चारधामः उत्तराखंड के लोग अब एक जुलाई से कर सकेंगे दर्शन

(एनएन सर्विस)
प्रदेश सरकार ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में एक जुलाई से प्रदेश में रह रहे लोगों को दर्शन करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए ऑनलाइन पास की व्यवस्था रहेगी। यदि कोई व्यक्ति दूसरे राज्य से आया है तो उसे क्वारंटीन के सभी दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही चारधाम में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। चारों धामों में दर्शन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सैनिटाइजर रखने के साथ ही मास्क पहनना अनिवार्य होगा। 

एक रात ठहरने की मिली अनुमति
बोर्ड की ओर से जारी एसओपी के अनुसार दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु को धाम के विश्राम गृह में एक रात ही ठहरने की अनुमति होगी। आपातकालीन स्थिति, सड़क बाधित होने और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी में ही जिला प्रशासन की अनुमति से इसे बढ़ाया जा सकेगा। जिस लोगों के धाम क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, ढांबे और अन्य परिसंपत्तियां हैं, वे मरम्मत कार्य के लिए प्रशासन की अनुमति से जा सकेंगे और एक दिन से ज्यादा ठहर सकेंगे। 

बुुजुर्ग और बच्चों के लिए नियम
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चारधाम में 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 10 साल से कम आयु के बच्चों को जाने की अनुमति नहीं होगी। 

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इसका रखना होगा ध्यान 
कोरोना संक्रमण को देखते हुए धामों के मंदिरों में बाहर से लाए गए प्रसाद और चढ़ावे पर रोक रहेगी। मूर्तियों को छूने पर भी प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ और पैर धोना अनिवार्य होगा। 

सचिवालय में विजिटर्स को मिली अनुमति
एक जुलाई से सचिवालय में आगंतुकों (विजिटर्स) को प्रवेश मिल सकेगा। पहले चरण में एक दिन में अधिकतम 50 लोगों को ही प्रवेश मिल पाएगा। निजी सचिवों की ऑनलाइन मंजूरी के बाद प्रवेश पत्र आगंतुकों को जारी किए जाएंगे। अपर मुुख्य सचिव (सचिवालय प्रशासन) राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी किए। कोविड-19 महामारी की रोकथाम के चलते मई और जून में सचिवालय प्रशासन ने सचिवालय में आगंतुकों के प्रवेश को पहले सीमित किया था, उसके बाद उनके प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक अनलॉक 1.0 में भी जारी रही, लेकिन अब अनलॉक 2.0 में प्रदेश सरकार के स्तर पर दी जा रही ढील के क्रम में सचिवालय प्रशासन ने भी सचिवालय में प्रवेश की व्यवस्था लचीली कर दी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने स्वरोजगार के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरु की

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पर्यटन विभाग स्वरोजगार योजनाओं का लाभ देने के लिए कोई कमसर नही छोड़ना चाहता है। इसके लिए विभाग ने ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी है। ऑनलाइन सिस्टम से घर बैठे ही आवेदन किया जा सकता है। इससे आवेदकों को बड़ा फायदा होगा। अब उन्हें कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहीं, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत इलेक्ट्रिक बस खरीदने पर 50 प्रतिशत या 15 लाख तक सब्सिडी मिलेगी।
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। स्वरोजगार की योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और पंडित दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में तहत अब बेरोजगार युवा प्रदेश के अंदर विभिन्न मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसें खरीद कर रोजगार शुरू कर सकते हैं। बसों का संचालन परिवहन निगम के निर्धारित रूटों के साथ ही अंतर नगरीय क्षेत्रों में किया जाएगा। 
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में इलेक्ट्रिक बसों के अलावा अन्य वाहनों की खरीद पर पूर्व की भांति 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। वहीं, गैर वाहन मद में आवेदकों को पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत या 15 लाख और मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत या 10 लाख तक सब्सिडी दी जा रही है। होम स्टे के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत  या 10 लाख और मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत या अधिकतम सात लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
पर्यटन विभाग के सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था लागू होने से योजना में पारदर्शिता आएगी और घर बैठे लोग आवेदन कर सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और योजना की रियल टाइम में मानीटरिंग हो सकेगी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और होम स्टे योजना के लिए अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। 

