर पर अपूर्व चन्द्र, सचिव श्रम व रोजगार ने बताया कि ई0एस0आई0सी0 मेडिकल सुविधा बीमित कामगारों को निःशुल्क मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के लिए लगभग 300 करोड़ स्वीकृत किये गये हैं।
सचिव श्रम व रोजगार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल (ई0एस0आई0सी0 अस्पताल) पर प्रकाश डालते हुये कहा कि अस्पताल में बेसमेंट में फिजियोथैरपी, योगा, मॉर्चरी, हॉस्पिटल स्टोर्स एवं सर्विस तथा बिल्डिंग सर्विस, ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी, मेन एंट्रेस लॉबी, सेन्ट्रल रिसेपशन, रजिस्ट्रेशन डेस्क, रेडियोलॉजी इमेजिंग डिपार्टमेंट, सेन्ट्रल वेटिंग एरिया, हॉस्पिटल किचन, फर्स्ट फ्लोर में ओपीडी कॉम्प्लेक्स, सेकेण्ड फ्लोर में ब्लड बैंक, आईपीडी जनरल वार्ड-136 बेड, थर्ड फ्लोर में कैथलैब, आईपीडी जनरल वार्ड-136 बेड़, फोर्थ फ्लोर में सुपर स्पेशलिटी वार्ड-52 बेड़, डायालिसिस वार्ड-10 बेड, कीमोथैरेपी वार्ड-6 बेड़, आईसीयू-22 बेड़, पीआईसीयू-6 बेड, पांचवें फ्लोर में ओटी कॉम्प्लेक्स-6 ओटीस, लेबर कॉम्प्लेक्स, नर्सरी, एनआईसीयू तथा सिक्स्थ फ्लोर में एडमिन डिपार्टमेंट तथा डायोग्नोस्टिक लैब आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी।
इस ई0एस0आई0सी0 अस्पताल का साइट एरिया 5 एकड़ (20234 वर्ग मी0), कुल निर्मित क्षेत्रफल 59,669 वर्ग मी0, कुल ग्राउंड कवरेज 5394 वर्ग मी0, हॉस्पिटल एरिया 40,035 वर्ग मी0 आवासीय एरिया 6600 वर्ग मी0, मल्टीलेवल पार्किंग एरिया 12360 वर्ग मी0, सर्विस ब्लॉक एरिया 674 वर्ग मी0, कुल उपलब्ध करायी जाने वाली पार्किंग में 550 ईसीएस अस्पताल के लिए तथा 56 ईसीएस आवासीय पार्किंग हेतु उपलब्ध करायी जाएगी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 से मृत्यु होने वाले बीमित कामगारों के आश्रितों को ईएसआईसी रिलीफ फण्ड के अंतर्गत, वित्तीय सहायता हेतु प्रमाण पत्र वितरित किये।
इस मौके पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, रामेश्वर तेली एवं मुख्यमंत्री को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, यतीश्वरानंद, सांसद राज्यसभा नरेश बंसल, मेयर नगर निगम हरिद्वार अनीता शर्मा, महानिदेशक ई.एस.आई.सी. अनुराधा प्रसाद, सचिव श्रम हरबंस सिंह चुग, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत सहित अधिकारीगण एवं जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बागेश्वर में कमर्चारियों पर जींस टी शर्ट पहनकर आने पर लगी रोक

कर्मचारियों में अनुशासन और ड्रेस कोड का पालन कराने के किये बागेश्वर डीएम ने अनोखा फरमान निकाला है। जिला मजिस्ट्रेट विनीत कुमार ने राजकीय कर्मचारियों के जींस, टी-शर्ट पहनकर कार्यालय आने पर पाबंदी (bageshwar dm banned jeans t shirt in govt office) लगा दी है। ऐसा करने पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।

बागेश्वर डीएम ने कर्मचारियों द्वारा ड्रेसकोड का पालन न करने पर कड़ी नाराजगी जताई गई है। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा है कि जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी ड्रेस कोड का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। अधिकतर लोग जींस, टी-शर्ट में अपने उच्च अधिकारियों के समक्ष बैठकों में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजकीय कर्मचारी होने के नाते यह शोभा नहीं देता। इससे कार्यालय प्रबंधन की छवि खराब हो रही है। समाज में इसका गलत संदेश जा रहा है।

