42 के बजाए बस में बैठे थे 148 यात्री, हुई सीज

देहरादून से लखीमपुर जा रही उत्तर प्रदेश नंबर की एक प्राइवेट बस को डग्गामारी करने पर सीज किया गया है। सीज की कार्रवाई परिवहन विभाग व निगम की टीम ने की। बस में 42 सीटर में पास थी, जबकि उसमें 148 यात्री सवार थे।

परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक पीके भारती ने बताया कि शासन के निर्देशा पर परिवहन निगम व विभाग की ओर से नेपाली फार्म पर संयुक्त अभियान चलाया गया। इस दौरान शाम सात बजे उत्तर प्रदेश नंबर यूपी15डीटी-9920 की एक बस आती दिखाई दी। विभागीय अधिकारियों ने बस को रुकने का इशारा किया तो बस चालक ने बस की स्पीड बढ़ा दी।

इस पर रायवाला पुलिस को सूचना देकर बैरियर लगवाए गए। साथ ही अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस की मदद से बस को रोका गया। बताया कि बस की चेकिंग करने पर उसमें 148 यात्री पाए गए, जबकि बस 42 सीटर है।

बस चालक से कागजात मांगने पर वह उपलब्ध नहीं करा पाया। उन्होंने बताया कि चालक बस का परमिट, लाइसेंस और टैक्स के कागजात भी उपलब्ध नहीं करा पाया। इस बस को सीज कर दिया गया।

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षाः कोचिंग सेंटर का संचालक गिरफ्तार

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल कराने का झांसा देकर युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना कोचिंग सेंटर संचालक मुकेश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से एक ब्लूटूथ, ईयर फोन, मोबाइल और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
पुलिस ब्लूटूथ की बारीकी से जांच कर रही है। साथ ही फरार चल रहे गिरोह के सात आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस ने सरगना को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना युवाओं को परीक्षा में नकल कराने के लिए ईयर फोन और ईयर पिक डिवाइस का प्रयोग कराता था। ईयर पिक से परीक्षार्थी फोटो खींचकर आरोपी को भेजते थे। इसके बाद उधर से ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से पेपर साल्व करवाया जाता था। ब्लूटूथ के माध्यम से ये लोग मात्र दो घंटे में ही पूरा पेपर सॉल्व करवा देते थे। उन्होंने बताया कि मुकेश के पास जो ब्लूटूथ डिवाइस मिला है, उसकी बारीकी से जांच की जा रही है। उम्मीद है कि ब्लूटूथ से कई अन्य जानकारियां मिलेंगी, जिसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी।
एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने प्रेसवार्ता कर बताया कि देहरादून एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और प्राविधिक शिक्षा परिषद में पेपर लीक कराने के साथ ही ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कराई जा रही है। 16 फरवरी को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती के लिए लिखित परीक्षा थी। मंगलौर क्षेत्र स्थित कुआंहेड़ी निवासी आलोक हर्ष पुत्र शिवलोक हर्ष ने पुलिस से शिकायत कर बताया था कि वह गुरुकुल नारसन स्थित ओजस्व कॅरियर इंस्टीट्यूट से परीक्षा की तैयारी कर रहा था। कोचिंग सेंटर के संचालक मुकेश सैनी ने बताया कि था कि वह चार लाख रुपये में परीक्षा का पेपर उपलब्ध करा सकता है। साथ ही पास करवाकर नौकरी भी लगवा देगा।
इसी बीच मुकेश सैनी के दोस्त कपिल से उसकी मुलाकात हुई। कपिल ने भी बताया कि मुकेश ने उससे भी चार लाख रुपये मांगें हैं और वह रुपये दे रहा है। झांसे में आकर उसने मुकेश को एक लाख रुपये दे दिए थे। मुकेश ने बताया था कि परीक्षा से पहले उसे कॉलेज के बाहर ही पेपर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
ऐसे संज्ञान में आया मामला
बताया कि कपिल को उसने एक ब्लूटूथ डिवाइस दी है, जो वह उसे उपलब्ध करा देगा और ब्लूटूथ के जरिये पेपर साल्व करवा देगा। परीक्षा वाले दिन आलोक ज्वालापुर स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ा था, लेकिन उसे पेपर और ब्लूटूथ उपलब्ध नहीं करवाया गया था। इस चक्कर में उसकी परीक्षा भी छूट गई थी। एसएसपी ने बताया कि मंगलौर पुलिस ने शिकायत के आधार पर गिरोह के सरगना मुकेश सैनी, निवासी ग्राम हरचंदपुर हाल निवासी गुरुकुल नारसन, कुलदीप राठी, गुरु वचन, हाकम सिंह जसोल निवासी उत्तरकाशी हाल निवासी ज्ञान आईएएस कोचिंग सेंटर, पंकज, अश्वनी, निवासी नारसन कलां, सुधीर, अशोक ग्राम बूढ़पुर जट्ट के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। तभी से आरोपी फरार चल रहे थे। एसएसपी ने बताया कि शुक्रवार को कोचिंग सेंटर पर छापा मारकर गिरोह के सरगना मुकेश सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा भी बढ़ाई गई है।
एसएसपी के अनुसार, जांच में सामने आया है कि गिरोह का सरगना मुकेश सैनी प्रदेश स्तरीय और एसएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक या फिर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से नकल कराता था। वह नकल से पास कराने के बाद नौकरी भी लगवाता था। साथ ही युवाओं को नकल का झांसा देकर एडवांस में रकम लेता था। कई ऐसे युवाओं के बारे में जानकारी मिली है, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है।
फॉरेस्ट गार्ड की कमी से जूझ रहा महकमा
वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड केे करीब 3650 पद हैं। इनमें से 1218 पद खाली हैं। इन पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जल्द भर्ती होने की उम्मीद वन विभाग को थी। इसी के चलते वन विभाग ने कई-कई साल से फॉरेस्ट गार्ड के पद पर काम कर रहे कई वन कर्मियों को प्रमोट कर वन दरोगा बना दिया। नई भर्ती होने तक इनमें से कइयों को फॉरेस्ट गार्ड की ड्यूटी अब भी निभानी पड़ रही है। कारण यह भी है कि प्रदेश में अब फायर सीजन शुरू हो गया है। विभाग में फॉरेस्ट गार्ड की कमी है। ऐसे में प्रमोट होने वाले कर्मियों को प्रभारी के रूप में काम करना पड़ रहा है।