यहां करें आवेदन 
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और होम स्टे योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट http://vcsgscheme-uk-gov-in पर किया जाएगा। स्वरोजगार शुरू करने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति घर बैठे आवेदन कर सकता है।

भीमताल में बहुद्देशीय पार्किंग निर्माण को लेकर मीडिया सलाहकार ने अधिकारियों संग किया निरीक्षण

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल बहुद्देशीय पार्किंग के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ भीमताल में जमीन तलाशने के लिए संभावित स्थान का निरीक्षण किया। उनके साथ एमडी कुमाऊं मंडल विकास निगम रोहित मीणा, सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय, पर्यटन विकास परिषद सदस्य नितिन राणा ने बुधवार को संयुक्त निरीक्षण कर पार्किंग स्थल की संभावनाएं तलाशीं।
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए त्रिवेन्द्र सरकार का साफ नजरिया है। मुख्यमंत्री घोषणा के बाद यह जरुर देखते है कि धरातल पर उनकी घोषणा के बाद कार्य में क्या प्रगति हुई है। रमेश भटट ने बताया कि भीमताल के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से कई बार चर्चाएं हुई है। सरकार भीमताल को पर्यटक हब के रुप में और अधिक विकसित करना चाहती है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़े। इस लिए पार्किंग का निर्माण यहां के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
स्थलीय निरीक्षण के बाद सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय ने जानकारी दी कि निरीक्षण के दौरान पाया कि मल्लीताल में मत्स्य विभाग कार्यालय के लगभग 1200 वर्ग मीटर भूमि पर पिलर देकर लगभग सौ वाहनों की पार्किंग बनाई जा सकती है। बताया कि वर्ष 2018 में मत्स्य विभाग को हस्तांतरित भूमि जिसका क्षेत्रफल लगभग सवा तीन हजार वर्ग मीटर का है, उसमें नीचे पार्किग और ऊपर भीमताल क्लब की स्थापना की जा सकती है। कहा कि भीमताल क्लब के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत है।
निरीक्षण के दौरान प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष सौरभ रौतेला, देवभूमि व्यापार मंडल अध्यक्ष संदीप पांडे, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज भट्ट, पंकज जोशी, प्रदीप पाठक, शरद पांडे आदि मौजूद थे।

