बालश्रम की सूचना पाकर आयोग ने संयुक्त सचिव के घर मारा छापा, कराया मुकदमा दर्ज

बाल आयोग तथा टास्क फोर्स की टीम ने संयुक्त रूप से संयुक्त सचिव राजस्व के घर छापा मारा है। टीम ने घर में काम कर रही एक बच्ची को रेस्क्यू कराया है। बच्ची यहां पिछले दो वर्षों से काम कर रही है। आयोग की ओर से अधिकारी के खिलाफ बाल श्रम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पिछले कई दिनों से बाल आयोग को बाल श्रम को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। जिस पर शनिवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के नेतृत्व में श्रम विभाग की टास्क फोर्स जीएमएस रोड स्थित मिलन विहार पहुंची। जहां संयुक्त सचिव राजस्व प्रेम प्रकाश के घर पर छापेमारी की गई। जिसमें 12 साल की बच्ची से बाल श्रम करवाए जाने की पुष्टि हुई।

टीम ने बच्ची को मुक्त करा बालिका निकेतन भेज दिया है। जबकि, आरोपित अधिकारी प्रेम प्रकाश के खिलाफ थाना वसंत विहार में बाल श्रम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। रेस्क्यू टीम ने बताया कि छापेमारी के दौरान आरोपित अधिकारी ने बच्ची को गोद लेने की बात कही, लेकिन वह इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाया। जिस पर बाल आयोग ने इसे गैरकानूनी ठहराते हुए कार्रवाई की।
ऊषा नेगी (अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग) का कहना है कि बाल श्रम करवाना अपराध है और इस अपराध में लिप्त पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कोई उच्च अधिकारी ही क्यों न हो। आयोग की ओर से इस प्रकार की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है।

बिना मिलीभगत के संभव नही ई-वे बिल का 8500 करोड़ का फर्जीवाड़ा

जीएसटी में पंजीयन और ई-वे बिल की आसान प्रक्रिया का फायदा उठाकर उत्तराखंड में 8500 करोड़ रुपये मूल्य के फर्जी ई-वे बिल बनाने का मामला सोमवार को सामने आया। मात्र दो माह के अंतराल में यह बिल बनाए गए और इसके लिए प्रदेश में 70 फर्जी फर्मों को कागजों में उत्तराखंड में संचालित दिखाया गया। दो माह की मशक्कत के बाद पकड़ में आए इस मामले का खुलासा राज्य कर विभाग ने सोमवार को किया।
सोमवार को सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य कर आयुक्त सौजन्या ने बताया कि विभाग को इस बड़े फर्जीवाड़े की भनक करीब दो माह पूर्व लगी। जीएसटी में पंजीयन और ई-वे बिल के सरल तरीका का फायदा उठाकर 70 फर्जी फर्मों को उत्तराखंड के भिन्न हिस्सों में किराए पर लिए भवनों में दिखाया गया।
इन फर्मों में से 26 ने चप्पल की बिक्री अन्य राज्यों आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में दिखाई। इसी के आधार पर 34 फर्मों ने 8500 करोड़ रुपये मूल्य के 12204 ई-वे बिल ऑनलाइन जनरेट किए। इसके जरिए करीब 1200 करोड़ रुपये से लेकर 8500 करोड़ रुपये तक का मूल्य वर्धन उत्पादों में दिखाया।
बड़ी संख्या में भारी मूल्य के ई-वे बिल सामने आने पर राज्य कर विभाग के अधिकारियों को शक हुआ और इसकी जांच की गई। राज्य कर विभाग की 55 टीमों ने ऊधम सिंह नगर और देहरादून में 70 फर्मों के ठिकानों पर दबिश दी। इन फर्मों ने उत्तराखंड में किराए के स्थानों से कारोबार किया जाना दिखाया था। छापेमारी में एक भी किरायानामा सही नहीं पाया गया और न ही कहीं उत्पादन होता मिला। साफ था कि सिर्फ कागजों में ही यह व्यापार किया जा रहा था।
सौजन्या के मुताबिक 80 लोगों ने 21 मोबाइल नंबर और ई मेल आईडी का उपयोग कर दो-दो की साझेदारी में 70 फर्म पंजीकृत कीं। पंजीयन लेते समय सभी साझीदारों ने स्वयं को हरियाणा या दिल्ली का रहने वाला बताया और उत्तराखंड में किराए पर व्यापार स्थल को दिखाते हुए पंजीयन हासिल किया। पंजीयन लेते समय बिजली के बिलों और किराएनामे का उपयोग किया गया और यह सब फर्जी पाया गया। इसमें करीब 1455 करोड़ रुपये के कर अपवंचन का मामला बन रहा है।
12 उपायुक्त, 55 अपर आयुक्त, 55 स्टेट टैक्स अधिकारी और 55 स्टेट टैक्स अधिकारी इस मुहिम में शामिल हैं। इसके अलावा मुख्यालय के दस अधिकारियों की कोर टीम भी इसमें शामिल रही। ये सभी अधिकारी पिछले 15 दिन से जांच में जुटे हुए थे। राज्य कर आयुक्त सौजन्या के मुताबिक जांच अभी जारी है। इन अधिकारियों ने सोमवार को करीब 55 स्थानों पर अलग-अलग छापेमारी की। राज्य कर आयुक्त, सौजन्या ने बताया कि इस तरह के फर्जी मामलों के लिए उत्तराखंड को किसी भी तरह से सेफ हेवन नहीं बनने दिया जाएगा। इस तरह के फर्जीवाड़ों की रोकथाम के लिए राज्य कर विभाग लगातार काम करता रहेगा।