डीएम ने जिले के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय अवधि के दौरान पूर्ण गणवेश में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश का पालन न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। यानी कोई कर्मचारी जींस टीशर्ट पहनकर दफ्तर आया तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।

5वीं एशियन जु जित्सु प्रतियोगिता आबू धाबी में आयोजित, भारत का प्रतिनिधित्व करेगी शिवानी

जुदृजित्सु एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड एवं इंडिया के महासचिव विनय जोशी ने बताया कि 13 से 16 सितंबर 2021 तक आबू धाबी (यू.ऐ.ई) में जुदृजित्सु एशियन यूनियन (जेजेऐयू) के नेतृत्व में प्रतियोगिता आयोजित होगी।

पांचवी एशियन जुदृजित्सु चौंपियनशिप 2021 में जु-जित्सु एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा शिवानी गुप्ता का चयन हुआ है। वह इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। बताया कि प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडी ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (ओ.सी.ए) के नेतृत्व में बैंकॉक, चोनबुरी में आयोजित होने वाले छठवें एशियन इंडोर एंड मार्शल आर्ट्स 2021 गेम्स के लिए क्वालीफाई करेंगे।

प्रतियोगिता में रवाना होने से पूर्व शिवानी गुप्ता ने बताया कि जुजित्सु खेल को अट्ठारहवें एशियाई खेल, जो कि जकार्ता पालेमबांग 2017 के नाम से भी जाने जाते हैं, सम्पूर्ण एशिया की सबसे बड़ी बहु खेल प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन मध्य  इण्डोनेशिया  के जकार्ता और पालेमबांग शहरों में किया गया था। जिसमे जुजित्सु खेल को भी शामिल किया गया। आगामी 2022 एशियाई खेल, जो कि उन्नीसवें एशियाई खेल एक बहु-खेल प्रतियोगिता है जो कि हांगझोऊ, चीन में सितम्बर माह 2022 तक आयोजित होगी। हांगझोऊ चीन का तीसरा नगर है जो एशियाई खेलों का आयोजन कर रहा है। इसमें भी जुजित्सु खेल को शामिल किया गया है। एवं जुदृजित्सु एसोसिएशन ऑफ इंडिया को भारत सरकार, मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स से मान्यता मिलने पर इस खेल की ओर तेजी से खिलाड़ीयों का रुझान बढ़ रहा है।  सभी खिलाड़ी 10 सितंबर 2021 को दिल्ली के लिए रवाना होंगे एवं दिल्ली एयरपोर्ट से दुबई के लिए रवाना होंगे।

गरतांग गली को नुकसान पहुंचाने पर गंगोत्री थाने में अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

असामाजिक तत्व खूबसूरत चीजों को बदरंग करने से बाज नहीं आते। उत्तरकाशी में भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह रही ऐतिहासिक गरतांग गली (Gartang gali disfigured) पर भी ऐसे ही असामाजिक तत्वों की नजर पड़ी है। 300 साल पुराने लकड़ी से बने इस खूबसूरत पुल को हाल में पर्यटकों के लिए खोला गया है। लेकिन अराजक तत्वों ने इस लकड़ी पर भी अपने नाम गोद डाले हैं। जिससे इसकी खूबसूरती पर दाग लग रहा है। ऐसे अराजक तत्वो के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

गंगोत्री थाने में इन अज्ञात अराजक तत्वों के खिलाफ वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद सिंह की तहरीर पर धारा 427 के तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द उचित कारवाई के आदेश दिए हैं।

ऐतिहासिक गरतांगगली भारत-तिब्बत व्यापार का प्रमुख मार्ग रहा है। करीब 300 साल पहले पेशावर सेआए पठानों ने इसका निर्माण किया था। लेकिन भारत चीन युद्ध के बाद इस मार्ग को बंद कर दिया गया था। इस मार्ग पर करीब 500 मीटर लंबाई की लकड़ी की सीढ़ियां आकर्षण का केंद्र हैं।

