रात्रिकालीन कर्फ्यू रहेगा, रात नौ से सुबह पांच बजे तक पाबंदी

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 68 दिनों की बंदी के बाद चरणबद्ध तरीके से बंदिशें हटाने का एलान कर दिया। 30 जून तक चलने वाले लॉकडाउन-5.0 के दौरान पाबंदियां सिर्फ कंटेनमेंट जोन में रहेंगी। इसके अलावा बाकी जगहों पर सभी गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरू होंगी। एक जून से पूरे देश में कहीं भी लोग आ जा सकेंगे। इसके लिए किसी पास या मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। वहीं, देशभर में रात का कर्फ्यू अब रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक रहेगा। इस दौरान सिर्फ आवश्यक गतिविधियों की मंजूरी होगी।
अनलॉक-1 के पहले चरण में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक आठ जून से सभी धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल खुल सकेंगे। वहीं, दूसरे चरण में स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी है। हालांकि इसकी तारीख राज्यों से पहले चरण के फीडबैक के आधार पर जुलाई में तय होगी। इसके बाद तीसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल, स्वीमिंग पूल, जिम, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल, राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने पर फैसला होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-1 के विस्तृत दिशा-निर्देश के तहत कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां पहले की तरह ही 30 जून तक लागू रहेंगी। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण संक्रमण स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन करेगा। इस जोन में सिर्फ चिकित्सा तथा आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की ही मंजूरी होगी। राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन तय कर हालात के मुताबिक कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जरूरत के हिसाब से पाबंदियां लगाई जा सकेंगी।

दूसरे राज्य में जाने के लिए पास जरूरी नहीं, नियम तोड़ने पर होगी सजा
सोमवार से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने या राज्य के भीतर कहीं भी लोगों और वस्तुओं की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इसके लिए अलग से कोई मंजूरी या ई-पास भी जरूरी नहीं होगा। हालांकि कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अगर स्वास्थ्य कारणों से आवाजाही रोकना चाहता है तो इस बारे में पहले व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना होगा। श्रमिक स्पेशल, विशेष ट्रेनें, घरेलू विमान सेवाएं तथा विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी जारी रहेगी। कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश वस्तुओं की आपूर्ति या आवाजाही पर रोक नहीं लगा सकेगा।

नियम तोड़ने पर सजा का प्रावधान
महामारी के दौरान सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 और आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई करेगी। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत निमभन परिस्थितियों में कार्रवाई की जाएगी।
अकारण किसी अधिकारी या अन्य सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने पर धारा-51 के तहत एक साल की सजा व जुर्माना
केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर भी धारा-51 के तहत एक साल की सजा व जुर्माना
सरकारी राहत कार्यों को लेकर किसी तरह का झूठा दावा करने पर धारा-52 के तहत दो साल की सजा व जुर्माना
राहत अभियान के तहत मिले सामान या पैसे में घपला करने पर धारा-53 की तहत दो साल की सजा व जुर्माना
आपदा या महामारी को लेकर किसी तरह की झूठी अफवाह फैलाने पर धारा-54 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना
किसी सरकारी विभाग की तरफ से किए गए अपराध के लिए विभागीय प्रमुख होगा दोषी, धारा-55 (1) के तहत कार्रवाई
यदि यह साबित हो कि अपराध विभागीय प्रमुख के बजाय अन्य अधिकारी ने किया है तो धारा-55 (2) के तहत कार्रवाई
बिना इजाजत लिए आपदा के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले सरकारी अधिकारी को धारा-56 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना
धारा-65 के तहत दिए गए आदेश का पालन करने में असफल रहने वाले व्यक्ति को एक साल कैद या जुर्माना या दोनों सजा
कंपनियों द्वारा अधिनियम के तहत जारी निर्देशों का पालन नहीं करने पर धारा-58 के तहत आपराधिक कार्रवाई
धारा-55 व धारा-56 के तहत किए गए अपराध में अभियान की कार्रवाई धारा-59 के तहत पूरी की जाएगी
अधिनियम की धारा-60 के तहत कोई भी अदालत कुछ खास परिस्थितियों में मामले का संज्ञान नहीं लेगी

