हमारे खिलाड़ियों का भरोसा बन रही नई खेल नीति-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने तथा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन के लिये खेल पुरस्कारों की धनराशि में बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं की खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित कर रही है, युवाओं को आगे बढ़ाना चाहती है, हमारे युवा मनोयोग से खेले और अच्छा प्रदर्शन करें तथा देश व प्रदेश के लिये अधिक से अधिक मैडल प्राप्त करें। इस दिशा में उनकी प्रतिभाओं को निखारने का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं में प्रतिभा की कमी नही है।
राज्य में खिलाड़ियों के लिये बेहतर खेल प्रशिक्षकों की भी व्यवस्था की गई है। खिलाडियों के हित में जो भी बेहतर प्रावधान करने जरूरी होंगे वह किये जायेंगे, हम नई खेल नीति लेकर आये हैं। नई खेल नीति में भी प्रावधान किया गया है जिन बच्चों में प्रतिभा व योग्यता है वह आगे आ सके इसके लिये खेल पुरस्कारों में बढ़ोतरी के साथ ही खिलाड़ियों के हित में अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं।

पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को रोजगार का भरपूर अवसर देगी सरकार-धामी

उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लगभग 7000 पदों पर गतिमान भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित करने के सम्बंध में आज कैबिनेट से प्रस्ताव पारित हो गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश हैं कि भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने इन भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग से कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही भर्ती परीक्षाओं का एक कैलेंडर जारी कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिये
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश है कि वर्तमान विज्ञापित पदों के साथ-साथ राज्य सरकार के सभी विभाग एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने यहां सीधी भर्तियों के रिक्त पदों की सूची बनाते हुए आयोग को उपलब्ध कराएं जिससे भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी किया जा सके।

वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किसी भी चरण की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया गया है, किन्तु चयन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. उन परीक्षाओं की अवशेष कार्यवाही उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की जायेगी। वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा चुके हैं तथा कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है; उनमें लोक सेवा आयोग की परिधि में जाने के पश्चात् पुनः विज्ञप्ति प्रकाशित किए जाने की दशा में अभ्याथियों को आवेदन शुल्क से मुक्त रखा जाएगा। राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध है

शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकताः सीएम
युवाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिए सरकार कृतसंकल्प है।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे उत्तराखंड में एनईपी का शुभारम्भ

उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के बाद अब इसी माह उच्च शिक्षा विभाग में भी एनईपी लागू कर दी जायेगी, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर दी गई है। इस बात की जानकारी सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दी। उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को उच्च शिक्षा विभाग में एनईपी-2020 लागू करने के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अमंत्रित किया। जिस पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने अपनी सहमति दी है।

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से शिष्टचार भेंट की। इस दौरान रावत ने केन्द्रीय मंत्री से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, पीएम-श्री योजना सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। रावत ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां विद्यालयी शिक्षा में एनईपी को लागू कर दिया गया है, जिसकी सराहना देशभर में हो रही है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा में भी इसी सत्र से सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर एनईपी लागू कर दी जायेगी। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। रावत ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के शुभारम्भ केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के कर कमलों से किया जायेगा। इसके लिये देहरादून में माह सितम्बर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। पीएम-श्री योजना के तहत देशभर के 14500 विद्यालयों को विश्व स्तरीय बनाये जाने पर उन्होंने केन्द्रीय मंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पीएम-श्री योजना से न सिर्फ पिछड़े क्षेत्रों के स्कूलों की सूरत बदलेगी बल्कि छात्र-छात्राओं को बेहत्तर शिक्षा मुहैया हो सकेगी। केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान रावत ने एच0एन0बी0 गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कार्मिकों की विभिन्न मांगों पर भी चर्चा की, साथ ही एनआईटी सुमाडी में चल रहे निर्माण कार्यों से भी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को अवगत कराया। इसके अलावा उन्होंने रूसा फेज-2 के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अवशेष राशि को जारी करने की मांग भी धर्मेंद्र प्रधान से की, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने सकारात्मक रूख अपनाते हुये शीघ्र अवशेष राशि जारी करने का आश्वासन दिया साथ ही उन्होंने रूसा फेज-3 से संबंधित निर्माण कार्यों की डीपीआर शीघ्र केन्द्र सरकार को भेजने को कहा।