राज्य सरकार के प्रयासों के बाद हाल ही में इस गली का जीर्णोद्धार कराया गया है। देवदार की लकड़ी से दोबारा सीढ़ीदार रास्ता तैयार किया गया है। इस ऐतिहासिक जगह को देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है।

धामी सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर, प्रोत्साहन राशि की घोषणा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस पर आयोजित वेबिनार में प्रतिभाग किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहन राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निजी इलेक्ट्रिक दो पहिया व चार पहिया वाहनों की खरीद पर पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह प्रोत्साहन राशि निजी प्रयोग में लाये जाने वाले प्रथम 5 हजार दो पहिया और प्रथम 1 हजार चार पहिया वाहनों के लिए अनुमन्य होगी। प्रोत्साहन की धनराशि दो पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 10 प्रतिशत अथवा रुपए 7500 जो भी कम हो और चार पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 5 प्रतिशत अथवा रुपये 50,000 जो भी कम हो, होगा। प्रोत्साहन की धनराशि बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक व वित्तीय संस्थाओं या डीलर को उपलब्ध करायी जायेगी।
इसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग हेतु स्थापित किये जाने वाले चार्जिंग स्टेशन के विद्युत अधिभार को दो वर्षों तक के लिए घरेलू श्रेणी में रखा जायेगा। यह स्थापित होने वाले प्रथम 250 चार्जिंग स्टेशन के लिए अनुमन्य होगा। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए समस्त व्यक्ति/संस्था अनुमन्य होंगे, जिनके पास पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा व स्थानीय नगर निकाय की अनुमति प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। इसके लिए जनसामान्य में जागरूकता जरूरी है। इस संबंध में हिमालयी राज्यों के साथ सम्मेलन पर भी विचार किया जा रहा है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। प्रकृति के संरक्षण के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालय हमारी विरासत और भविष्य दोनों ही है। आने वाली पीढ़ी के लिए सतत विकास की नीति पर बल दिया जाना चाहिए। हिमालय से सदानीरा नदियां प्रवाहित होती हैं, जिनके किनारे मानव सभ्यता विकसित हुई है। जलस्त्रोतों और वनों का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। हिमालय पूरे विश्व और मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा जी की स्मृति में ‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’ प्रारम्भ करने जा रही है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हिमालय भारत का प्रहरी है। यहां बहुमूल्य जड़ी बूटियां प्राप्त होती हैं। हिमालय दिवस को बड़े स्तर पर आयोजित किए जाने की आवश्यकता है। स्कूली पाठ्यक्रमों में हिमालय संरक्षण संबंधी अध्याय होना चाहिए।
पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि हिमालय संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ी है। आज देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर हिमालय दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि पारिस्थितिकी और आर्थिकी को जोड़ते हुए उत्तराखण्ड के लिए स्टेट प्लान बनाया जाना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य स्तर और जिला स्तर पर पर्यावरण योजना बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। नदियों और जल स्त्रोतों के संरक्षण पर भी काफी काम किया गया है।
कार्यक्रम में हिमालय यूनाइटेड मिशन (हम) की पुस्तक ’हिमालय दिवस’ का विमोचन किया गया। हिमालय दिवस पर आयोजित इस वेबिनार में अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बाजार उपलब्ध कराये-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सुनिश्चित बाजार उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को सुनिश्चित बाजार उपलब्ध कराए जाने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों के बदलाव के कारण अन्य प्रदेशों के द्वारा विकसित बीजों की सफलता की सम्भावना कम होती है। फसलों की नई वैरायटी विकसित करने हेतु प्रदेश स्तर में ही प्रयास किए जाएं, इससे प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार विकसित बीजों की सफलता का प्रतिशत होगा। उन्होंने दालों, पोषक अनाजों और तिलहन की खेती को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के बहुत से उत्पाद बाय-डिफॉल्ट ऑर्गेनिक हैं, हमें इनकी मार्केटिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य को जैविक प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए छोटे-छोटे क्षेत्रों में रासायनिक कीटनाशकों को प्रतिबन्धित करते हुए, इसकी शुरूआत करनी होगी। उन्होंने कहा कि किसी ब्लॉक या छोटे क्षेत्र को ऑर्गेनिक एरिया घोषित करने पर शुरुआत में उत्पादन में कमी आ सकती है, किसानों को ऑर्गेनिक खेती हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से सपोर्ट किया जाए।
मुख्य सचिव ने योजना के तहत वितरित स्ट्रॉ रीपर के आउटकम पर अध्ययन कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि स्ट्रॉ रीपर का वितरण सफल रहा है तो इनकी संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि अच्छी योजनाओं के लिए फण्ड की कमी नहीं होने दी जाएगी। इन योजनाओं पर आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार से भी फण्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि योजना के तहत चिन्हित जनपदों में चावल, गेहुं, मोटे अनाज, पोषक अनाज, तिलहन और गन्ने के उत्पादन को क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता को बढ़ावा देने के साथ ही इंडिविजुअल फॉर्म लेवल पर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के लिए यह योजना लागू की गयी है। बताया गया कि उत्तराखण्ड राज्य ने कैटेगरी-2 में 2011-12, 2016-17 और 2017-18 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त किया है। इस अवसर पर सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम की घोषणा-पुलिस में खेल कोटे में भर्ती जल्द शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस मुख्यालय देहरादून में पुलिस विभाग द्वारा तैयार की गई ‘‘पब्लिक आई एप’’ तथा महिला सुरक्षा हेतु ‘‘मिशन गौरा शक्ति’’ एप का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ द्वारा पर्यावरण संरक्षण, कोविड जागरूकता, हानिकारक कूड़े के निस्तारण व जोखिम पूर्ण स्थानों के चिन्हीकरण के लिए चलाये जा रहे माउण्ट गंगोत्री-1 पर्वतारोहण अभियान का फ्लैग ऑफ भी किया। इंस्पेक्टर एसडीआरएफ अनीता गैरोला के नेतृत्व में 9 सितम्बर से 30 सितम्बर तक चलाया जायेगा। अभियोगों की विवेचना में गुणात्मक सुधार तथा सफल अनावरण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा विवेचकों को स्मार्ट एविडेंस टूलकिट टेबलेट प्रदान किये गये।