राज्य में फिल्मांकन के लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की

(एनएन सर्विस)
राज्य सरकार ने प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत कोविड-19 के चलते प्रदेश में पहले से लागू नियम शूटिंग दल पर प्रभावी रहेंगे। फिल्म निर्माता को शूटिंग यूनिट का वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। महानिदेशक सूचना कार्यालय देहरादून में शूटिंग दल, अवधि और लोकेशन को लेकर पूरा विवरण देना होगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि कोई भी फिल्म निर्माता इसका पालने करते हुए राज्य में फिल्मांकन कर पाएगा। फिल्म प्रोडक्शन कंपनी को कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाए गए समस्त कदमों का विवरण राज्य सूचना विभाग को देना जरुरी होगा। महानिदेशक सूचना की तरफ से समस्त सूचनाएं और अनुमतियां संबंधित जिलाधिकारियों को भेजी जाएंगी। शूटिंग में आने वाले दल के प्रत्येक व्यक्ति की कोविड को लेकर ट्रेनिंग अनिवार्य रहेगी। सोशल डिस्टेसिंग, फेस्क मास्क, दस्ताने और अन्य सुरक्षा उपकरणों को दल साथ में लाएगा। अगर दल के किसी सदस्य में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत निकटवर्ती सरकारी अस्पताल और जिला प्रशासन को इसकी जानकारी देगा।
वहीं, शूटिंग के दौरान प्रोडक्शन कंपनी को एक नोडल अधिकारी की तैनाती भी करनी होगी। जो जिला प्रशासन को प्रत्येक सदस्य का डाटा बेस तैयार करके देगा। थर्मल स्कैनिंग से लेकर पीपीई किट व अन्य उपकरणों की जानकारी रखनी होगी। इस्तेमाल के बाद उन्हें कैसे नष्ट किया जा रहा है इसकी भी सूचना प्रशासन को देनी होगी।  
प्रोडक्शन कंपनी कोे फिल्म सेट का दिन में दो बार सैनिटाइजेशन करना अनिवार्य होगा। फोर्क लिफ्ट का कम से कम इस्तेमाल करने, सेट के बाहर, वेटिंग रूम, रेस्ट रूम में हैंड सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा। स्टाफ में 65 साल से अधिक के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं लाने की अनुमति नहीं दी गई है। गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर लाना बेहद जरूरी है तो इसकी अनुमति जिलाधिकारी से प्राप्त करनी होगी।
वहीं, शूटिंग स्थल पर व्यक्तियों की संख्या भी कम से कम रखने पर जोर दिया गया है। इंडोर में होने वाली शूटिंग में अनिवार्य स्टाफ की संख्या 15 और आउटडोर में 30 लोग ही रहेंगे। मेकअप और हेयर ड्रेंसिंग के स्थान पर बार बार सैनिटाइजेशन करना होगा। शूटिंग स्थल पर सभी को मास्क, दस्ताने व फेस शील्ड पहननी होगी। 
एक अन्य निर्देश में शूटिंग दल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए ट्रैवलिंग प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। जिला प्रशासन इसकी निगरानी करेगा। वाहनों में यात्रियों की संख्या गाइडलाइन के अनुसार ही रहेगी। प्राइवेट प्रापर्टी पर शूटिंग के लिए अनिवार्य अनुमति के साथ लोकेशन के सैनिटाइजेशन का खास ख्याल रखना होगा।

धार्मिक स्थानों के साथ ही पर्यटक स्थलों को विकसित करने का प्लान तैयार कर रही सरकार

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में वर्ष पर्यंत पर्यटन के लिए एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिये हैं। विशेष तौर पर यात्रा मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थलों में यात्रा अवधि के अलावा भी पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। श्री बदरीनाथ धाम के प्रस्तावित मास्टर प्लान पर तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के सुझाव भी प्राप्त कर लिए जाएं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियाँ को बढाने के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सलाहकार अश्विनी लोहानी और Federation of Associations in Indian Tourism and Hospitality (FAITH) के महासचिव सुभाष गोयल के साथ विचार विमर्श किया। लोहानी ने उत्तराखंड पर्यटन को ब्राण्ड के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध वाइल्ड लाइफ में भी पर्यटन की काफी सम्भावना बताई। गोयल ने कहा कि उत्तराखंड में हाईएंड टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसमें टूरिज्म इंडस्ट्री और पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने उत्तराखंड में पर्यटन के विविध आयामों व वर्तमान में चल रही पर्यटन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने चारधाम देवस्थानम बोर्ड, होम स्टे, एडवेंचर टूरिज्म, रोप वे प्रोजेक्ट, 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन आदि के बारे मे बताया। सचिव पर्यटन ने श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण भी दिया।