पहला चरण
धार्मिक स्थल, सार्वजनिक पूजा स्थल, होटल, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल आठ जून से खुलेंगे। इनके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय दिशा-निर्देश जारी करेगा।

दूसरा चरण
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि शिक्षण संस्थान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चर्चा के बाद खुलेंगे। राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अभिभावकों तथा शिक्षण संस्थान संचालकों से विचार विमर्श कर केंद्र को फीडबैक देंगे। इसके आधार जुलाई में इन्हें खोलने पर फैसला होगा।

तीसरा चरण
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, मेट्रो रेल, सिनेमाघर, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार, सभागार, सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक समारोह और अन्य बड़े कार्यक्रमों को शुरू करने की तारीखों का फैसला हालात के आकलन के बाद तीसरे चरण में होगा।
कार्य स्थलों के लिए ये हैं दिशानिर्देश, चेहरा ढकना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य
सार्वजनिक जगहों, कार्य स्थलों और सफर के दौरान चेहरा ढकना अनिवार्य होगा।
सार्वजनिक स्थलों पर हर किसी को दो गज (छह फुट) की दूरी का पालन करना होगा।
बड़ी सार्वजनिक सभाओं व कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। शादी में 50 से ज्यादा और अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर पाबंदी।
सार्वजनिक जगहों पर थूकना होगा दंडनीय अपराध, लगेगा जुर्माना।
सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीना, गुटखा और तंबाकू इत्यादि खाने पर रहेगी रोक।
 
कार्यालयों के लिए दिशानिर्देश
यथासंभव वर्क फ्रॉम होम लागू हो
दफ्तरों, कार्यस्थलों, दुकानों, बाजारों, उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बिजनेस ऑवर का पालन हो
कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोने और आने जाने वाले द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था हो
कार्यस्थलों में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन हो। शिफ्ट बदलने के दौरान भी रखें सफाई का ध्यान
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। शिफ्ट के बीच पर्याप्त अंतराल हो
कर्मचारियों के आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाए

कल होगा निर्णय, धार्मिक स्थल एक जून से खुलेंगे या पहले की तरह रहेगा पांबदी

लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड में पिछले दो महीने से बंद पड़े धर्मस्थलों को लॉकडाउन-चार समाप्त होने के बाद एक जून से श्रद्धालुओं के लिए खोला जा सकता है। राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने इसके संकेत दिए हैं।
लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही सभी धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया था। करीब दो महीने से मंदिरों में धार्मिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं। इस बार नवरात्र और अन्य पर्वों पर भी मंदिरों में सन्नाटा रहा। केवल सुबह और शाम को पूजा की अनुमति दी गई थी। पिछले दिनों सरकार ने पुजारियों को थोड़ी राहत देते हुए अनुष्ठान की अनुमित जरुर थी। लाॅकडाउन में अन्य क्षेत्रों में राहत देने पर विभिन्न मंदिर समितियों और तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए भी खोला जाए। इसी मांग को लेकर पिछले दिनों एक प्रतिनिधिमंडल कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक से मिला था। कल एक समाचार एजेंसी से बातचीत में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि एक जून से कुछ शर्तों के साथ धार्मिक स्थलों को खोले जाने पर विचार किया जा रहा है। 31 मई को इस पर निर्णय लेकर आदेश जारी किए जाएंगे।