जल्द बनेगी एंटी ड्रग पालिसी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पुलिस की समीक्षा बैठक भी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस में खेल कोटे की भर्ती शुरू की जायेगी। पीएसी के जवानों को बसों की व्यवस्था की जायेगी। उत्तराखण्ड में शीघ्र एंटी ड्रग पॉलिसी बनायी जायेगी। पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर जल्द भर्ती की जायेगी। पुलिस विभाग के आरक्षियों के ग्रेड पे के संबंध में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है। इसमें जल्द उचित समाधान निकाला जायेगा।

अपराधियों को पकड़ने हेतु पुरस्कार राशि बढ़ायेगी सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 को और सख्त बनाया जायेगा। बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आने वाले लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्था किसी भी राज्य की सुरक्षा एवं समृद्धि का एक आवश्यक अंग है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा राज्य में अच्छा कार्य किया जा रहा है।
इनामी अपराधियों को पकड़ने हेतु पुरस्कार राशि बढ़ायी जाएगी। कोरोना काल में पुलिस द्वारा मिशन हौंसला के तहत सराहनीय कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट पुलिस बनाने का जो विजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का है। उसको पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उत्तराखण्ड पुलिस को आधुनिक बनाने में जो भी आवश्यकता होगी उसे पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर एवं इंस्पेक्टर को कोविड-19 में उनके द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों एवं सेवाओं 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि जल्द दी जायेगी।

साइबर क्राइम को रोकने के लिये ठोस रणनीति बनाएं
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए लिए ठोस रणनीति बनाई जाय। यातायात के नियमों, रोड सेफ्टी के प्रति लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय। ट्रैफिक लाइट एवं सीसीटीवी निगरानी की समुचित व्यवस्था की जाय। कार्यों के प्रति प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। थाना या चौकी स्तर के मामले जिले स्तर पर न आए। जिला स्तर के मामले मुख्यालय स्तर एवं शासन स्तर पर न आये। जिसकी जो जिम्मेदारी है, अपने स्तर पर शीघ्र उसका समाधान करें। महिला सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, नशा मुक्ति एवं साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाय।