पर्यटन उद्योग को राहत देते हुए त्रिवेन्द्र सरकार ने लिए कई अहम फैसले, जानिए

(एनएन सर्विस)
सचिव पर्यटन एवं संस्कृति दिलीप जावलकर ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में पर्यटन उद्योग पर गम्भीर प्रभाव पड़ा है। इसके तहत पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े व्यक्तियों/इकाईयों/संस्थानों को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशों के तहत राहत प्रदान की गई है। इससे लगभग 2.43 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग एवं अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व अन्य इकाईयों, जो पर्यटन अथवा राज्य सरकार के किसी अन्य विभाग से अपने व्यवसाय के संचालन हेतु सेवायें यथा-विद्युत कनेक्शन, पेयजल कनेक्शन प्राप्त करते हैं, अथवा व्यवसाय के संचालन हेतु राजकीय संस्था यथा थ्ैै।प्ए उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि के अन्तर्गत पंजीकृत कर्मियों एवं पर्यटन उद्योग में पंजीकृत फोटोग्राफरों, जिनकी जिलाधिकारियों के माध्यम से कराये गये त्वरित सर्वेक्षण के आधार पर प्रदेश में कुल संख्या लगभग 2.43 लाख है उन्हें प्रति कार्मिक रू 1,000- की दर से वन टाईम आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसका व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जायेगा। इसमें जहां पर्यटन विशेष क्षेत्र/गतिविधि समितियों (टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण/गंगा नदी राफ्टिंग प्रंबन्धन समिति) के पास अपने संसाधन है तथा जिन रिवर गाइड व अन्य कार्मिकों को लाभान्वित किया जा चुका है। उन्हें उक्त श्रेणी में धनराशि प्राप्त नही होगी किन्तु विभाग द्वारा दी गयी राशि रूपये 1,000- से अन्यून होगी।
सचिव पर्यटन ने बताया कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना व दीन दयाल होम स्टे योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रथम तिमाही (माह अप्रैल से माह जून 2020) के ऋण पर लिये जाने वाले ब्याज की प्रतिपूर्ति भी राज्य सरकार द्वारा सम्बन्धित जिलाधिकारियों के माध्यम से की जायेगी। इसका भी व्यय वहन मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा के अन्तर्गत लगने वाले पंजीकरण/नवीनीकरण शुल्क को एक वर्ष की अवधि के लिए समाप्त/शून्य किया गया है। इसके साथ ही परिवहन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के आधार पर पर्यटन से जुड़े बस/टैक्सी/मैक्सी कैब/ऑटो रिक्शा/विक्रम/ई-रिक्शा में योजित लगभग 1,01,185 कार्मिकों की जिलेवार सूची परिवहन विभाग द्वारा जिलाधिकारी को प्रति कार्मिक रूपये 1,000- की दर से वन टाईम आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से वितरित किये जाने हेतु उपलब्ध करायी जायेगी।
उन्होंने बताया कि संस्कृति विभाग 6675 सूचीबद्ध कलाकारों की सूची सम्बन्धित जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के साथ ही प्रति कलाकार रूपये 1,000 की दर से वन टाईम आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से वितरित किये जाने हेतु उपलब्ध करायी जायेगी। जिसे जिलाधिकारी अपने स्तर से डी.बी.टी के माध्यम से सम्बन्धित कलाकारों को वितरित करेंगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि जहां संभव हो, स्थानीय निकाय पर्यटन सम्बन्धी इकाईयों को अपने स्तर से रजिस्ट्रेशन/नवीनीकरण शुल्क अथवा कर से एक साल तक राहत दिये जाने हेतु स्वतंत्र होंगे, जिस हेतु उनके द्वारा विधिसम्मत प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी।

त्रिवेन्द्र का दम, राज्य के लिये लिए है 11 बड़े फैसले, जो बदलेंगे राज्य की दशा और दिशा

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने बताया कि त्रिवेन्द्र सरकार ने तीन वर्षों में कई ऐसे फैसले लिए है जो जनता के हित के साथ ही जनभावनाओं के लिए बेहद जरुरी थे। इनमें 11 फैसले तो सीधे जनता से जुड़े हुए है। जिनका लाभ बड़ी संख्या में राज्य के लोगों को मिल रहा है या आने वाले समय में मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सक्रिय रहते है। रोजगार और स्वास्थ्य के विषय में मुख्यमंत्री ने बड़े और दूरगामी फैसले लिए है।
मीडिया सलाहकार इन 11 बड़े फैसलों की दे रहे है जानकारी-

’11 बड़े फैसले’

’1. जनभावनाओं की राजधानी’: गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को राज्य जी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके जनभावनाओं का ख्याल रखा।

’2. चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठित’: चार धाम यात्रा के सफल व बेहतर प्रबंधन के लिए चार धाम देवस्थानम बर्ड का गठन किया गया। इससे बद्री केदार, गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा 51 बड़े मंदिरों के रखरखाव व प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार को मिली।