ईमानदारी से हर क्षेत्र में कार्य करने की जरुरतः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में स्वस्थ औद्योगिक वातावरण के सृजन हेतु समेकित प्रयासों के साथ ही ईमानदारी, पारदर्शिता एवं परस्पर विश्वास की भावना से कार्य करने पर बल दिया है। उन्होंने उद्यमियों से पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना पर भी ध्यान देने को कहा है, पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही सौर उर्जा के क्षेत्र में काफी संभावनाये हैं। सौर उर्जा के क्षेत्र में लगभग 800 करोड़ का निवेश इन क्षेत्रों में हुआ है। जबकि टाटा ग्रुप द्वारा भी प्रदेश में सौर ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जतायी है।
श्रम विभाग एवं इंडस्ट्रीज ऑफ उत्तराखण्ड (आई.ए.यू.) के संयुक्त तत्वाधान में श्रम कानूनों एवं अग्नि सुरक्षा प्राविधानों में सुधार से सम्बन्धित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण बनाये जाने के साथ ही श्रमिकों की समस्याओं का भी तत्परता से समाधान हो इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने उद्यमियों को सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं तथा उनके व्यापक हित में लिये गये सुधारात्मक प्रयासों की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराने के लिए ऐसे आयोजनों को सराहनीय प्रयास बताया।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से पर्वतीय क्षेत्रों में सौर उर्जा, पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना पर ध्यान देने की अपेक्षा करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जिन खेतों का उपयोग नहीं हो रहा है वहां पर 5 मेगावाट तक के सौलर प्लांट स्थानीय लोगों के लिये आवंटित किये जा रहे हैं। ये योजनायें स्थानीय लोगों की आपसी सहमति से ज्वाइंट वेंचर में भी स्थापित की जा सकती है। इन क्षेत्रों में फिल्मांकन की भी व्यापक संभावनाएं हैं। ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिये प्रदेश की न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की जा रही है। अब तक 82 ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। स्थापित होने वाले ग्रोथ सेंटर न्याय पंचायतों में भविष्य की नई टाउन शिप विकसित करने तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मददगार होंगे। इससे इन क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा तथा उनकी प्रोसेसिंग व माक्रेटिंग की भी व्यवस्था होगी। यहां पर अच्छे स्कूल व अस्पतालों की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर कार्य संस्कृति विकसित कर जन समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। अधिकारी टीम भावना के साथ कार्य कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एवं उद्योग मनीषा पंवार, ने कहा कि सिंगल विंडो के माध्यम से प्रदेश में श्रम कानूनों के लिये ऑनलाइन व्यवस्था का प्रावधान किया गया है एवं उद्योग विभाग लगातार प्रयासरत है कि उद्योगों को आ रही कठिनाइयों को निरन्तर दूर किया जाय। श्रम आयुक्त डा. आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि श्रम विभाग की वेबसाइट पर श्रम कानूनों के अन्तर्गत उद्यमियों के लिये ऑनलाइन व्यवस्था कर दी गयी है, इसके अन्तर्गत फैक्टरी एक्ट, बॉयलर्स एक्ट, कान्ट्रेक्ट लेवर रेगुलेशन एक्ट, उत्तराखण्ड दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान अधिनियम, मोटर ट्रान्सपोर्ट वर्कर एक्ट एवं इन्टरस्टेट माइग्रेट वर्कर एक्ट, पंजीकरण, नवीनीकरण एवं वार्षिक विवरणी तथा निरीक्षण, रिपोर्ट आदि सभी प्रावधानों के लिये अब वेबसाइट के माध्यम से यह सारी सुविधायें उपलब्ध होगी।
इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड (आई.ए.यू.) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि इस कार्यशाला में श्रम विभाग के द्वारा विभिन्न श्रम कानूनों, कारखाना तथा ब्वॉयलर अधिनियम में अभी हाल ही में हुये बदलावों को जिनका समुचित प्रचार प्रसार ना होने से उद्यमियों एवं व्यापारियों एवं अन्यों को इनकी जानकारी नहीं हो पाती है, इसी को दृष्टिगत रखते हुये इस जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया है ताकि उद्यमियों एवं व्यापारियों का इन बदलावों की समुचित जानकारी उपलब्ध हो सकें।
इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग एल. फेनई, महानिरीक्षक अग्निशमन पुष्पक ज्योति, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष, इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड राजीव अग्रवाल, अनिल गोयल, राकेश ओबराय, अनिल गुप्ता के साथ ही उद्यमी एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