चारधामः ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड आध्यात्म का केन्द्र है। उत्तराखण्ड के मन्दिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है। इसको बनाये रखने के लिए यह सुनिश्चित किया जाय कि मन्दिरों का प्राचीन स्वरूप बना रहे। जो लोग मन्दिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोङकर बाकी मन्दिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थाम प्रबन्धन बोर्ड में सबके हक-हकूकों का ध्यान रखा जायेगा। बैठक में मन्दिरों एवं उनसे जुड़ी प्रमुख पाण्डुलिपियों एवं अन्य ऐतिहासिक महत्व के सामग्री संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाने की बैठक में चर्चा की गई है।
बोर्ड की इस पहली बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक यात्रा के समुचित संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जायेगा। मन्दिरों की सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में अन्तरित करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया है, इसके लिए कार्यवाही सबंधित जिलाधिकारियों द्वारा की जायेगी। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग बैंक एकाउण्ट होगा। इसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई है। बदरी-केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में ट्रांसफर की जायेगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्मिकों का समायोजन उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में किया जायेगा। बोर्ड के लिए अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी एवं वित्त नियंत्रक का एक पद सृजित किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में विभिन्न न्यायिक मामलों के लिए ट्रिब्यूनल बनाई जायेगी। एनआईसी द्वारा बदरी-केदार मंदिर समिति के लिए बनाई गई वेबसाइट का अधिग्रहण कर इसका अपग्रेडेशन किया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कोविड-19 के दृष्टिगत बदरी-केदार मन्दिर समिति के कार्मिकों द्वार दिये गये एक दिन के वेतन का 5 लाख रूपये का चेक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपा।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से भी बोर्ड को 5 लाख एक रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे।
बैठक में विधायक बदरीनाथ महेन्द्र भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव पर्यटन एवं संस्कृति दिलीप जावलकर, सचिव वित्त सौजन्या उपस्थित थे।

ग्रामीण क्षेत्रों 15वें राज्य वित्त आयोग से अधिक हिस्सेदारी देने का निर्णय

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें कई प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। इसकी जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी।

कोविड-19 से सम्बन्धित बाॅर्डर पर काॅरन्टीन किए जाने सम्बन्धी मा0 उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में होने वाले व्यवस्थागत, संस्थागत समस्या की जानकारी न्यायालय को दी जाएगी।
15वें राज्य वित्त आयोग के अनुदान धनराशि का निकायों में वितरण दरों में परिवर्तन किया गया है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में 35ः30ः35 को बदल कर क्रमशः 75ः10ः15 किया जाएगा। कुल 852 करोड़ रूपए की धनराशि में से 575 करोड़ रूपए पंचायती राज एवं 278 करोड़ शहरी निकाय को दिया जाएगा।
उत्तराखण्ड जोत चकबन्दी नियमावली 2020 को मंजूरी दी गयी। इसके अन्तर्गत नाम, परिभाषा, नोटिस भेजना, अधिसूचना जारी करना, इत्यादि को स्पष्ट किया गया है।
पेयजल संस्थान के प्रबन्ध निदेशक पद की चयन प्रक्रिया में वार्षिक प्रविष्टि के लिए समय सीमा 8 वर्ष की जगह 5 वर्ष की गयी।
मदिरा दुकानों के बन्द रहने की अवधि में फुटकर अनुज्ञापी के पिछले वित्त वर्ष मार्च माह में 10 दिन के नुकसान 34 करोड़ एवं 1 अप्रैल से 3 मई के बीच 195 करोड़ रूपए का भार सरकार वहन करेगा।
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना लागू की गयी। इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार के बीच फण्ड के गैप की भरपाई राज्य सरकार करेगी। बीज क्रय हेतु अन्य निगमों के अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर, टिहरी भरसार विश्वविद्यालय एवं आईसीएआर के लिए अनुमति दी गयी।
राज्य वन्यजीव अवैध शिकार अपराध रोकथाम के लिए 14 पदों का सृजन किया गया। यह पद विभागीय पद होगा।
स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के लिए बिना अवकाश 5 वर्ष की अनुपस्थिति पर सेवा समाप्त की जाएगी।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग में लोक सेवा आयोग के माध्यम से सूचना अधिकारी के पद पर हिन्दी विषय की अनिवार्यता समाप्त की गयी।
सार्वजनिक वाहन व्यवसायियों के परमिट नवीनीकरण की फीस के छूट के अन्तर्गत 14 करोड़ 23 लाख की भरपाइ्र सरकार द्वारा की जाएगी। एवं रोड टैक्स में 3 माह की छूट के पश्चात 63 करोड़ 28 लाख रूपए की भरपाई राज्य सरकार करेगी।
सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय शिक्षा अभियान के एकीकरण के बाद समग्र शिक्षा अभियान चलेगा। जहां पहले कुल 2677 पद थे। अब पदों की संख्या 1959 हो जाएगी।
पर्यटन विभाग के अन्तर्गत होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा को संरक्षण देने के लिए पानी पर लिए जाने वाले बिल जल मूल्य कर वृद्धि को 15 प्रतिशत को 9 प्रतिशत लिया जाएगा। इससे 1 करोड़ 87 लाख का व्यय भार राज्य सरकार पर होगा।
श्रम सुधार के अन्तर्गत उद्योगों द्वारा श्रमिकों को दिया जाने वाला मार्च माह का बोनस जो नवम्बर 2020 में देना था, अब इसे 31 मार्च 2021 तक दिया जा सकता है। जो उद्योग फायदे में होंगे उन्हें 8.33 प्रतिशत बोनस देना होगा। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के लिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह एवं मदन कौशिक की समिति बनायी गयी।
पर्यटन औद्योगिक ईकाइयों में कार्यरत् आॅटो रिक्शा चालक इत्यादि को एकमुश्त एक हजार रूपए खाते में दी जाएगी। इससे 25 करोड़ का अधिभार राज्य सरकार पर पड़ेगा।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, दीनदयाल होम-स्टे योजना में अपै्रल से जून तक ऋण ब्याज पर छूट दी गयी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति की अवधि को एक वर्ष का विस्तार दिया गया जिस पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
आबकारी होटल, रेस्टोरेंट बार शुल्क में 3 माह की छूट दी गयी।
नवीनीकरण, पंजीकरण शुल्क में 1 वर्ष की छूट दी गयी।