इस अवसर पर रूसा सलाहकार प्रो एम0एस0एम0 रावत, प्रो के0डी0 पुरोहित, संयुक्त निदेशक एवं नोडल रूसा डॉ ए0एस0 उनियाल भी मौजूद रहे।

महाराष्ट्र के चार यात्रियों की मौत, कार खाई में गिरने से दो घायल

बदरीनाथ हाईवे पर नीरगड्डू के पास एक कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई, जिससे उसमें सवार चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि चालक समेत दो लोग घायल हो गए। घायलों को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। कार में सवार यात्री बदरीनाथ जा रहे थे। हादसे की वजह चालक को अचानक नींद की झपकी आना बताया जा रहा है।

आज सुबह सवा छह बजे हरिद्वार से एक कार महाराष्ट्र के 5 तीर्थयात्रियों को लेकर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई। सुबह करीब साढ़े सात बजे के आसपास ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के तपोवन से आगे नीरगड्डू के समीप कार खाई में जा गिरी। हादसा होते देख हाईवे से गुजर रहे लोगों ने मुनिकीरेती थाना पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर एसडीआरएफ की टीम घटना स्थल पर पहुंची और रेस्क्यू कर कार में सवार सभी गंभीर घायलों को खाई से बाहर निकाला। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण ने बताया कि 108 आपातकालीन एंबुलेंस के माध्यम से सभी घायलों को ऋषिकेश सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया। जबकि एक घायल यात्री ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि चालक और एक अन्य यात्री को ऋषिकेश एम्स में इलाज चल रहा है। घायल चालक रविंद्र सिंह ने बताया कि उसे अचानक नींद की झपकी आ गई, जिससे कार पर नियंत्रण खो बैठा।

उन्होंने बताया कि घायलों पहचान रविंद्र सिंह पुत्र ज्ञान सिंह निवासी ग्राम उसाड़ा, पोस्ट दैडा, तहसील उखीमठ, रुद्रप्रयाग और रविन्द्र चव्हाण पुत्र महादेव चव्हाण निवासी ब् 714, ओम सद्गुरुनगर, ग्रेटर मुम्बई के रूप में कराई।
जबकि मृतकों की पहचान शिवाजी बुधकर पुत्र शिवाजी बाबा जी बुधकर निवासी दहिसर मुंबई (महाराष्ट्र), पुरुषोत्तम दत्तात्रेय खिलकुटी पुत्र दत्तात्रेय खिलकुटी निवासी पछुबंदर कोलीवाडा रोड वेस्ट वसई थाणे महाराष्ट्र, जितेश प्रकाश लोखंडे पुत्र प्रकाश लोखंडे निवासी स्ठैभ् मार्ग मनोर टाकवाहल ठाणे महाराष्ट्र, धर्मराज पुत्र नारायण निवासी पचुबंदर वसई पालघर महाराष्ट्र के रूप में कराई है।

कैबिनेट ने पांच परीक्षाओं को किया निरस्त, सात हजार पदों पर लोक सेवा आयोग जल्द जारी करेगा कैलेंडर

उत्तराखंड कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया गया। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत पांच भर्ती परीक्षाएं रद कर दी गई हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सात हजार पदों के लिए प्रस्तावित सभी परीक्षाएं राज्य लोक सेवा आयोग कराएगा।

770 पदों के लिए पांच परीक्षाएं रद
कैबिनेट बैठक में 770 पदों के लिए पांच परीक्षाएं रद की गईं हैं। इनमें वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार और पुलिस रैंकर्स की परीक्षाएं शामिल हैं।