अब निगम वसूलेगा करोड़ों की हेराफेरी की रकम

सेल्फ एसेसमेंट (स्वकर निर्धारण प्रपत्र) में गड़बड़ी करने के मामले में नगर निगम देहरादून पैसिफिक मॉल से पांच करोड़ रुपये वसूल करेगा। इसमें टैक्स की रकम भी शामिल है। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यह जानकारी दी। पिछले दिनों राजपुर रोड स्थित पैसिफिक मॉल के टैक्स असेसमेंट में गड़बड़ी सामने आई थी। जांच करने पर पता चला कि मॉल चलाने वाली कंपनी पैसिफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. ने टैक्स असेसमेंट में गलत जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के निर्देश पर कर अनुभाग की टीम ने पैसिफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. द्वारा भरे गए सेल्फ असेसमेंट फॉर्म का भौतिक सत्यापन कराया था। जिसमें बढ़े स्तर पर टैक्स की हेराफेरी पाई गई थी। मॉल का एरिया काफी अधिक है, लेकिन सेल्फ असेसमेंट काफी कम बताया गया था। करीब दो वर्ष पहले भी मॉल की दोबारा पैमाइश कराई गई थी, जिसके बाद असेसमेंट 2.85 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.68 करोड़ हो गया था। तब तत्कालीन मेयर विनोद चमोली ने मामले की जांच के आदेश दिए थे, जो ठंडे बस्ते में चली गई थी।
वहीं, नगर आयुक्त ने एक बार फिर शहर के 50 प्रतिष्ठानों द्वारा भरे गए सेल्फ असेसमेंट फॉर्म की जांच कराई, जिसमें से 15 प्रतिष्ठानों द्वारा सेल्फ असेसमेंट में गड़बड़ी करने की बात सामने आई थी। जिसके बाद नगर आयुक्त के निर्देश पर उप नगर आयुक्त सोनिया पंत बीते तीन दिसंबर से मामलों की सुनवाई कर रही हैं। वहीं, सुनवाई नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने स्वयं की। उन्होंने पैसिफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. को टैक्स में आ रहे अंतर को चार गुना जुर्माने के साथ करीब पांच करोड़ रुपये जमा करने के आदेश दिए हैं।