केबीसी में लॉटरी के नाम पर ठगने वाले गिरोह का दूसरा सदस्य गिरफ्तार

रायवाला पुलिस ने कौन बनेगा करोड़पति में प्रतिभाग कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को बिहार के जमुई जिले से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसी गिरोह के एक अन्य सदस्य को 15 जुलाई 2019 को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने रायवाला निवासी बीएसएफ के एक हेड कांस्टेबल से 24 लाख 84 हजार की रकम ठगने के बाद गिरोह सुर्खियों में आया था।

थानाध्यक्ष रायवाला हेमंत खंडूरी ने बताया कि कौन बनेगा करोड़पति कांटेस्ट में हिस्सा दिलवाने के लिए लॉटरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला गिरोह बिहार से संचालित हो रहा था। 12 जून 2019 को बीएसएफ हेड कांस्टेबल बलवीर सिंह रावत पुत्र चंदन सिंह निवासी निकट राधास्वामी सत्संग भवन प्रतीत नगर रायवाला को एक फोन कॉल आया। उसमें गिरोह के सदस्यों ने स्वयं को कौन बनेगा करोड़पति कांटेस्ट से जुड़ा बताया।

गिरोह के सदस्य ने हेड कांस्टेबल को एक करोड़ बीस लाख रुपये की लॉटरी लगने की बात कही। इस लालच में हेड कांस्टेबल बलवीर सिंह ने 24 लाख 84 हजार रुपये गंवा दिए। इसके बाद जब फोन कट गया और पीड़ित ने उक्त नंबर को पुनरू कॉल करनी चाही तो फोन स्विच ऑफ आया। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था।

इस मामले में टीम गठित कर गिरोह के शातिर विकास कुमार केसरी पुत्र अर्जुन केसरी निवासी महादेव सिमरिया थाना सिकंदरा जिला जमुई बिहार को गिरफ्तार किया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि उक्त मामले में 15 जुलाई 2019 को गिरोह के एक अन्य सदस्य राहुल पुत्र अनिल प्रसाद निवासी एकसारा थाना वैन जिला नालन्दा बिहार को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक अन्य सदस्य आकाश वर्मा फरार चल रहा है। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष हेमंत खंडूरी, उप निरीक्षक विक्रम सिंह नेगी, कांस्टेबल प्रवीण सिंधु, विनोद कुमार शामिल रहे।