’3 अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’: आयुष्मान भारत की तर्ज पर प्रदेश के समस्त परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने हेतु अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना लागू की गई। अपने राज्य के समस्त परिवारों को सुरक्षा कवच देने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बना। अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग मुफ्त उपचार करवा चुके हैं।

’4. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार’ : साल 2017 में प्रदेश में 1031 डॉक्टर थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 2600 के करीब हो गई है। 400 डॉक्टरों को केवल कोरोना काल मे ही नियुक्ति दी गई है। हर जिला अस्पताल में प्ब्न् की सुविधा है। दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को लाभ देने के लिए 35 अस्पतालोंध्केन्द्रों में टेली मेडिसिन सुविधा शुरू की गई है।

’5. ग्रोथ सेंटर’: ग्रामीण संसाधनों से लोकल इकोनॉमी जुटाने का तथा स्वरोजगार से जोड़ने के लिए करीब 100 ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।

’6. सभी 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। टिहरी झील, गूलरभोज जलाशय, ट्यूलिप गार्डन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।

’7. होम स्टे’: ग्रामीण पर्यटन को मजबूत करने के लिए राज्य में 5000 होमस्टे बनाने का लक्ष्य है, जिसमे से अभी तक 2100 होमस्टे बनाये जा चुके हैं।

’8. इन्वेस्टर्स समिट’ : राज्य में उद्योगों और निवेश को विस्तार देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा लागू है। 2018 में राज्य में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ जिसमें सवा लाख करोड़ के डवन् साइन हुए। इनमें से भी अब तक 21 हजार करोड़ के निवेश प्रोजेक्ट ग्राउंडेड हो चुके हैं।

’9. फिल्म पॉलिसी’: उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को देखते हुए फिल्म नीति लाई गई। इससे फिल्मकारों को कई तरह की रियायतें दी जा रही हैं। पिछले 3 साल में राज्य में 250 से अधिक फिल्मों व सीरियल्स की शूटिंग हो चुकी है। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।

’10. कोरोना से लड़ाई’ : उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। लॉकडाउन पीरियड में कोई भूखा नहीं रहे इसका ख्याल रखा, प्रदेश में रह रहे अन्य प्रदेशों के मजदूरों को कभी भूखा नहीं सोने दिया, उनको उनके घर तक पहुंचाने के पर्याप्त इंतजाम किए। अन्य राज्यों से प्रवासी उत्तराखण्डियों को लाने के लिए भी सभी व्यवस्थायें की।

कोरोना काल मे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। आज राज्य में कोरोना मरीजों की देखभाल व इलाज के लिए 5 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, 10 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर व 94 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।

राज्य में आईसीयू की संख्या को 62 से बढ़ाकर 251 किया गया है। वेंटीलेटर्स कि संख्या को 37 से बढ़ाकर 113 किया गया है। बाइपैप मशीनों की संख्या 4 से बढ़कर 33 की गई है।

’11. मुख्यमन्त्री स्वरोजगार योजना’ : कोरोना के कारण घर लौटे प्रवासियों को घर मे काम देना हमारी प्राथमिकता है। हम राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना चाहते हैं इसलिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत अपना कोई भी काम शुरू करने के लिए ऋण लेने पर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।

खुशखबरीः उत्तराखण्ड में मैट्रो रेल की संभावनाओं को लेकर मंथन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय में यूनिफाईड मैट्रो पॉलिटन ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी (यू.एम.टी.ए) की बैठक हुई। बैठक में उत्तराखण्ड मैट्रो रेल परियोजना के कॉम्प्रीहेंसिव मॉबिलिटी प्लान (सी.एम.पी) को मंजूरी दी गई। देहरादून शहर में दिल्ली मैट्रो रेल कॉरपोरेशन के सहयोग से रोप-वे प्रणाली की डीपीआर तैयार की जा रही है। हरिद्वार-ऋषिकेश एवं नेपाली फार्म-विधानसभा कोरिडोर में मैट्रो लाईट के निर्माण के साथ ही हरिद्वार शहर में पी.आर.टी के निर्माण हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यू.एम.टी.ए का गठन किया गया है। इसमें आवास मंत्री, उत्तराखण्ड उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव सदस्य सचिव, सचिव आवास, वित्त, परिवहन, नियोजन, राजस्व एवं शहरी विकास सदस्य हैं।
बैठक में एमडी उत्तराखण्ड मैट्रो रेल जितेन्द्र त्यागी ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश मैट्रोलाईट सिस्टम पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर उन्होंने हरिद्वार से ऋषिकेश, देहरादून से नेपाली फार्म तक मैट्रो लाईट के लिए रूट प्लान स्टडी के बारे में जानकारी दी। देहरादून व हरिद्वार शहर के लिए भी बनाई गई योजना के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर आवास मंत्री मदन कौशिक, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव नितेश झा एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