पीएम के साहसिक निर्णय से देश सुरक्षित महसूस कर रहाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के समय पर लिए गए साहसिक निर्णय से देश आज खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दृष्टिगत समय-समय पर प्रधानमंत्री के साथ ही अन्य केन्द्रीय मंत्रियों, कैबिनेट सचिव एवं अन्य विभागीय सचिवों द्वारा दिये गये मार्ग दर्शन के लिये भी आभार व्यक्त किया।

लॉकडाउन में गरीबों के लिए की गई व्यापक व्यवस्था
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य का कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नहीं सोया है। राज्य सरकार के साथ ही सामाजिक स्तर पर इसकी व्यापक व्यवस्था की गई है। कोविड-19 की रोकथाम के लिये राज्य में लगभग 500 डॉक्टरों की तैनाती की गई तथा इतने ही पैरामेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था गई। राज्य के 13 जिलों में से 11 जिलों में आई.सी.यू., वेंटिलेटर एवं बाईपैप की व्यवस्था तथा पैरामेडिकल स्टॉफ के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी असामान्य परिस्थिति का सामना किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना के मामले 45 दिनों में डबल हो रहे हैं तथा रिकवरी रेट 67.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि राज्य में 68 पोजिटिव मामले हैं जिनमें से 46 व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट गये हैं।

45 हजार प्रवासियों को स्पेशल ट्रेन से लाया जा चुका है वापस
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक राज्य में 45 हजार प्रवासियों को वापस लाया गया है। जिसका व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया है। पुणे व सूरत से भी ट्रेन द्वारा लोगों को वापस लाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 2 लाख श्रमिकों के खाते में 2,000 रू0 की धनराशि जमा करायी गयी है। लगभग 3500 उद्योगों में 45 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य आरम्भ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में श्रमिक कानूनों में सुधार किया गया है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की दिशा में पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने उद्योगों की भांति किसानों को सिंगल विंडो सिस्टम की तरह पोर्टल तैयार किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसान मजबूत होगा तो आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि खनन के चुगान में बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता रहती है। इसके लिये भी एन.जी.टी से अनुमति प्रदान करने में प्राथमिकता दिये जाने की अपेक्षा मुख्यमंत्री ने की।