हैकर्स फेसबुक अकाउंट को हैक कर दोस्तों से मांग रहे आर्थिक मदद

एक चाय विक्रेता की फेसबुक आईडी हैक कर साइबर ठग ने चंदे के नाम पर वसूली शुरू कर दी। साइबर ठगों पैसा ठगने के लिए चायवाले की कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देकर उसके दोस्तों, रिश्तेदारों और फेसबुक फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को मार्मिक पोस्ट व मैसेज डाल दिए। हैकर्स ने जयपुर स्थित बैंक शाखा का अकाउंट नंबर भी पोस्ट किया गया है।

जानकारी के मुताबिक गोविंद नगर निवासी शीशपाल भंडारी इसी क्षेत्र में चाय की दुकान है। उनके फेसबुक अकाउंट को दो दिन पूर्व हैक कर लिया गया था। इस ठगी का अंदाजा उन्हें तब लगा जब उनकी बुआ के लड़के ने चंडीगढ़ से फोन किया। उन्होंने बताया कि वह ऋषिकेश में अपनी दुकान पर है।

जबकि हैकर्स ने मैसेंजर में उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती होना बताया था। इसके बाद शीशपाल भंडारी ने होशियारी दिखाते हुए तत्काल नया फेसबुक अकाउंट बनाया। साथ ही पुराने अकाउंट को हैक कर लिए जाने की घटना को भी अपलोड किया। शीशपाल ने बताया कि हैकर्स की जालसाजी के चलते उन्हें करीब 15 लोगों के फोन आए। इन सभी लोगों से हैकर ने बैंक अकाउंट नंबर भेजकर 10-10 हजार रुपये की मदद मांगी थी। समय रहते पोस्ट अपलोड होते ही हैकर्स की नापाक उम्मीदों पर पानी फिर गया। फिलहाल पीड़ित शीशपाल भंडारी ने इस मामले में कोई पुलिस शिकायत नहीं दर्ज कराई है।

नगर निगम की टीम ने मांस विक्रेताओं को नोटिस जारी किये

स्वास्थ्य अधिकारियों से जांच करवाए बिना मांस बेचने वालों पर नगर निगम का डंडा चला। इस दौरान निगम की टीम ने यहां दो मांस विक्रेताओं का चालान काटकर दस हजार रुपये जुर्माना वसूला है। साथ ही छह लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस भी जारी किया गया है।
नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम इंद्रा नगर स्थित मीट मार्केट पहुंची। इस दौरान सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने मांस विक्रेताओं के लाइसेंस और नालियों का निरीक्षण लिया। इसमें अधिकांश के लाइसेंस की वैधता समाप्त पाई गई। इस पर सफाई निरीक्षक ने शीघ्र ही ऑनलाइन लाइसेंस नवीनीकरण कराने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने दो मांस विक्रेताओं का चालान कर दस हजार रुपये का जुर्माना वसूला। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी ने यहां बिक रहे मांस का परीक्षण किया। इसमें उन्होंने छह मीट विक्रेताओं को बिना मांस की जांच कराए बिक्री करने पर नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि स्लाटर हाउस में मांस कटना चाहिए। साथ ही वहीं डॉक्टरों को मांस का निरीक्षण करवाना चाहिए। उनकी लिखित सहमति के बाद ही मांस को बेचा जा सकता है। इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल भी उपस्थित थे।

9411112780 पर फोन कर महिला एवं छात्राएं करा सकती हैं शिकायत दर्ज

उत्तराखंड में असुरक्षित महसूस करने वाली महिलाओं और छात्राओं के लिए पुलिस मुख्यालय ने नई पहल शुरू की है। अपनी शिकायत को लेकर थाने जाने से परहेज करने वाली महिला एवं छात्राओं के लिए पुलिस ने महिला व्हाट्सअप हेल्पलाइन सेवा शुरू की हैं।
पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि महिलाएं और छात्राएं व्हाट्सएप नंबर 9411112780 पर सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। मेसेज आने के बाद संबंधित क्षेत्र में तत्काल पुलिस सहायता मिलेगी। इस नंबर पर किसी भी घटना और समस्या से संबंधित मेसेज, फोटो अथवा पुलिस मुख्यालय में स्थापित महिला सुरक्षा सेल को भेज सकती हैं। महिला सुरक्षा सेल में तैनात पुलिस अधिकारी व्हाट्सएप पर आए संदेश पर संबंधित जनपद की पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचेगी। डीजी क्राइम ने बताया कि महिलाएं पीछा करने और छेड़छाड़ करने वाले का फोटो और वीडियो भी सीधे भेज सकेंगी।