कैबिनेट के निर्णयः
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में वर्णित सेटबैक एवं भू-आच्छादन के मध्य संगति स्थापित करने के उद्देश्य से 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से कम वाले एकल आवासीय भवन बनाने हेतु नेशनल बिल्डिंग कोड या उत्तराखंड सरकार के आवास घर के नियम में किसी एक विकल्प को चुनकर अपने भवन बना सकते है।
वित्त विभाग के अंतर्गत जीएसटी बिल को बढ़ावा देने के लिए ग्राहक आनलाइन ईनाम योजना, ‘बिल लाओ और ईनाम पाओ’ की योजना प्रारंभ की जाएगी।
शहरी विभाग के अंतर्गत नगर पालिका के लिए एकाउंटिंग मैनुअल में एकरूपता लाने के लिए नियमावली में परिवर्तन किया जाएगा।
शहरी विभाग के अंतर्गत नगर निगम के लिए एकाउंटिंग मैनुअल में एकरूपता लाने के लिए नियमावली में परिवर्तन किया जाएगा।
खाद्य विभाग के अंतर्गत संयुक्त नियंत्रक, उप नियंत्रक, सहायक नियंत्रक के लिए सेवा नियमावली में परिवर्तन किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत सृजित 932 पद के लिए योग्य उम्मीदवार का चयन नहीं होने पर अब प्राचार्य पद के लिए 50 प्रतिशत पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर एवं शेष 50 प्रतिशत पदों पर प्रधानाध्यापकों एवं प्रवक्ता में से समिति विभागीय परीक्षा द्वारा चयन किया जाएगा।
तकनीकी शिक्षा प्राविधिक परिषद्, रुड़की के अंतर्गत स्थापित संयुक्त प्रवेश परीक्षा एवं प्रशिक्षण अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ का नाम, रुड़की में शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाया जाएगा।
न्याय विभाग के अंतर्गत सिविल जज जूनियर डिवीजन को सिविल जज एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन को सीनियर सिविल जज के रूप में पदनाम परिवर्तित करने के लिए अधिनियम लाया जाएगा।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में 10 पद अनुसेवक के लिए आउटसोर्सिंग से भर्ती के लिए अनुमति दी गई।
राजकीय नवोदय विद्यालय उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्‍वर, ऊधमसिंह नगर में निर्माण एवं संचालन कार्य पीपीपी मोड से सोसायटी मोड के अंतर्गत किया जाएगा।
बदरीनाथ में मास्टर प्लान के अंतर्गत सीएसएसआर के अंतर्गत प्रथम और द्वितीय चरण के कार्य उसी एजेंसी से कराया जाएगा जो पूर्व में कार्य कर रही थी।
केदारनाथ में किए जाने वाले प्रशासनिक भवन, अस्पताल इत्यादि संबंधी निर्माण कार्य उसी एजेंसी से कराया जाएगा जो पूर्व में कार्य कर रही थी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से संबंधित लगभग सात हजार पदो के लिए लोक सेवा आयोग परीक्षा कराएगा, इसके लिए लोक सेवा आयोग एक भारतीय केलेंडर जारी करेगा। इसमें समूह ग से संबंधित सभी नियम लागू होंगे। इनमें 700 ऐसे पद हैं जिनकी परीक्षा हुई है किंतु परिणाम नहीं आया है, 5340 ऐसे पद है जिनका केवल विज्ञापन प्रकाशित हुआ है और 1187 ऐसे पद है जिनका विज्ञापन प्रकाशित किया जाना है। जिनकी फीस जमा थी, उन्हें पुनः फीस नहीं देना होगा।
राजस्व विभाग के अंतर्गत रूद्रपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए लगभग छह हेक्टेयर की भूमि आवास विभाग को निश्‍शुल्क दी जाएगी।
17 सितंबर से 24 सितंबर तक पूरे प्रदेश में वृहद्व स्वच्छता अभियान पखवाड़ा मनाया जाएगा जिसमें सभी स्कूल, सार्वजनिक स्थल, कार्यालय में स्वच्छता कार्यक्रम किया जाएगा जिसमें प्रभारी मंत्री संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी के साथ समन्वय बनाकर कार्य करेंगे।
प्रायोगिक रूप से प्रथम बार राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुमाड़ी, पौड़ी का विलय राजकीय इंटर कालेज, सुमाड़ी, पौड़ी में तथा राजकीय कन्या इंटर कालेज पोखरी, पौड़ी का विलय राजकीय इंटर कालेज, गंगाऊ, पौड़ी में किए जाने का निर्णय लिया गया।
भूमि और भवन की उपलब्धता के आधार पर पर्वतीय जनपद में सैनिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया।
आवास विभाग के अंतर्गत एक टाईम सेटेलमेंट योजना को अगले कैबिनेट में रखा जाएगा।

