स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्यों की सीएम ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव ने विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चल रहे कार्यों को युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के कार्यों को समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने सड़कों को बार-बार खोदे जाने के कारण जनता को आ रही परेशानी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून सोनिका को निर्देश दिये कि सड़क खोदकर छोड़ने पर संबंधित कार्यदायी संस्था पर एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं के द्वारा निर्माण स्थलों से गड्ढों, मलबा, मटेरियल इत्यादि का भी तत्काल रूप से निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सड़क पर मलबा, मटेरियल, गड्ढे इत्यादि के पाये जाने पर अपर मुख्य सचिव ने सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने आम जन को होने वाली परेशानियों को कम से कम किए जाने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिये।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सीईओ स्मार्ट सिटी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं को सभी स्टेक होल्डर्स, सर्विस प्रोवाईडर्स के साथ समन्वय के साथ कार्य कराने के निर्देश दिये। उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की लगातार मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को प्रोजेक्ट से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तय समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण करने के भी निर्देश दिये। अपर मुख्य सचिव ने पार्किंग व ट्रैफिक जाम की समस्या पर ट्रैफिक प्लान को प्रयोगात्मक एवं व्यावहारिक बनाये जाने के साथ ही होटल, प्रतिष्ठानों में पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों में लगी सभी एजेंसियों के माध्यम से कार्य में और तेजी लाई जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि निर्माण कार्यों से व्यापारियों और जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने शासन स्तर पर पूर्ण सहयोग दिये जाने की भी बात कही।

बैठक में सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती सोनिका ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

अगले माह अक्तूबर में रिक्तियों का विज्ञापन प्रस्तावित

राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को सौंपी गई विभिन्न समूह ‘ग’ की परीक्षाओं का आयोजन पूरी पारदर्शिता और समयबद्ध तरीके से जल्द से जल्द कराने के लिए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये हैं। डॉ राकेश कुमार ने बताया कि आयोग को उपलब्ध कराई गई रिक्तियों के सापेक्ष पहले चरण में चयन प्रक्रिया प्रारम्भ करते हुए पुलिस आरक्षी, राजस्व उप निरीक्षक / लेखपाल, वन आरक्षी एवं सहायक लेखाकार / लेखा परीक्षक आदि विभिन्न पदों के लिये विस्तृत रिक्ति विज्ञापन माह अक्टूबर 2022 में साप्ताहिक आधार पर जारी किया जाना प्रस्तावित हैं।

अभ्यर्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए उनको परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिले, इसके लिए उक्त पदों हेतु परीक्षा का आयोजन माह दिसम्बर 2022, जनवरी फरवरी तथा मार्च, 2023 में किया जा सकता है। इसकी सूचना, यथासमय प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों में अलग से विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी।

परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए अलग अनुभाग का गठन, कार्मिकों की तैनाती

डाॅ राकेश कुमार ने बताया कि समूह ग के इन पदों की चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द सुचारू ढंग से संचालित किये जाने के लिए एक अलग अनुभाग का गठन करते हुए 06 कार्मिकों की तैनाती की गयी है।

आयोग में अभ्यर्थी पृच्छा निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना

आयोग में अभ्यर्थी पृच्छा निवारण प्रकोष्ठ (Candidate Grievance Redressal Cell (CGRC) स्थापित कर दिया गया है। अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की जानकारी लेनी हो तो यहाँ से ऑफलाईन अथवा ऑनलाईन जानकारी ली जा सकती है। इसके लिये आयोग में स्थापित टोल फ्री नम्बर 07060002410 या दूरभाष 01334-244143 आयोग की email ID ukpschelpline@gmail.com, Website link psc.uk.gov.in/ commission/suggestions अथवा Twitter Handle @ukpscofficial का उपयोग किया जा सकेगा। विस्तृत विवरण आयोग की वेबसाईट psc.uk.gov.in पर देखा जा सकता है।

शैलेश बगोली से जारी किया शासनादेश, समूह ग की 23 परीक्षाएं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग कराएगा