जानिए क्या है कामर्शियल असेसमेंट
किसी भी कामर्शियल जमीन के सर्किल रेट, जिला प्रशासन द्वारा तय में कांप्लेक्स या मॉल की निर्माण लागत जोड़ दी जाती है। इसके बाद वार्षिक किराया मूल्यांकन, पांच प्रतिशत की दर से निकाला जाता है। इस पर 12 प्रतिशत टैक्स बनता है।

टैक्स इंस्पेक्टरों की भूमिका पर अब उठने लगे सवाल
पैसिफिक मॉल के सेल्फ असेसमेंट में हुई हेराफेरी में टैक्स इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। जिनके द्वारा प्रतिष्ठानों की ओर से किए गए गलत सेल्फ एसेसमेंट का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने गड़बड़ी करने वाले टैक्स इंस्पेक्टरों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद संलिप्त पाए जाने पर टैक्स इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इन प्रतिष्ठानों ने लगाई करोड़ों की चपत
जेकेजे रियल टेक प्राइवेट लिमिटेड, पैसेफिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, होटल सोलिटेयर, होटल सैफरान लीफ , होटल जेएसआर, होटल सौरभ, होटल ग्रीन मैजेस्टिक, राजकुमार भाटिया (होटल श्याम रेजीडेंसी) आरएन सकलानी(शेखर एंड मंयख डिजाईनर) सुनील गोयल (तनिष्क ज्वैलर्स), आशीर्वाद एसोसिएशन, अजय कुमार गुप्ता (ग्रैंड प्लाजा कांप्लेक्स), जगदीश चंद चैधरी (आकाश इंस्टीट्यूट), नरेश ग्रोवर, पंकज पुरी, नीरज पुरी (वृंदावन टावर)।

मां के काम पर जाने के बाद रखना पड़ता था भाई का ध्यान, सो कर दी भाई की हत्या

हरिद्वार जिले के ज्वालापुर क्षेत्र में दो बहनों ने दो साल के मासूम भाई को इसलिए मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि मां के काम पर जाने के बाद उन्हें भाई का ध्यान रखना पड़ता था। बहनों का मानना था कि भाई के कारण मां उन्हें तवोज्जों नहीं देती है। बहनों ने हत्या के बाद शव को गंगनहर में फेंक दिया। सीसीटीवी में वारदात के कैद होने के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया तो दोनों ने अपना जुर्म कुबुल कर लिया।

कोतवाली ज्वालापुर कैंपस में एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने बताया कि मासूम के गायब होने की जांच में जुटी ज्वालापुर पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरे चेक किए तब एक कैमरे में मासूम की 14 वर्षीय बहन अपनी 12 वर्षीय चचेरी बहन के साथ घटना के दिन अलसुबह एक सफेद रंग का बैग ले जाते हुए दिखाई दी। परिजनों को विश्वास में लेकर जब किशोरियों से पूछताछ की गई तब उन्होंने अपना गुनाह कुबूल लिया।

बकौल एसएसपी मासूम की मां घरों में साफ-सफाई का कार्य करती है। जब वह काम पर जाती थी, तब भाई के लालन पालन की जिम्मेदारी 14 साल की बहन को संभालती पड़ती थी। साथ ही भाई की वजह से अभिभावक अब उसे ज्यादा तवज्जो भी नहीं देते थे। बस यही बात बड़ी बहन को अंदर ही अंदर इस कदर खल रही थी। इसी के चलते उसने 12 वर्षीय चचेरी बहन के साथ मिलकर भाई की हत्या करने की ठान ली।