हिमालय दिवस पर सीएम ने दिलाई शपथ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में हिमालय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने श्री हरि मंदिर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने हिमालय के संरक्षण हेतु शपथ दिलवाई एवं श्रीमद्भागवत गीता के ऊपर संक्षेप व सरल भाषा में लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय के प्राकृतिक जल स्रोतों धारों, नालों के अध्ययन, संरक्षण और संवर्धन के लिए एक कमेटी के गठन किए जाने की बात कही, जो विभिन्न प्रयासों से हिमालय के प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने और संरक्षित करने का हर संभव प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय के संरक्षण में हम सभी की भागीदारी जरूरी है। सरकार के दोनों दायित्व तय हैं, जहां एक ओर हिमालय के संरक्षण के प्रति गंभीर रहना है, तो दूसरी ओर विकास के प्रति भी उतना ही दायित्व निभाना है, ताकि हिमालय का पर्यावरण सुरक्षित रहे और यहाँ के निवासियों की आर्थिकी भी। समूचे हिमालय से जुड़े राज्यों के लिए यहाँ की अलग भौगोलिक और स्थानीय परिस्थिति के अनुकूल अलग विकास मॉडल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने नीति आयोग की बैठक में भी हिमालय के महत्वपूर्ण सरोकारों से जुड़े मुद्दों को साझा किया और इस संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव और प्रस्ताव साझा किए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में सामाजिक विकास की आवश्यकता है, हमें इकॉलोजी एवं इकोनॉमी को साथ में रखते हुए कार्य करना होगा। हिमालय की जैव विविधता को संरक्षित करना है। जब हिमालय बचा रहेगा, तभी जीवन बचा रहेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालय का किसी राज्य व देश के लिये ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये महत्व है। हिमालय के संरक्षण का दायित्व, हम सभी का है। हिमालय के संरक्षण के लिये यहां की संस्कृति, नदियों व वनों का संरक्षण जरूरी है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। प्रकृति के संरक्षण के लिये हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालयी राज्यों को विकास के दृष्टिगत पारिस्थितिकी और आर्थिकी के समन्वय पर ध्यान देने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्ड वासियों के स्वभाव में है, हरेला जैसे पर्व, प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।

परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पहाड़ी राज्य का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय का प्रहरी है। हिमालय जैसे विराट भूभाग का संरक्षण ही असल मायनों में हमारे भविष्य का संरक्षण है। उन्होंने कहा गंगा, जलाशय, प्राकृतिक संसाधनों, ग्लेशियर का संरक्षण के साथ ही हिमालय का संरक्षण मुमकिन है। मां गंगा का अस्तित्व हिमालय एवं ग्लेशियर के अस्तित्व पर आधारित है, उन्होंने मुख्यमंत्री श्री धामी को एकल हनुमान सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी पर्यावरण के संरक्षण में हनुमान की तरह संकल्पित होकर अथक परिश्रम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड का वातावरण एवं पर्यावरण पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करता है। उन्होंने कहा यहां आने से नई ऊर्जा मिलती है। हिमालय के संरक्षण के साथ ही जीवनदायिनी मां गंगा का संरक्षण भी बेहद जरूरी है एवं पर्यावरण के संरक्षण में सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने हर शुभ कार्य से पहले पौधारोपण एवं उत्तराखंड के साथ ही पूरे भारत को प्लास्टिक मुक्त किए जाने हेतु आग्रह किया।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज एवं बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रकृति पर्यावरण के साथ ही हिमालय ग्लेशियर का संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में वन विभाग जंगलों, प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा हम सभी एवं आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण और हिमालय के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संकल्पबद्ध होना पड़ेगा।

पद्मश्री डॉ अनिल जोशी ने हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय के संरक्षण हेतु चर्चा विचार एवं मंथन यहां के निवासियों, एनजीओ, शोध संस्थानो द्वारा गंभीरता से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा हिमालय के संरक्षण के साथ, वहां के मूल निवासियों का संरक्षण भी बेहद जरूरी है, जिसके लिए विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा हमारा भविष्य तभी सुरक्षित है, जब हिमालय सुरक्षित होगा।

इस अवसर पर विधायक रेनू बिष्ट, विधायक भोपाल राम टम्टा, जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदंडे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी जसवंत सिंह चौहान, एकल भारत लोक शिक्षा परिषद से नीरज राय एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

प्रदेश में बनाई जा रही समान नागरिक संहिता अन्य राज्यों के लिए भी होगी अनुकरणीय-सीएम

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने समिति के अध्यक्ष और सदस्य गणो के साथ विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने समिति के अब तक के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने तेजी से काम किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्ध जनो के साथ आम जन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिये हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह दूसरे प्रदेशों के लिये भी अनुकरणीय होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में उत्तराखण्ड की जनता का सकारात्मक रेस्पोंस है। अच्छी भावना के साथ किये गये कार्य सफल होते हैं।

विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (से.नि.) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव प्राप्त करने के लिये पोर्टल/वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्टूबर तक भेज सकते हैं। समिति हर सुझाव पर पूरी गंभीरता से विचार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सएप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। जिसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के भीतर दे सकते हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखण्ड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों – विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित – पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
समिति की अनेक बैठकें हो चुकी हैं जिनमें व्यापक विचार विमर्श किया गया है। अब https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्टूबर तक भेज सकते हैं।

इस दौरान समिति के सदस्य जस्टिस (से.नि.) प्रमोद कोहली, मनु गौड़, शत्रुघ्न सिंह (से.नि. आईएएस), प्रो सुरेखा डंगवाल, सदस्य सचिव एवं अपर स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अपनों को नौकरी लगाता तो परिवार के ही 20 से 30 बन जाते शिक्षक-पूर्व शिक्षा मंत्री

उत्तराखंड में इन दिनों सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेताओं पर भाई भतीजा वाद को लेकर गंभीर आरोप लग रहे हैं,सत्ता के रूतबे के दम पर नेताओं ने अपने-अपने करीबीयों को नौकरी पर लगाया। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से जहां उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग पेपर लीक मामले की जांच चल रही है। जिसमें केई आरोपियों को पकडा जा चुका हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों को लेकर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल की मुश्किले बढ़ी हुई है। क्योंकि विधान सभा में बैकडोर से हुई भर्तियों की जांच चल रही है। इन सब के बीच कई पूर्व मंत्रीयों पर भी मंत्री रहते हुए अपने करीबीयों को नौकरी लगाने के आरोप लग रहे है। पूर्व शिक्षा मंत्री और गदरपुर से विधायक अरविंद पाण्डेय पर भी शिक्षा मंत्री रहते अपने करीबीयों को नौकरी लगाने के आरोप लगे हैं,यहां तक कि शोसल मीडिया पर एक लिष्ट वायरल हो रही थी, जिसमें बिहार के रिश्तेदारों को उत्तराखंड नौकरी लगाने के आरोप अरविंद पाण्डेय पर लगे,लेकिन इन्ही आरोप को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे अरविंद पाण्डेय से पत्रकारों ने कई तहर के सवालों की बछौर की तो अरविंद पाण्डेय ने बडी सहजता से उनके उपर लग रहे आरापों के जवाब दिए।

नियमों की अनदेखी से हुई हैं नियुक्ति जो जांच के लिए हूं तैयार
अरविंद पाण्डेय का कहना है कि जो लिस्ट शोसल मीडिया में वायरल की गई है,उसको लेकर यहीं कहना चाहता हूं कि यदि अगर नियुक्ति में अगर कहीं कोई अनदेखी हुई है तो दुनियां की कोई भी सबसे बड़ी जांच मेरे उपर कराई जाएं उसके लिए मैं तैयार हूं। ईश्वर को साक्षी मानकर जांच में पूरा सहयोग करूंगा। और अगर जांच में दोषी पाया जाता हूं कि नियमों की अनदेखी कर मेरे कार्यकाल में नियुक्ति हुई है,तो प्रदेश की जनता जो सजा देना चाहेगी उसे हंसकर भुगतने के लिए तैयार हूं।

अपनों को नौकरी लगाता तो परिवार के ही 20 से 30 बन जाते शिक्षक
इतना की नहीं अरविंद पाण्डेय का कहना है कि उनके परिवार में 20 से 30 लोगों ने बीएड किया हुआ है,अगर मैं कोई शिफारिश करता तो प्रदेश में मंत्री रहते हुए मेरे कार्यकाल में 15000 के लगभग भर्ती हुई है,उसमें परिवार के कई लोग शिक्षक बन जाते। लेकिन पूरी पारदर्शिता और नियमों को देखते हुए भर्ती हुई है। यहां तक कि अशासकीय स्कूलों में भर्ती के लिए 25 नम्बर के इंटरव्यू को 5 नम्बर का किया गया ताकि शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता आएं और आज अशासकीय स्कूलों में योग्य शिक्षक ही भर्ती हो रहे है। क्योंकि आवेदन करने वाले अभियार्थियों में सबसे पहले टॉप सेवन की मैरिड बनती है,जिन्हे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। जबकि इंटरव्यू में 5 से 3 नम्बर देना अनिवार्य है। यानी के मेरे रहते अनिमियतताओं के जो आरोपा लगते थे। उन आरोपों को दूर किया गया।