आज से मंदिर, होटल, रेस्टोरेंट, शाॅपिंग माॅल खोलने की मिली अनुमति

आज से धार्मिक गतिविधियां सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक शुरू होंगी। मंदिरों के बोर्ड, ट्रस्ट या प्रबंधन समितियां सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करवाएंगी। होटल और होम स्टे को खोलने की अनुमति भी दे दी गई है। इसके साथ रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल भी सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खुल सकेंगे। वहीं, देहरादून नगर निगम क्षेत्र और कंटोनमेंट जोन में किसी भी गतिविधि को शुरू करने की अनुमति शासन ने नहीं दी है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने होटल, रेस्टोरेंट, शापिंग मॉल और धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। जिलाधिकारी अपने अपने जिलों में इसके लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी करने होंगे।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि आठ जून से प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट, शापिंग माल और धार्मिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है। दिशानिर्देशों के तहत सभी जिले व्यवस्था बनाने के लिए कार्यवाही करेंगे।

होटल को खोलने की दी अनुमति
होटल, होम स्टे आदि सेवाओं को खोलने की अनुमति दे दी है। होटल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोविड-19 के प्रति संवेदनशील 75 शहरों में से आने वालों की बुकिंग नहीं की जाएगी। देश के अन्य शहरों से आने वाले अतिथियों के लिए सात दिन तक के लिए बुकिंग होगी। होटल को जिला प्रशासन को प्रत्येक गेस्ट की सूचना देनी होगी। होटल प्रबंधन को प्रत्येक व्यक्ति से लिखकर लेना होगा कि वे पर्यटन स्थल या सार्वजनिक स्थल में नहीं जाएंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग अलग से एसओपी जारी करेगा।

रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल मालिकों को राहत
सरकार ने रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल के मालिकों को राहत देते हुए सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दे दी है। शापिंग मॉल मालिकों को लिखित में देना होगा कि एयर कंडिशनर चलाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी के मानकों का पालन करेंगे। केवल पचास प्रतिशत दुकानें एक समय में खोली जाएंगी। जिला प्रशासन तय करेगा कि अधिकतम कितने लोग मॉल में एक समय में जा सकेंगे। इसके लिए अलग से एसओपी जारी की जाएगी। रेस्टोरेंट मालिकों को सामाजिक दूरी और सर्विस के दौरान टेबल की दूरी को लेकर भी व्यवस्था बनानी होगी।

धार्मिक स्थल खुलेंगे
धार्मिक स्थल सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही खुलेंगे। जिला प्रशासन मंदिरों के ट्रस्ट, बोर्ड और प्रबंधन समितियों से सलाह करने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या तय करेगा कि एस समय में कितने लोग मंदिर में आ सकते हैं।

देवस्थानम बोर्ड तय करेगा चारधाम यात्रा
प्रदेश सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड को चार धाम यात्रा शुरू करने का जिम्मा सौंपा है। जारी गाइडलाइन के अनुसार बोर्ड प्रबंधन यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और अन्य हक हकूकधारियों से चर्चा करेगा। आम सहमति बनने के बाद यात्रा शुरू की जाएगी। कितने श्रद्धालु यात्रा में आ सकते हैं, इसके लिए प्रोटोकॉल तय किया जाएगा। गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा को मानकों का पूरी तरह से अनुपालन होगा। यात्रा शुरू करने से पहले उसका पूरी तरह से प्रचार किया जाएगा। इसके साथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए तय प्रावधानों के बारे भी जानकारी दी जाएगी। उड़ान योजना के तहत हेलीकॉप्टर से सवारी के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सिविल एविएशन अलग से एसओपी जारी करेगा।