देर रात मासूम से बड़ा भाई शौच के लिए गया था, इसलिए परिजन मुख्य दरवाजा खुला होने के कारण बेटे को उठाकर ले जाने का आरोप ताई पर जड़ रहे थे। सीसीटीवी कैमरे में दोनों बहनें आते जाते हुए दिखाई दीं तो मामला साफ हो गया। एसएसपी के मुताबिक दोनों नाबालिग हैं, इसलिए इन्हें किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।

कभी क्राइम से अलर्ट रहने की देता था सीख अब खुद ही दे डाली फर्जी लूट की सूचना

देहरादून पुलिस ने लूट की झूठी सूचना देकर दहशत मचाने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक पूर्व में सावधान इंडिया टीवी सीरियल में इंस्पेक्टर का रोल प्ले कर चुका है।

क्लेमेंटटाउन थाने की लेन नंबर-13 निवासी आकाश शर्मा ने दोपहर में पुलिस को सूचना दी कि टर्नर रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक से उन्होंने 45 हजार रुपये निकाले थे। रकम लेकर वह बैंक से बाहर आए तो लाल रंग की अपाचे बाइक पर हेलमेट पहनकर पहुंचे दो युवकों ने उससे कैश छीन लिया। विरोध पर बाइक पर पीछे बैठे बदमाश ने किसी चीज से उनके हाथ पर वार किया। जिससे वह नीचे गिर गए। इस दौरान उसे चोटें भी आई हैं।

सरेआम लूट की खबर से पुलिस में अफरातफरी मच गई। एसओ नरोत्तम बिष्ट के साथ सीओ अनुज कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे। नगर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण किया गया तो आकाश की बातों में विरोधाभास पाया गया। आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गई। लेकिन किसी ने इस तरह घटना की जानकारी होने से इनकार किया।

शक पर पुलिस ने आसपास की दुकानों और मकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इस पर सारी असलियत सामने आ गई। उसके बाद शिकायतकर्ता आकाश शर्मा की कार की सघनता से तलाशी ली तो डिग्गी में स्टपनी के नीचे से 45 हजार रुपये बरामद किए। इसके बाद आरोपी अपनी गलती पर माफी मांगने लगा।

एसपी चौबे ने बताया कि आकाश शर्मा मुंबई में पहले टीवी सीरियल में काम करता था। आकाश ने सावधान इंडिया की एक घटना से यह आइडिया लिया था। थायरायड होने के कारण आकाश अब सीरियलों में काम नहीं कर पा रहा है। लूट की झूठी सूचना देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर आकाश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

ट्रेन आने की सूचना पाकर पटरियों पर लेटा मजदूर, मौत

संदिग्ध परिस्थितियों में काशीपुर में फ्लाईओवर के नीचे से गुजर रही रानीखेत एक्सप्रेस ट्रेन के आगे एक मजदूर आकर लेट गया। ट्रेन की चपेट में आकर उसके शरीर के दो हिस्से हो गए। मौके पर आरपीएफ पहुंची और उसने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटना शुक्रवार सुबह करीब 11 बजकर 45 बजे की है, जब रानीखेत एक्सप्रेस रुद्रपुर से काठगोदाम के लिए जा रही थी। इसी बीच, ट्रेन को आता देख एक व्यक्ति पटरी पर लेट गया। ट्रेन से कटकर उसके शरीर के दो टुकड़े हो गए। घटना के बाद मौके पर भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर पहुंचे एसआई गुलाब सिंह ने मृतक व्यक्ति की जेब से मिले मोबाइल फोन से डायल नंबरों पर फोन कर उसके परिजनों को सूचित किया। उसकी शिनाख्त देवलाल (45) पुत्र कुंदन लाल निवासी ग्राम मलसा गिरधरपुर के रूप में हुई है।