उत्तराखंड आन्दोलन में गया हूँ जेल
अरविंद पांडेय का कहना है कि कुछ लोग उनकी छवि यूपी बिहार से होने की भी बताने की कोशिश करते हैं,लेकिन वह साफ कहना चाहते हैं कि वह उधम सिंह नगर के रहने वाले हैं,और उत्तराखंड आंदोलन के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया था,यहां तक कि वह कहना चाहते हैं कि जब वह उधम सिंह नगर में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान अलग राज्य उत्तराखंड बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करते थे, तो उन्हें स्थानीय जनता भी पीटा करती थी और यूपी में रहने के लिए ही उस समय कहती थी। लेकिन उन्होंने उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर मुखरता से उठाया और जेल तक गई लेकिन अब जब उन्हें इस तरह की बातें सुनने को मिलती है तो उन्हें ठीक नहीं लगता है।

शादाब शम्स का बड़ा बयान, उत्तराखंड में गरजेंगे वक्फ बोर्ड के बुलडोजर

भाजपा के तेजतर्रार नेताओं में शुमार शादाब शम्स के हाथों में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की कमान आ गई है। बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने के बाद शम्स ने बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। बाद में उन्होंने बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर विमर्श किया। मीडिया से बातचीत में शम्स ने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियां डेढ़ लाख करोड़ रुपये की थीं, जो अब काफी बढ़ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड की जमीनों पर जगह-जगह बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। माफिया के कब्जे से इन जमीनों को मुक्त कराने के लिए बोर्ड के बुलडोजर गरजेंगे। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था पर भी जोर रहेगा। इसके लिए ऐसे शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे, जिनमें सभी धर्मों के बच्चे पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि बोर्ड की व्यवस्थाओं को भी चुस्त-दुरुस्त किया जाएगा।
बतातें चले कि बुधवार को सचिवालय में हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चुनाव में शम्स को निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। 10 सदस्यीय बोर्ड शामिल विपक्ष के चार सदस्यों ने भी उनके पर सहमति जताई। बोर्ड के नवनिर्वाचित अध्यक्ष शम्स ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बोर्ड की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराना है। इसके लिए दो बुलडोजर खरीदे जाएंगे। इनमें एक गढ़वाल और दूसरा कुमाऊं क्षेत्र में तैनात रहेगा। वक्फ बोर्ड के चुनाव की प्रक्रिया पिछले आठ माह से चल रही थी। 10 सदस्यीय बोर्ड का गठन होने के बाद इन्हीं में से अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाता है। अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूर्व में चम्पावत उपचुनाव के कारण शुरू नहीं हो पाई थी। बाद में इसके लिए सात सितंबर की तिथि तय की गई। सचिवालय में निर्वाचन अधिकारी एवं प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एल फैनई की देखरेख में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। बोर्ड के सभी सदस्यों की ओर से शादाब शम्स के नाम पर सहमति जताए जाने के बाद शम्स ने नामांकन भरा। तय समयावधि बीतने पर निर्वाचन अधिकारी ने शम्स के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रहे शम्स पूर्व में 15 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं। बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष का है।

सितंबर को होगी बोर्ड की पहली
नवनिर्वाचित वक्फ बोर्ड की पहली बैठक 15 सितंबर को होगी। बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार बैठक का एजेंडा तय किया जा रहा है। इसमें बोर्ड की जमीनों से अतिक्रमण हटाने समेत अन्य विषय शामिल किए जा रहे हैं।

भाजपा की सक्रिय राजनीति में अहम चेहरा
शादाब शम्स उत्तराखंड भाजपा की सक्रिय राजनीति में एक अहम चेहरा हैं। बता दें 2021 में भाजपा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा उत्तराखंड के भाजपा नेता शादाब शम्स को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था। भाजपा नेता शादाब शम्स 15 सूत्रीय कार्यक्रम कियान्‍वयन समिति के उपाध्‍यक्ष भी रहे हैं।

वक्फ बोर्ड क्या होता है
वक्फ बोर्ड इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल की व्‍यवस्‍था देखता है। वक्फ बोर्ड न्यायिक व्यवस्था के तहत गठित कानूनी बोर्ड है। वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे बोर्ड के सदस्यों की मंजूरी लेनी जरूरी होती है।