शरजील पीएफआई के संपर्क में था, फंडिंग की जांच में जुटी पुलिस

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के स्कॉलर शरजील इमाम से पूछताछ में पुलिस को चैंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं। पता चला है कि शरजील पीएफआई के नौ लोगों के संपर्क में था। इनसे उसकी लगातार बातचीत होती थी। ये सभी व्हाट्स ऐप ग्रुप ‘मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जेएनयू’ और ‘मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जामिया’ से जुड़े थे।
वहीं, शरजील के मोबाइल की जांच के बाद पुलिस ने जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के 15 छात्रों की पहचान की है। ये शरजील के संपर्क में थे। पुलिस ने इनको पूछताछ के लिए नोटिस दिया है। शरजील का रिमांड सोमवार को खत्म होने के बाद उसे साकेत कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के घर पेश किया गया। वहां उसका रिमांड तीन दिन और बढ़ा दिया गया है। हालांकि पुलिस को उसके किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शरजील के लैपटॉप और डेस्कटॉप की जांच के दौरान पता चला है कि शरजील ने जामिया हिंसा से पूर्व उर्दू और अंग्रेजी में कुछ भड़काऊ पोस्टर बनाए थे। इनको उसने विभिन्न व्हाट्स ऐप ग्रुप पर पोस्ट किया था। दूसरी ओर, उसके बैंक खातों की जांच के दौरान किसी बाहरी फंडिंग की अभी जानकारी नहीं मिली है।
पुलिस खातों की डिटेल की जांच कर रही है। पुलिस ने शरजील के मोबाइल का डिलीट डाटा भी बरामद कर लिया है। मोबाइल से मिले कई वीडियो में शरजील भड़काऊ भाषण देता दिखा है। शरजील को भड़काऊ बातें बोलने में महारथ हासिल है। उसने अपनी बातचीत के जरिये पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की थी।
मोबाइल से मिले वीडियो में शरजील लोगों से सीएए और एनआरसी के खिलाफ लामबंद होने के लिए कह रहा है। जामिया मिल्लिया और शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू होने के बाद वह देश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह के प्रदर्शन खड़े करने की कोशिश कर रहा था।

एसएसएससी की ओएमआर शीट में मिली गड़बड़ी, दर्ज हुआ मुकदमा

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कनिष्ठ सहायक परीक्षा में एक छात्रा की ओएमआर शीट में छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया हैं। पुलिस ने विवेचना वरिष्ठ उप निरीक्षक जितेन्द्र चौहान को सौंपी है। बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 25 नवंबर 2018 को कनिष्ठ सहायक स्नातक स्तरीय परीक्षा संपन्न कराई थी।

इसमें निर्धारित अभ्यर्थियों की मूल ओएमआर ईमेज और ओएमआर की द्वितीय (कार्यालय) प्रति के मिलान में यह खुलासा हुआ कि अभ्यर्थी अंजू की मूल ओएमआर और द्वितीय प्रति में उत्तर गोलों में अंतर है। जाहिर है मूल ओएमआर सीट में परीक्षा होने के बाद उत्तर गोले जोडे गए हैं। संबधित अभ्यर्थी का परीक्षा परिणाम रोक दिया गया है। यह छेड़छाड़ अभ्यर्थी को पास कराने के उद्देश्य से की गई है।

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आयोग की जांच में यह मामला उजागर हुआ है। जांच के आधार पर आयोग के अनुसचिव राजन नैथानी की तहरीर पर धोखाधड़ी और दस्तावेजों में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना वरिष्ठ उप निरीक्षक जितेंद्र चौहान के सुपुर्द की है। विवेचना में आने वाले तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