ग्रीन जोन में पर्यटन को अनुमति दी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आवासीय विद्यालयों को खोलने की अनुमति प्रदान करने के साथ ही वित्तीय सीमितता एवं टैक्स कलेक्शन में हो रही कमी के कारण ऋण सीमा को 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत किया जाए। कंटेनमेंट जोन के बाहर आर्थिक गतिविधियों को अनुमति दी जाए। राज्य के अन्दर ग्रीन जोन के बीच में सीमित पर्यटन गतिविधियां अनुमन्य की जाए। राज्य के द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पीएमईजीपी के स्वरूप पर प्रारम्भ कर दी गई है।

मनरेगा के अंतर्गत मानक गतिविधियों में होम स्टे एवं अन्य गतिविधियां भी अनुमन्य की जाए। मनरेगा के अंतर्गत अल्पावधि कृषि गतिविधियों को भी अनुमन्य किया जाना चाहिए। व्यक्तिगत लाभ की श्रेणी में पुरुष जॉब कार्ड धारक को फार्म उत्पादन प्रसंस्करण यूनिट का निर्माण अनुमन्य किया जाए (वर्तमान में यह एनआरएलएम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं हेतु ही अनुमन्य है।) मनरेगा के पैटर्न पर शहरी क्षेत्रों में मजदूरों हेतु एक नई योजना लाई जानी चाहिए।

राज्य में काफी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है। भारत सरकार द्वारा 01 अप्रैल के उपरांत राशन कार्ड बनाने पर मनाही की गई है। यह लोग अत्यंत गरीब है एवं राज्य में इनकी संख्या करीब 03 लाख के आसपास है। इनके जीवनयापन का भी कोई तत्काल साधन नही है। अतः इनके राशन कार्ड बनाने अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एस0डी0आर०एफ0 की धनराशि से कोविड-19 के प्रबन्धन तथा अवस्थापना सृजन से सम्बन्धित समस्त खर्चे को अनुमन्य किया जाना चाहिए।

कुंभ क्षेत्र में गैस लाइन डालने को मिली हरी झंडी

राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गेल को गैस पाइप लाइन डालने का काम शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। गेल को कुंभ क्षेत्र और अखाड़ों के अंदर तक गैस पाइप लाइन पहुंचानी है। विदित हो कि लॉकडाउन के चलते कुंभ के सभी काम रोक दिए गए थे। अब तक तो हरकी पैड़ी और व्यस्त बाजार क्षेत्र तक गैस पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो गया होता।
राज्य सरकार के अनुमति पत्र को जिलाधिकारी ने कार्य शुरू की परमिशन देने के लिए मेलाधिकारी कुंभ के पास भेज दिया है। मेन रोड पर आर्यनगर से शहर कोतवाली तक और निष्काम सेवा ट्रस्ट भूपतवाला से कांगड़ा मोड़ हरकी पैड़ी के पास तक गैस पाइप लाइन डाली जा चुकी है।

15 किलोमीटर की लाइन डलवानी है
रेलवे रोड से सप्तसरोवर तक और देश रक्षक से आईटीआई जगजीतपुर तक कुंभ एरिया में लगभग 15 किलोमीटर ट्रंक लाइन दो महीने के अंदर डालनी है। इस काम के लिए मई व जून का ही समय गेल के पास है। इसके बाद मानसून में काम नहीं होगा और मानसून समाप्त होने के तुरंत बाद खुदी सड़कों का पुनर्निर्माण व सुदृढ़ीकरण कार्य किया जाना है।
गेल के परियोजना प्रबंधक प्रंजय जोशी ने बताया कि उत्तरी हरिद्वार में भारतमाता मंदिर से रेलवे रोड तक लगभग आठ किमी और देश रक्षक चैक से आईटीआई जगजीतपुर तक एरिया में लगभग छह किमी मेन ट्रंक लाइन डालने का काम प्राथमिकता में है। राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है और सोमवार तक मेला प्रशासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है। मंगलवार से काम शुरू हो जाएगा।