अन्य राज्यों के श्रद्धालु नहीं आयेंगे
प्रदेश सरकार के स्तर से जारी गाइडलाइन से स्पष्ट है कि चार धाम यात्रा और प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों में दर्शन के लिए केवल राज्य के नागरिकों को अनुमति होगी। प्रदेश के बाहर के लोगों को यात्रा और धार्मिक स्थलों में दर्शन की अनुमति नहीं होगी।

सतपाल महाराज पाॅजीटिव, कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री और अधिकारी होंगे क्वारंटीन

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व उनके परिवार और स्टाफ के 23 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। बेटे, बहुएं और पांच साल के पोते में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे का सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। कल पूर्व मंत्री अमृता रावत कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराज और उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही आवास में काम करने वाले कर्मचारियों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
इनमें कैबिनेट मंत्री महाराज, उनके छोटे बेटे सुयश, बड़ी बहू आराध्य, छोटी बहू मोहिनी, पांच साल के पोते श्रेयांश में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे श्रद्धेय का सैंपल दोबारा से जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहीं, महाराज के आवास में काम करने वाले 17 कर्मचारी भी संक्रमित मिले है।
महाराज और उनका परिवार कोरोना संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। महाराज की पत्नी अमृता रावत को रविवार सुबह ही एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, इसके बाद दोपहर में महाराज और अन्य लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद महाराज समेत लोगों को भी एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि कैबिनेट मंत्री महाराज और उनके परिवार के सदस्यों व स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। विभाग की ओर से 41 सैंपल जांच के लिए गए थे। इसमें 22 सैंपल कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सभी को भर्ती कराया गया है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के परिवार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर प्रशासन ने सर्कुलर रोड, डालनवाला स्थित उनके आवास के आसपास का क्षेत्र पाबंद (सील) कर दिया है। क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। अगले आदेश तक यहां के लोग क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान क्षेत्र के बैंक, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन मंत्री के सर्कुलर रोड स्थित आवास के पूरब में कर्जन रोड, पश्चिम में अब्दुल्ला खान का मकान, उत्तर में अमित अग्रवाल का मकान और दक्षिण में 13 म्यूनिसिपल रोड के क्षेत्र को पाबंद किया है। डीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति अब प्रशासन कराएगा।
परिवार का एक सदस्य खरीदारी के लिए बाहर निकल सकता है। मोबाइल वैन के जरिए पाबंद क्षेत्र में दूध की सप्लाई की जाएगी। नगर निगम को क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ मुनादी कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस क्षेत्र की बैरिकेडिंग करेगी। सीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी है तो कंटेनमेंट जोन के लोग पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। आदेश का पालन न करने वाले लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एहतियात बरतते हुए होंगे होम क्वारंटीन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। पॉजिटिव आने से पहले महाराज मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित शासन के अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एहतियात बरतते हुए सभी बैठकें निरस्त कर दी हैं, जबकि कई मंत्री होम क्वारंटीन में चले गए हैं।
हालांकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक जिस फार्मेट में होती है, वह संक्रमण के लिहाज से लो रिस्क श्रेणी में आती है। महाराज के पॉजिटिव आते ही सरकार में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपनी सभी बैठकें निरस्त कर दी। उन्होंने किसी से मुलाकात भी नहीं की।
वहीं अधिकांश मंत्रियों ने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया है। महाराज के साथ बैठक में मौजूद होने से कई मंत्री भी सहमे हुए हैं कि कहीं उनमें कोरोना का लक्षण न आ जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल में जो भी अधिकारी शामिल थे, उनमें से आधे अधिकारी होम क्वारंटीन होंगे और आधे वर्क फ्रॉम होम करेंगे।