एसआईटी जांच में दोषी शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई के पक्ष में मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रबंध तंत्र द्वारा निजी स्रोत से शिक्षण कार्य हेतु रखे गए पी.टी.ए. शिक्षकों के मानदेय के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में पी.टी.ए. शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता, निर्धारित आवश्यक अर्हता एवं योग्यता के साथ ही नियमानुसार सम्यक प्रकियाओं के तहत कार्यवाही किये जाने पर विचार किया गया। इस सम्बन्ध में दिसम्बर, 2016 में जारी शासनादेश के अनुसार कार्यवाही किये जाने पर भी सहमति बनी। बैठक में विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव वित्त अमित नेगी एवं सचिव विद्यालयी शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि शिक्षा के व्यापक हित में योग्यता पर ध्यान दिया जाय, एस.आई.टी की जांच में गलत तरीके से शिक्षक बनने वालो के विरूद्व अविलम्ब योग्य अधिकारियों की समिति गठित कर सुनवाई की कार्यवाही आरंभ की जाय। उन्होंनें कहा कि इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये समर्पित कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारियों को समिति में रखा जाय। उन्होंने कहा कि समय समय पर स्कूलों का निरीक्षण किया जाए। जिन स्कूलों में कम बच्चे है अथवा जिस कैम्पस में कई स्कूल संचालित हो रहे है उनका आपस में विलय कर छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए यदि परिवहन की सुविधा दी जानी हो तो उसकी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग्य शिक्षक ही शिक्षा का भला कर सकते है तभी छात्रों को अच्छी शिक्षा भी उपलब्ध हो सकती है। हमें हर हाल में शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखनी होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित विभिन्न अशासकीय प्राप्त विद्यालयों को अनुदान दिये जाने के सम्बन्ध में स्पष्ठ कार्ययोजना के निर्धारण पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में जनवरी 2017 में जारी शासनादेश में निर्धारित मानकों के अनुसार कार्यवाही अमल में लायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय कार्यकलापों के क्रियान्वयन में शासन द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उक्त शासनादेश में इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी स्पष्ट किये गये है। शासनादेश में निर्धारित मानकों में व्यवस्था है कि जूनियर हाईस्कूल स्तर पर प्रति छात्र एक हजार रूपये अथवा अधिकतम एक लाख, हाईस्कूल स्तर पर एक हजार पांच सौ प्रति छात्र अथवा अधिकतम दो लाख एवं इण्टर स्तर पर प्रति छात्र दो हजार रूपये अथवा अधिकतम तीन लाख प्रतिह वर्ष जो कम हो की धनराशि विद्यालयों को टोकन राशि उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों की शिक्षा के व्यापक हित में यदि आवश्यकता हो ते इस धनराशि को पुननिर्धारण पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालयों मं अध्यपाक की व्यवस्थाओं एवं फीस निर्धारण आदि की भी कार्ययोजना निर्धारित की जानी चाहिए। हमारा उद्देश्य छात्रों को शिक्षा का बेहतर अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना है।

पत्नी को भंडाभोड़ करने को पति ने दलाल से मंगवाई कॉल गर्ल, निकली पत्नी

पत्नी कॉलगर्ल है या नहीं, इस शक को दूर करने के लिए एक पति ने महिला दलाल के जरिए कॉल गर्ल की फोटो व्हाट्सअप पर मंगवाई। महिला दलाल ने कई फोटो भेजे। इसमें एक फोटो उसकी पत्नी की भी निकली। बस फिर क्या था। पति ने उसे व्हाट्सअप पर बुक किया। इसके बाद जो हुआ, वह चर्चाओं में बना हुआ है।

दरअसल काशीपुर में एक ऐसा मामला सामने आया। यहां आईटीआई थाना क्षेत्र की युवती का विवाह कुछ वर्ष पहले दिनेशपुर के युवक के साथ हुआ। पत्नी के सुसराल से ज्यादा मायके रहने पर पति को कुछ समझ नहीं आया। तभी पत्नी की एक सहेली ने पति को फोन पर जानकारी दी कि वह कॉल गर्ल है तथा एक महिला दलाल के जरिए चलती है। सहेली ने ही पति को महिला दलाल का नंबर भी उपलब्ध कराया।

इसके बाद पति ने महिला दलाल से व्हाट्सअप पर संपर्क साधा और सर्विस की मांग की। महिला दलाल ने कई कॉल गर्ल की फोटो भेजी। इसमें एक फोटो पत्नी की भी निकली। पति ने पत्नी की फोटो भेज कर सर्विस मंगवाई। पत्नी भी बताए गए पते पर पहुंची। दोनों का आमना सामना हुआ तो जमकर हाथापाई हुई। साथ ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामला एएसपी के पास पहुचंा। एएसपी ने मामले में जांच कराने की बात कही है।