चारधाम यात्रा की बुकिंग रद्द करवा रहे यात्रियों को जीएमवीएन दे रहा सुविधा

वैश्विक महामारी के कारण जहां देशव्यापी लाॅकडाउन हो रहा है, इसी बीच विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की बुकिंग भी रद्द हो रही है। गढ़वाल मंडल विकास निगम को मिली बुकिंग में एक करोड़ 25 लाख की बुकिंग अभी तक रद्द हो चुकी है। जीएमवीएन के यात्रा कार्यालय को बुकिंग रद्द करने के लिए अभी तक दो हजार ईमेल मिल चुकी हैं। इसके अलावा रोजना काॅल आ रही हैं।
जीएमवीएन की ओर से यात्रियों को बुकिंग रद्द नहीं करने की अपील की जा रही है। जीएमवीएन ने यात्रियों को सुविधा दी है कि वे अपनी बुकिंग का अगले दो वर्षों में समयानुसार उपयोग कर सकते हैं। 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं। जबकि 29 अप्रैल को केदारनाथ व 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के पहले स्टेशन पर स्पेशल ट्रेन का ट्रायल

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के योग नगरी रेलवे स्टेशन पर सीसीआरएस स्पेशल ट्रेन का ट्रायल किया गया। ट्रायल का निरीक्षण करने पहुंचे रेल सुरक्षा आयुक्त ने ट्रेन का ट्रायल सफल रहा या नहीं, इस पर कुछ नहीं बोला। वहीं डीआरएम मुरादाबाद मंडल का कहना है कि ट्रायल सफल रहा, लेकिन इसकी फाइनल रिपोर्ट रेल सुरक्षा आयुक्त देंगे। वहीं, सूत्रों के अनुसार स्टेशन में रेल लाइन के समीप कुछ खामियां पाई गई हैं।
गौरतलब है कि पिछले काफी लंबे समय से योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन में ट्रेन के ट्रायल के लिए रेलवे विकास निगम वीरभद्र रेल लाइन और स्टेशन का कार्य जोरों से किया जा रहा था। इसके बाद मंगलवार को यहां स्टेशन मेें रेल सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक के नेतृत्व में सीसीआरएस स्पेशल ट्रेन के संचालन का ट्रायल किया गया।
इसके बाद ट्रायल की रिपोर्ट भी पेश की जानी थी। मगर रिपोर्ट पेश करने के बजाय मौके पर उपस्थित सभी आला अधिकारी चुप्पी साध गए। वहीं, संपर्क साधने पर डीआरएम मुरादाबाद तरुण प्रकाश ने बताया कि उनके अनुसार सीसीआरएस स्पेशल का ट्रायल सफल रहा है। वहीं, सूूत्रों के अनुसार प्लेटफार्म नंबर एक का टीनशेड काफी बाहर निकला हुआ है। समीप में रेल लाइन के ऊपर विद्युत लाइन होने से ट्रेन के संचालन के दौरान करंट का खतरा बना हुआ है।

बर्फबारी और बारिश ने बढ़ाई परेशानी, ठंड लौटी

होली के दिन प्रदेश के कई इलाकों में चटख धूप खिली रही, लेकिन आज मौसम ने ऐसी करवट ली कि ठंड का अहसास हो गया। राजधानी देहरादून सहित मैदानी इलाकों में सुबह से बादल छाए रहे। वहीं, मंगलवार को कहीं-कहीं बारिश भी हुई है।
चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में आज तड़के बर्फबारी हुई और निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, घांघरिया के साथ ही अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की सूचना है। फिर ठंड लौटी आई है। श्रीनगर क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। यहां तेज हवांए चल रही हैं।
नैनीताल हल्के बादल छाए हैं। पिथौरागढ़ में हल्के बादलों के साथ धूप खिली है। पंतनगर में बादलों के साथ सूरज की आंख मिचैली जारी हैं।

बारिश और ठंड से परेशान हो रहे लोग
अभी बारिश और ठंड लोगों को और सता सकती है। आईआईटी के वैज्ञानिकों के अनुसार हरिद्वार जिले में 12 से 14 मार्च के बीच ओलावृष्टि और गरज के साथ कुल 47 मिमी बरसात होने की संभावना है। अधिकतम तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान आठ से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। आईआईटी के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र के अनुसार अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता 80-90 प्रतिशत और न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता 40 से 50 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है।