वह मजदूरी करता था। उसके दो बेटे हैं। इधर, परिजन भी नहीं बता पा रहे हैं कि देवलाल में आत्मघाती कदम क्यों उठाया है। पुलिस को शव के पास से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। गेटमैन ने एसआई को बताया कि देवलाल कुछ देर पहले रेलवे ट्रेक के पास घूम रहा था। इसके बाद उसे ट्रेन आने की बात कहकर हटने को कहा गया था लेकिन वहां से हटने के बाद वह पटरी के पास बैठ गया था।

1.77 लाख की नगदी चोरी की सूचना पर मचा हड़कंप, पुलिस पुछताछ में जुटी

ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र के एक कमीशन एजेंट के दफ्तर से 1.77 लाख रूपए की नगदी चोरी हो गई। पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आसपास दुकानों में लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगाली। फुटेज में पुलिस को एक संदिग्ध युवक दिखाई दिया है। जानकारी के अनुसार, गंगानगर निवासी पुनीत त्यागी पुत्र शिवनाथ त्यागी का पुष्कर मंदिर रोड पर पुनीत कुमार एंड कंपनी के नाम से दफ्तर है। वह कमीशन एजेंट का काम करता है।

शनिवार की दोपहर करीब एक बजे दफ्तर में काम करने वाला युवक कृष्णा चौहान निवासी काले की ढाल का फोन आया। उसने फोन पर जानकारी दी कि वह एक लाख 77 हजार रुपये एकत्र करके लाया है। पुनीत त्यागी ने फोन पर अपने कर्मचारी को बताया कि वह दफ्तर में नहीं है। बात करने के दौरान ही कर्मचारी का फोन बंद हो गया। करीब एक घंटे के बाद कर्मचारी का फोन दोबारा आया। उसने बताया कि मोबाइल खराब हो गया था इसलिए पूरी बात नहीं हो पाई थी। अब वह मोबाइल को सही कराने आ गया है।

कृष्णा नामक कर्मचारी ने पुनीत से कहा कि उसे फोन ठीक करवाना है, लिहाजा उसे 150 रुपये की जरूरत है। इस पर पुनीत ने कहा कि जो रुपये वह एकत्र करके लाया है, उसी में से रुपये निकालकर फोन ठीक करवा लें। इसके बाद दोबारा फोन कट गया। करीब दस मिनट बाद कृष्णा का फिर फोन आया कि एक लाख 77 हजार रुपये चोरी हो गए हैं। आननफानन में पुनीत ने नकदी चोरी की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर चौकी इंचार्ज बस अड्डा चिंतामणि मैठानी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सामने की दुकान की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। फुटेज में अपराह्न करीब एक बजे संदिग्ध युवक पुनीत त्यागी के दफ्तर में घुसने की कोशिश करता हुआ दिखा है। इसके बाद वह फोन कान पर लगाकर आगे चला जाता है। इसके दो मिनट बाद संदिग्ध व्यक्ति दोबारा आता है और दफ्तर का दरवाजा खोल अंदर प्रवेश कर जाता है। निकलते समय उसके हाथ में नीले रंग का बैग दिख रहा है। आशंका जताई जा रही है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति ने चोरी की घटना को अंजाम दिया है।