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीधि में शामिल रही 23 परीक्षाएं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जायेगी। इस सम्बन्ध आज सचिव कार्मिक एवं सतर्कता शैलेश बगोली की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में बताया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परिधि में संशोधन करते हुए समूह ग की 23 परीक्षाओं की जिम्मेदारी उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को दे दी गई है।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक प्रकरण का खुलासा होने के बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से लगातार युवाओं के हित में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गतिमान परीक्षाओं को मंत्रिमंडल ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग से कराने का फैसला लिया था। अब इसी क्रम में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परीधि में बदलाव करते हुए 23 परीक्षाओ का जिम्मा भी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को दिया गया है। इन परीक्षाओं में राजस्व उपनिरीक्षक/लेखपाल, बंदी रक्षक, पर्यावरण पर्यवेक्षक/प्रयोगशाला सहायक(समस्त विभाग), राज्य सरकार द्वारा स्थापित या नियंत्रित निगम, निकाय संस्थान, मानचित्रकार/सर्वेयर(समस्त विभाग/राज्य सरकार द्वारा स्थापित या नियंत्रित निगम/निकाय/संस्थान, वन आरक्षी, अवर अभियंता, अनवेक्षक कम संगणक, पुलिस आरक्षी-पीएससी/आईआरबी/अग्निशामक, उपनिरीक्षक पुलिस/अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, कृषि/पशुपालन, उद्यान(स्नातक), सहकारिता पर्यवेक्षक, गन्ना पर्यवेक्षक/दुग्ध पर्यवेक्षक, सहायक लेखाकार/लेखा निरीक्षक, कनिष्ठ सहायक, वैयक्तिक सहायक, सहायक लेखाकार, व्यवस्थापक/व्यावस्थाधिकारी, पुलिस रैंकर्स, वाहन चालक, अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी/दूरसंचार पुलिस, स्केलर(वन विभाग) शामिल हैं।

हेल्थ केयर एक्सलेंस अवार्ड समारोह में शामिल हुए सीएम और स्वास्थ्य मंत्री, प्रदान किए अवॉर्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य सेवा से जुड़े संस्थानों एवं चिकित्सकों को आयोजक संस्था की ओर से हेल्थ केयर एक्सलेंस अवार्ड प्रदान किये गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित होने वाली जन सेवा से जुड़ी संस्थायें एवं व्यक्ति समाज के सच्चे प्रतिनिधि होते है। कोरोना महामारी के दौर में चिकित्सा संस्थाये एवं चिकित्सकों ने समर्पित भाव से कार्य कर समाज में अपनी पहचान भी बनायी है। उन्होंने कहा कि अच्छा नेतृत्व कैसे राह निकाल कर देश को व्यवस्थित ढ़ंग से संचालित करता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में पोलियो के टीके के निर्माण में 15 साल लगे जबकि मोदी जी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने यह कार्य एक वर्ष में कर कोरोना की दो-दो वैक्सीन तैयार की। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोविड महामारी में भारत में टीकाकरण का महा अभियान चलाया गया। भारत में 200 करोड़ से अधिक कोविड के टीके लगे। भारत की सांस्कृतिक परम्परा हमेशा से ‘सर्वे भवन्तुः सुखिनः की रही है। कोविड के दौरान भारत ने इसी भावना से अन्य देशों को भी 20 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन दी। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना चलाई जा रही है। देश में कोई भूखा न सोये इसके लिये निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की गई।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश और देशवासियों में आशा, विश्वास और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उनके नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। देश में नई कार्य संस्कृति की शुरूआत हुई है। समरस, समर्थ एवं शक्तिशाली भारत की पहचान देश व दुनिया में हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन आठ सालों में एक समृद्ध, शक्तिशाली तथा समरस भारत के साथ ही दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत बना है।
उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है। किच्छा में एम्स का सेटलाइट सेन्टर तथा अल्मोड़ा के साथ पिथौरागढ़, रूद्रपुर एवं हरिद्वार में मेडिकल कालेज बनाये जा रहे हैं। प्रमुख शहरों में बाईपास के निर्माण के साथ बेहतर सड़कों का निर्माण हो रहा है। दिल्ली देहरादून एलेवेटेड रोड बनने के बाद देहरादून से दिल्ली की यात्रा हवाई मार्ग से भी कम समय में तय की जा सकेगी। जौलीग्रान्ट के साथ ही पन्तनगर को भी अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाये जाने की प्रक्रिया तेजी से चलायी जा रही है। पिथौरागढ़ चिन्यालीसौड गौचर हवाई पट्टी का विस्तार किया जा रहा है। अमृतसर कलकता औद्योगिक कोरिडोर के लिये उधम सिंह नगर में 1000 हेक्टियर भूमि उपलब्ध करायी गयी है इसके लिये भारत सरकार द्वारा 400 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में पहल की गई है, इसके लिये गठित समिति की नियमित बैठके हो रही हैं। भ्रष्टाचार पर नियन्त्रण के लिये प्रभावी कार्यवाही की गई है। अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्ती में गई गड़बड़ी की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। अब तक 39 लोग गिरफ्तार हो चुके है। हमारा प्रयास है कि भविष्य में नियुक्तियों पारदर्शी हो इसमें गड़बड़ी करने की कोई सोच भी न सके, ऐसा तंत्र विकसित किया जा रहा है। भ्रष्टाचार पर रोक के लिये विजिलेंस को सुदृढ किया जा रहा है। इसके लिये 2 करोड़ का रिवाल्विंग फण्ड की व्यवस्था की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के जन्मदिन 16 सितम्बर से राज्य में सेवा सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में 17 सितम्बर में रक्तदान का महाअभियान शुरू किया जा रहा है, इसके लिये 1 लाख रजिस्ट्रेशन किये जा रहे हैं। 2024 तक राज्य टी0वी0 से युक्त हो इस दिशा में मरीजो को गोद लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा भी 02 पीड़ितों को गोद लिया गया है। अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य में 49 लाख कार्ड बनाये गये हैं, जबकि 5.50 लाख लोगों को इसका लाभ दिया जा चुका है। सभी जिलों में डायलिसस की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ 7 मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर राजेश कुमार ने भी इस अवसर पर स्वास्थ सुविधाओं की जानकारी दी।