मिशन गौरा शक्ति अभियान
महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सजग एवं प्रभावी पहल के लिए उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा मिशन गौरा शक्ति अभियान चलाया जायेगा। इसके तहत छेड़खानी जैसी घटनाओं में प्रभावी कार्यवाही, बालिकाओं को आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षण एवं शिकायत निवारण तंत्र को और अधिक मजबूत बनाया जायेगा। इसके तहत पीड़िता इमरजेंसी की स्थिति में डायल कर तुरंत पुलिस सहायता प्राप्त कर सकती है। ऑनलाईन ऑडियो, वीडियो एवं टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकती हैं। आपात स्थिति में 112 पर कॉल कर सकते हैं। अपनी शिकायत पर संबंधित पर हुई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त कर सकती है। एप के माध्यम से पुलिस के अन्य ऑफिसियल सोशल मीडिया अकाउंट पर भी संपर्क कर सकती हैं।

पब्लिक आई एप
उत्तराखण्ड प्रदेश की जनता अपनी शिकायतों के साथ-साथ आसपास घटित हो रहे आपराधिक या विधि का उल्लंघन करने वाले कृत्यों की फोटो या वीडियो बनाकर पुलिस को भेज सकते हैं। शिकायतकर्ता अपने द्वारा पूर्व में की गई शिकायत व उस पर हुई कार्यवाही की प्रगति के बारे में जान सकते हैं। साइबर क्राइम के बारे में शिकायत दर्ज की जा सकती है। किसी भी प्रकार की ट्रेफिक समस्या या सड़क दुर्घटना के संबंध में फोटो या वीडियो बनाकर कार्यवाही हेतु अपलोड किया जा सकता है। आपात स्थिति में 112 नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, अरविन्द सिंह ह्यांकी एवं पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नेटवर्क में सुधार लाने के लिए बीबीएनएल के महानिदेशक से चर्चा

अशोक कुमार मित्तल, आई.टी. एस. महानिदेशक दूरसंचार, दूरसंचार विभाग ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु से मुलाकात करते हुए उत्तराखंड राज्य में दूरसंचार के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रणनीति पर चर्चा की। इस चर्चा में शहरी विकास प्राधिकरणों के उप कानूनों को उत्तराखंड राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 के अनुसार करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप, पंचायत संस्थानों द्वारा भारतनेट नेटवर्क का उपयोग, जिला और राज्य स्तरीय दूरसंचार समितियों की नियमित बैठक, ट्रांसमिशन लाइनों के साथ ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीडब्ल्यूजी) की तैनाती आदि शामिल है।
महानिदेशक (दूरसंचार) ने उत्तराखंड क्षेत्र में नेटवर्क कवरेज में सुधार के लिए दूरसंचार टावरों की अनुमति की शीघ्र मंजूरी के महत्व पर जोर दिया। ऑप्टिकल फाइबर केबल के दोषों की मरम्मत के लिए सड़कों की खुदाई के लिए बी.बी.एन.एल. (भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड) को अनुमति पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी आर. के सुधांशु को निर्देशित किया कि उत्तराखण्ड में दूरसंचार सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित जो भी प्रस्ताव आते हैं। उनका सम्बन्धित जिलाधिकारियों के माध्यम से तत्काल निस्तारण करवायें। साथ ही उन्होंने इस सम्बन्ध में महानिदेशक दूरसंचार को स्थानीय डाटा भी उपलब्ध करवाने को कहा।
महानिदेशक (दूरसंचार) ने सचिव (आपदा प्रबंधन) एस ए मुरुगेसन से भी मुलाकात करते हुए उत्तराखंड राज्य में आपदा के दौरान दूरसंचार के बुनियादी ढांचे की बहाली और प्रबंधन की रणनीति के बारे में चर्चा की। उन्होंने बचाव, राहत और पुनर्वास पद्धति शुरू करने में दूरसंचार सेवाओं की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें आपदाओं से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) 2020 के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल के बारे में जानकारी भी दी।