दोषी होने की सजा सुनकर आरोपी ने कोर्ट में गटका जहर

न्यायालय में लूट व हत्या के प्रयास के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर सजा सुनकर एक आरोपी ने जहरीला पदार्थ गटक लिया। इससे न्यायालय परिसर में हड़कंप मच गया। आनन फानन में कोर्ट मोहरिल ने आरोपी को अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से उसे राजकीय अस्पताल पहुंचाया। यहां से चिकित्सकों ने उसे एम्स रेफर कर दिया। एम्स के चिकित्सकों के अनुसार युवक की हालत स्थिर है।
12 अक्टूबर 2016 को सहारनपुर के एक सराफा कारोबारी के मुनीम को दिनदहाड़े गोली मारकर लूट के मामले में मंगलवार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत में सुनवाई की तारीख थी। सुनवाई के बाद मामले में पुलिस की ओर से बनाए गए आठ आरोपियों में से दो को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया। दोषमुक्त आरोपियों के नाम सौरभ रस्तोगी और नवीन हैं। इसी क्रम में न्यायालय ने अन्य छह आरोपियों सतेन्द्र रस्तोगी उर्फ बिट्टू, रूप किशोर रस्तोगी, जुगल किशोर रस्तोगी, सतेन्द्र जैन, सुमित रस्तोगी, अनश को दोषी करार दिया। इन सभी छह आरोपियों पर सजा का फैसला सुरक्षित रखते हुए न्यायालय ने बुधवार की तिथि तय घ्की है।
दोपहर करीब एक बजे न्यायालय में जैसे ही सतेन्द्र रस्तोगी उर्फ बिट्टू निवासी दिल्ली को दोष सिद्घ होने का पता चला। दोषी साबित होने का फैसला सुनते ही उसने जेब से फेश वॉश की सीसी में रखा जहरीला पदार्थ निकाला और गटक लिया। यह मंजर देख वहां मौजूद पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में कोर्ट मोहरिल अमित ने तुरंत अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से उसे राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। मगर, यहां से उसे एम्स रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत स्थिर है। उसे फिलहाल चिकित्सकों की निगरानी में इमरजेंसी के यलो-1 वार्ड में रखा गया है। बुधवार को डिस्चार्ज करने की संभावना है।

एक को छोड़ जमानत पर थे सभी आरोपी
न्यायालय में मंगलवार को तारीख के लिए पहुंचे आठ आरोपियों में से छह जमानत पर बाहर थे। इसके अलावा एक पुलिस अभिरक्षा में था। देहरादून जेल से मंगलवार को पुलिस मामले के आरोपी अनिश को लेकर पहुंची थी।

कब और क्या है मामला
वर्ष 2016 दिनांक 12 अक्टूबर को सहारनपुर के सराफा कारोबारी राजकुमार जैन उर्फ गप्पी का मुनीम जोगेंद्र कुमार (40) उर्फ इंदर निवासी देवबंद बुधवार को आभूषणों की डिलीवरी देने ऋषिकेश आया था। जोगेंद्र सुबह सवा दस बजे के करीब आशुतोष नगर चैराहे पर उत्तराखंड रोडवेज की बस से नीचे उतरा। वह कुछ कदम पैदल चला ही था कि पीछे से भागकर आए दो बदमाशों में से एक ने उस पर पिस्टल से फायर झोंक दिया। गोली जोगेंद्र की गर्दन के पीछे बाएं हिस्से में लगी। घायल होने के बाद भी मुनीम बैग छीनने का प्रयास कर बदमाश से भिड़ गया। छीना-झपटी में बदमाश के हाथ से पिस्टल छूटकर जमीन पर गिर गई। बाद में दूसरे बदमाश ने आभूषण से भरा बैग छीन लिया। बिना देर किए दोनों बदमाश पहले से ही बाइक स्टार्ट किए खड़े तीसरे साथी की मदद से फरार हो गए। घबराहट में बदमाश पिस्टल मौके पर ही छोड़ गए। लहूलुहान मुनीम को स्थानीय लोगों ने ऑटो से सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।

कोर्ट में दोष सिद्ध होने का फैसला होते ही आरोपी को पुलिस अपनी अभिरक्षा में ले लेती है। यदि सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी ने जहरीले पदार्थ का सेवन किया तो इसमें पूरी तरह पुलिस का लापरवाही का मामला है। सजा सुनने के बाद आरोपी ने यदि अपत्तिजनक हरकत की है तो इसका मतलब है कि पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रति मुस्तैद नहीं थी।

—–विकेश नेगी, अधिवक्ता, क्रिमिनल केस