ओलावृष्टि और गरज के साथ बारिश की संभावना
11 मार्च को उत्तर-पश्चिम तथा 12-14 मार्च को दक्षिण-पूर्व दिशा से छह से 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। वहीं पौड़ी गढ़वाल जनपद में 12-14 मार्च के बीच कुल 38 मिमी बरसात होने की संभावना है। देहरादून जनपद में 12-14 मार्च के बीच ओलावृष्टि और गरज के साथ कुल 60 मिमी बरसात होने की संभावना है। उन्होंने सलाह दी है कि किसान 14 मार्च तक सिंचाई, कीटनाशकों के छिड़काव तथा उर्वरकों के उपयोग को रोक दें।
निचले, गहरे स्तर के खेतों से पानी की अत्यधिक मात्रा को निकालने के लिए जल निकास की उचित व्यवस्था करें। साथ ही दुधारू पशुओं को संतुलित आहार दें। ओलावृष्टि व बरसात के पूर्वानुमान को देखते हुए पशुधन को खुले में न छोड़ें।

पर्वतीय जिलों का विकास सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

चंपावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चंपावत जिले को कई सौगातें दी। इस अवसर पर उन्होंने जिला मुख्यालय के गोल्ज्यू मैदान में तीन दिवशीय चंपावत महोत्सव में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान उन्होंने जिले के विकास हेतु 116 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत के कुल 33 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। जिसमें 64 करोड़ 21 लाख 17 हजार की कुल 17 योजनाओं का शिलान्यास तथा 52 करोड़ 4 लाख 63 हजार रुपये की लागत के 16 कार्यों का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा जनपद के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की जिसमें चम्पावत मुख्यालय में पार्किंग का निर्माण, विकास खण्ड लोहाघाट के विसुंग के टाड़ खेल मैदान में चहार दीवारी का निर्माण, पाटी के राजकीय इंटर कॉलेज मुलाकोट व लोहाघाट के राजकीय इंटर निडिल में दो दो अतिरिक्त कक्षा कक्ष्यों का निर्माण, स्यामलाताल का सौंदर्यीकरण किए जाने, सुखी ढांग डांडामिनार सड़क में 30 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण कराए जाने के साथ की चम्पावत को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किए जाने की घोषणाएं की गईं। इसके अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री ने जनपद चम्पावत जो लिगांनुपात में पूरे देश में पिछड़ा हुवा था इन वर्षों में जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाकर सभी के सहयोग से वर्तमान में लिंगानुपात प्रति हजार 974 हो जाने पर बधाई देते हुए इस सराहनीय व उल्लेखनीय कार्य करने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, महिलाओं को 10 -10 हजार रुपये पुरुस्कार की घोषणा देते हुए जिलाधिकारी चम्पावत व टीम को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में विभिन्न विभागों आदि के द्वारा जो भी स्टाल लगाए गए हैं उससे जिले के विकास की झलक दिखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मेलों का स्वरूप बदलना चाहिए मेले में ग्रामीण क्षेत्र के जो उद्यमी हैं विभिन्न पैदावार कर रहे हैं उनके उत्पाद मेले में प्रदर्शित हों,ताकि मेले में आने वाले युवाओं को वह दिखे ओर उससे प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से लोगों को विशेष रूप से युवाओं को इन उत्पादों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि युवाओं में जो ब्यवसायिकता की कमी व अभाव है इस प्रकार के मेलों के आयोजन से युवाओं में ब्यवसायिकता के गुण सीख सकते हैं, यहां के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है।
कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री विगत दिनों जनपद के जी.आई.सी रोड निवासी शहीद राहुल रैंसवाल के घर गए जहां उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र ने देश की सेवा में अपना जो योगदान दिया उससे सम्पूर्ण राज्य उन्हें हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि वीर सहीद की धर्मपत्नी को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नोकरी प्रदान की जाएगी। इससे पूर्व जनपद आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा न्याय के देवता गोल्ज्यू के मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर ईश्वर से प्रदेश की खुशहाली की कामना कर आशीर्वाद लिया ।
इस अवसर पर विधायक चंपावत कैलाश गहतोड़ी, लोहाघाट पूरन फर्त्याल, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, दर्जा राज्य मंत्री हयाद माहरा, जिलाधिकारी सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।