उद्योगों में 25 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रदेश के विभिन्न उद्योगों के मानव संसाधन प्रबन्धकों ने भेंट की। इस अवसर पर प्रदेश में विभिन्न उद्योगों में आगामी छः माह में लगभग 25 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में आपसी संवाद एवं परिचर्चा भी आयोजित हुई। आपसी संवाद के तहत विभिन्न उद्योगों के मानव संसाधन प्रबन्धकों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जो उद्योग प्रदेश में स्थापित है वे भली भांति चले तथा अधिक से अधिक और उद्योग राज्य में स्थापित हो इसके लिये उद्योगों के अनुकूल वातावरण बनाया जायेगा तथा कारगर नीति का भी निर्धारण किया जायेगा, ताकि उद्योग की स्थापना अथवा विस्तारीकरण के लिये विभिन्न विभागों के स्तर पर दी जाने वाली स्वीकृतियां समयबद्धता के साथ तुरन्त जारी हो सके। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में यदि नियमों का शिथिलीकरण किया जाना होगा तो वह भी किया जायेगा।

उद्योगों के अनुकूल वातावरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा प्रदेश में औद्योगिक वातावरण के सृजन में तेजी लाये जाने के लिये सभी से विचार विमर्श भी किया जा रहा है। सीआईआई तथा कुमाऊ गढ़वाल चौम्बर्स ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज से उनकी वार्ता हुई है, सभी की समस्याओं के समाधान का उनका प्रयास है। इसके लिये मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव को भी उद्योगो की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये गये हैं।

विकास में उद्यमी बने सहयोगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये देश के अन्य उद्यमियों को प्रोत्साहित करने में हमारे उद्यमी सहयोगी बन सकते हैं, इस सम्बन्ध में आपके द्वारा उन्हें दी गई सकारात्मक सलाह या सुझाव उन्हें प्रेरित करने में मददगार हो सकती है। इसके लिये यहां के उद्यमियों को हमारा सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा 2003 में राज्य को दिये गये औद्योगिक पैकेज के कारण राज्य में उद्योगों की स्थापना की राह प्रशस्त हुई थी। उन्होंने उद्योगों के मानव संसाधन प्रबन्धकों से यहां के लोगों को अपना सहयोगी बनाने का भी आह्वान किया तथा युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने की अपेक्षा भी की।

मानव संसाधन प्रबन्धकों ने रखे अपने सुझाव, युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन
मानव संसाधन प्रबन्धकों ने प्रदेश में उद्योगों की स्थापना विस्तारीकरण नये इंडस्ट्रियल पार्काे को विकसित करने, पंजीकरण आदि के लिये नियमों के सरलीकरण किये जाने, आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक में उद्योगों के अनुकूल विषयों को प्राथमिकता दिये जाने इनके प्रमुखों का उद्योगों से आपसी समन्वय पर ध्यान देने, इम्पलायमेंट एक्सचेंज को क्रियाशील बनाये जाने, लाजिस्टिक कास्ट को कम करने के लिये कन्टेनर रेल ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध कराने आदि सुझाव रखे। सभी ने मुख्यमंत्री को आश्वास्त किया कि वे उद्योगों में राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने भी मानव संसाधन प्रबन्धकों से वार्ता कर उनकी समस्याओं से अवगत होने के साथ ही उनके सुझाव भी प्राप्त किया।

इस परिचर्चा में जिन मानव संसाधन प्रबन्धकों ने अपने सुझाव दिये उनमें आईटीसी लि0 के अल्ताफ हुसैन, होलोनिक्स टेक्नोलोजिस के जितेन्द्र दास, विप्रो इन्टर प्राइजेज प्रा0 लि0 के अरविन्द चौहान, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 के विमल सिंह, हीरो मोटोकोर्प लि0 के राजकुमार सिंह, टपरवैयर इंडिया लि0 के दानिश अली, हनीवैल ईडी एण्ड एस इंडिया लि0 के विवेक शर्मा, टाइटन कम्पनी के संजय सिंघल, जाइडस वेलनैस के मयूरेश कुमार, सनसेरा इंजि0 के डी0सी बिष्ट के साथ ही टाटा मोटर्स आदि के प्रतिनिधि शामिल रहे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबन्धकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन यूपीईएस के असिस्टेंट डायरेक्टर मुदालियर जितेन्द्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते भी उपस्थित थे।