स्मार्ट सिटी के कार्यो में और तेजी लाई जायेगी-प्रेमचन्द अग्रवाल

देहरादून स्मार्ट सिटी के अंतर्गत वित्त, शहरी विकास व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने 5 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही चार विभिन्न स्थानों पर 4 स्मार्ट टॉयलेट का शुभारंभ किया।
गुरुवार को देहरादून स्थित परेड ग्राउंड से कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, सीईओ स्मार्ट सिटी व जिलाधिकारी सोनिका, मेयर सुनील उनियाल गामा, मंडल अध्यक्ष राजपुर रोड विशाल गुप्ता आदि ने संयुक्त रूप से 5 इलेक्ट्रिक बसों को रवाना किया। इसके बाद इलेक्ट्रिक बस पर सवार होकर मंत्री डॉ अग्रवाल स्मार्ट टॉयलेट पहुंचे। यहां रिबन काटकर स्मार्ट टॉयलेट का शुभारंभ किया।
इस दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने स्मार्ट टॉयलेट के संबंध में जानकारी भी प्राप्त की। साथ ही स्मार्ट कॉलेज के लिए सीईओ स्मार्ट सिटी की प्रशंसा भी की।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत कुल 27 परियोजनाएं प्रस्तावित थी जिनमें से 5 परियोजनाओं को पूर्व में ही पूर्ण कर जनता को समर्पित किया जा चुका है, अन्य परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि वर्षा काल के कारण बाधित कार्यों की प्रगति में अब तीव्रता आएगी।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 5 इलेक्ट्रिक बसों का आईएसबीटी से सहस्त्रधारा रुट पर संचालन किया जाएगा। जो देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं ईबे ट्रास कंपनी के मध्य अनुबंध के तहत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देहरादून नगर में वर्तमान में कुल 20 की बसों का बेड़ा तैयार हो गया है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि कुल 21 किलोमीटर के रूट पर 35 बस स्टॉपेज आएंगे। इसका न्यूनतम किराया 10 रुपए है। बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का मुख्य उद्देश्य वायु एवं ध्वनि प्रदूषण मुक्त तथा बेहतर सुविधा युक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा आईएसबीटी से राजपुर रोड एवं आईएसबीटी से सेलाकुई व रायपुर तथा एयरपोर्ट रूट में संचालित 15 बसों के माध्यम से अब तक कुल 980474 यात्रियों को सुविधा युक्त यात्रा मिल पाई है। आप ही एक करोड़ 91 लाख रुपए का राजस्व भी प्राप्त हुआ है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि चार नवनिर्मित की स्मार्ट टॉयलेट जो परेड ग्राउंड, पुरानी तहसील परिसर, सब्जी मंडी परिसर और आईएसबीटी परिसर पर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना में स्वीकृत एक करोड़ 81 लाख रुपए के तहत देहरादून शहर में अभी तक 7 स्मार्ट टॉयलेट का निर्माण किया जा चुका है। जिनमें तीन टॉयलेट्स पूर्व में ही जन सुविधा को देखते हुए शुरू किए गए हैं जबकि चार स्मार्ट टॉयलेट का आज लोकार्पण किया गया।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि इन स्मार्ट टॉयलेट में महिलाओं पुरुषों तथा दिव्यांगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। जिनमें चार डब्ल्यूसी महिलाओं के लिए, 4 डब्लयूसी व सात यूरेनील पुरुषों के लिए तथा एक डब्लयूसी दिव्यांगों के लिए होगा। डॉ अग्रवाल ने बताया कि समस्त स्मार्ट टॉयलेट पूर्ण रूप से जीपीआरएस युक्त हैं। इनमें स्वचालित सफाई व्यवस्था जैसे फ्लशिंग, कांटेक्टलैस हैंड वॉशिंग, हैंड ड्रायर, सोप डिस्पेंसर आदि के साथ महिलाओं के लिए विशेष रूप से सेनेटरी वेंडिंग तथा डिस्पोजेबल मशीन लगाई गई है। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस टॉयलेट के प्रयोग में मुफ्त यूरिनल तथा टॉयलेट हेतु सुविधा शुल्क 5 रुपए निर्धारित किया गया है जिसका भुगतान डिजिटल अथवा कैश के माध्यम से किया जाएगा।