चेक बांउस के मामले पर कोर्ट ने सुनाया फैसला, आरोपी से हटाए आरोप

न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने चेक बाउंस के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को दोषमुक्त किया है।

अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा और अधिवक्ता राजकिशोर शर्मा ने बताया कि न्यायालय में दाखिल एक वाद में बताया गया कि राजंेंद्र त्यागी पुत्र ओमप्रकाश त्यागी निवासी छिद्दरवाला की कैलाश मणी रतूड़ी पुत्र विशालमणी निवासी छिद्दरवाला से अच्छी जान पहचान है, जिसके आधार पर राजेंद्र ने वर्ष 2014 में पांच लाख रूपये उधारी के तौर पर कैलाशगणी को दिए। मगर, तय समय पर वापस न लौटाने पर जब कैलाशमणी से कहा गया तो उस पर दो चेक दिए गए, जो बाउंस हो गए।

अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा और अधिवक्ता राजकिशोर शर्मा ने न्यायालय के समक्ष कैलाशमणी की ओर से जोरदार पैरवी की। उनकी मजबूत पैरवी की बदौलत आरोप लगाने वाला पक्ष अपनी पांच लाख रूपये देने की क्षमता को न्यायालय के सम्मुख साबित नहीं कर सका। साथ ही परिजनों से जान पहचान भी साबित नहीं कर पाया। जिसके आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट उर्वशी रावत की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कैलाशमणि रतूड़ी को दोषमुक्त किया है।

पीएम आवास में स्वीकृत आवासों के सापेक्ष पूर्ण और आवंटन में लाया जाए सुधारः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ प्रगति पोर्टल के अन्तर्गत नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन, पीएम स्वनिधि और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की प्रगति की समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन के अन्तर्गत टावर लगाने एवं ओएफसी आदि के लिए राइट ऑफ वे आवेदनों के सम्यक् निस्तारण हेतु सभी जिलाधिकारियों तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय निकायों को अपने बायलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है तो शीघ्रातिशीघ्र किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पेंडेंसी के निस्तारण के लिए उचित प्रणाली विकसित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही प्रतिदिन समीक्षा की जाए और इसके लिए वर्कशॉप भी आयोजित की जाएं। कहा कि समस्याओं का अध्ययन कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए, ताकि एप्लीकेशन के रिजेक्शन को कम किया जा सके।

मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत राज्य के 25 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण उपलब्ध कराने के लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में हासिल करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेपर वर्क पूरा करने हेतु में एक या दो बार कैंप लगाए जाएं। ई – केवाईसी के लिए सीएससी आदि को भी कैंप में शामिल किया जाए ताकि सभी काम एक साथ हो सकें। मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि में पर्वतीय जनपदों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि मैदानी जनपदों को तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने एसएलबीसी को बैंकों को भी इस सम्बन्ध में अवगत कराए जाने हेतु निर्देशित किया, ताकि बैंक भी एप्लीकेशंस को सरसरी तौर पर निरस्त न करें और ऋण स्वीकृति देने में तेजी लाएं।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में भी स्वीकृत आवासों के सापेक्ष पूर्ण और आबंटित की स्थिति में तेजी से सुधार लाने के निर्देश दिए। कहा कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना, लाभार्थी के नेतृत्व में व्यक्तिगत घर निर्माण गरीब बेघर लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है। बीएलसी के अन्तर्गत केंद्र सरकार द्वारा तीसरी/अंतिम किश्त प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद दी जाती है, जिस कारण कई बार लाभार्थी का आवास धन की कमी के कारण पूरा नहीं हो पता या उसमें देरी होती है। इसके लिए एक नया मैकेनिज्म तैयार किया जाए ताकि लाभार्थी को बाकी का पैसा राज्य सरकार की और से मिल जाए और प्रोजेक्ट पूर्ण होने पर यह केंद्र से राज्य सरकार को रिफंड हो जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन,सचिव शैलेश बगोली, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।

यूएचएसडीपी से एनएबीएच एक्रिडिएशन को जुटाये जायेंगे संसाधन

केन्द्र पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना के जरिये जिला अस्पतालों की सूरत बदली जायेगी। परियोजना के प्रथम चरण में सूबे के पांच जिला चिकित्सालयों का चयन कर सुधारीकरण का कार्य गतिमान है। जिसके तहत अस्पतालों की गुणवत्ता संवर्द्धन के लिये एनएबीएच स्तरीय मानकों के अनुरूप संसाधन जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। ताकि आने वाले समय में जिला अस्पतालों को आसानी से एनएबीएच मान्यता मिल सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में एनएचएम के अंतर्गत केन्द्र पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को परियोजना के अंतर्गत चयनित पांच जिला चिकित्सालयों अल्मोड़ा, बागेश्वर, रूद्रप्रयाग, चमोली तथा जिला महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़करण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि परियोजना के अंतर्गत चयनित चिकित्सालयों में एनएबीएच स्तरीय मानक पूर्ण करने के लिये गैप एसेसमेंट के आधार पर शासन द्वारा पूर्व में ही डीपीआर अनुमोदित कर लगभग रूपये 74 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। जिसके तहत चयनित जिला चिकित्सालयों में 10 विशेषज्ञ चिकित्सक, 10 स्टॉफ नर्स, 2 लैब टेक्निशियन, एक एक्स-रे टेक्नीशियन तथा एक मैट्रन तैनात किये जाने का प्रावधान है। इसके अलावा परियोजना के अंतर्गत अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इस कार्य हेतु रूपये 20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है जबकि शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान आईआईएचएमआर जयपुर एवं एएससीआई हैदराबाद के माध्यम से सीएमओ, सीएमएस व एसीएमओ को कौशल संबर्द्धन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी प्रकार चयनित चिकित्सालयों में लोक निजी सहभागिता के अंतर्गत कम्युनिकेशन कार्य योजना एवं डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान भी अपडेट किया जा रहा है। विभागीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2023 तक परियोजना के पूर्ण क्रियान्वयन पर चयनित जिला चिकित्सालयों में अमूलचूल परिर्वतन देखने को मिलेगा, जिससे चिकित्सालयों को एनएबीएच एक्रिडिएशन कराने में खासी मदद मिलेगी।
समीक्षा बैठक में प्रभारी अधिकारी डॉ0 अमित शुक्ला ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्वीकृत 50 पदों के सापेक्ष 28 पदों पर तैनाती दे दी गई है। इसी प्रकार स्टॉफ नर्स के स्वीकृत 50 पदों, एक्स-रे टेक्नीशियन तथा मैट्रन के 05 पदों एवं लैब टेक्नीशियन के 10 पदों के सापेक्ष पूर्ण तैनाती कर दी गई है। जबकि अधिकारियों के प्रशिक्षण का कार्य गतिमान है।

बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, एपीडी यूएचएसडीपी डॉ0 प्रेम लाल, संयुक्त निदेशक पीपीपी डॉ0 अमित शुक्ला, वित्त नियंत्रक बिरेन्द्र कुमार, डॉ0 विपुल विश्वास, डॉ0 राजन अरोड़ा सहित विभगाय अधिकारी उपस्थित रहे।

किसान क्रेडिट कार्ड बनाने को विभाग और बैंकों को लक्ष्य दिया जाएः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने किसान क्रेडिट कार्ड के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने हेतु हर संभव प्रयास किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु मैनपावर सुनिश्चित किए जाने हेतु मैनपावर राजस्व, ग्राम विकास, कृषि, हॉर्टिकल्चर, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य एवं डेरी विकास विभाग से उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पीएम किसान पोर्टल पर सभी किसानों की जनपद और तहसीलवार जानकारी भी उपलब्ध है।

मुख्य सचिव ने किसानों को क्रेडिट कार्ड लेने हेतु जागरूक किया जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने हेतु विभागों और बैंकों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। फील्ड स्टाफ को ग्राम स्तर पर टारगेट दिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को बैंक स्तर पर किसानों की एप्लीकेशन प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्राईमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाईटीज और कॉपरेटिव सोसाईटीज का इसमें सक्रिय साझेदारी सुनिश्चित की जाए।

बैठक में बताया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को 3 से 5 साल तक के लिए 3 लाख रूपए तक का लोन कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। बताया गया कि किसान सम्मान निधि के लाभार्थी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। साथ ही इस योजना में प्रोसेसिंग, डॉक्यूमेंटेशन, इंस्पेशन और सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता है।
इस अवसर पर सचिव वी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम सहित अन्य संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।

चंपावतः तीसरी कक्षा के छात्र की मौत पर जांच करेंगे एसडीएम पाटी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिलाधिकारी चम्पावत ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डा के शौचालय की छत गिरने की घटना के मजिस्ट्रियल जांच के लिये एसडीएम पाटी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

जिलाधिकारी ने अपने आदेश में एस.डी.एम को निर्देश दिये हैं कि इस दुर्घटना के कारणों की तत्काल जांच पूर्ण कर 15 दिन में जांच आख्या उपलब्ध कराये। जिलाधिकारी चम्पावत ने बताया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मृतक छात्र के परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी तथा घायल छात्रों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है।

कोतवाली पुलिस ने यूनिपोल चोरी के आरोप में पांच को किया गिरफ्तार

भरत विहार स्थित प्लॉट से डेढ़ लाख की कीमत के दो यूनिपोल चोरी के आरोप में पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कोतवाली पुलिस के मुताबिक इंदिरा नगर रेलवे रोड, ऋषिकेश निवासी विकास शाही पुत्र एसएस शाही ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 12 सितंबर को भरत विहार स्थित प्लॉट से उनके दो यूनिपोल चोरी हो गए। उन्होंने अब्दुल खालिद, इकराम, सनवर अली, जुनेद और अजमद अली पर हाइड्रा की मदद से ट्रक में लोड कर यूनिपोल चोरी का आरोप लगाया। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस टीम ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से चोरी किए दो यूनिपोल, चोरी में प्रयुक्त ट्रक, हाइड्रा और कार को भी बरामद किया। कार को पुलिस ने सीज कर दिया है। कोतवाल रवि सैनी ने बताया कि आरोपी अब्दुल खालिद पुत्र जुल्फिकार अहमद, इकराम पुत्र रामजान, जुनेद पुत्र अफजाल अहमद, अजमत अली पुत्र हासिम अली निवासी रायपुर रोड और सनवर अली पुत्र मनवर अली निवासी राजीव नगर रिस्पना पुल नेहरू कॉलोनी, देहरादून को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।